केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने महाराष्ट्र में एक जनसभा में मतदाताओं को रिश्वत स्वीकार करने की बात कह कर विवाद छेड दिया है. उनके इस बयान पर चुनाव आयोग ने आज उन्हें एक कारण बताओ नोटिस जारी किया है. चुनाव आयोग ने पाया कि उनके बयानों ने प्रथम दृष्टया आचार संहिता का उल्लंघन किया है. आयोग ने उनसे बुधवार शाम तक जवाब देने को कहा है और इसमें नाकाम रहने पर चुनाव आयोग बिना सूचना दिये उनके बारे में आगे कोई और फैसला लेगा.
भाजपा के वरिष्ठ नेता गडरकी ने लातूर में एक जनसभा में कहा, अब, मैं आपका मुंह देख रहा हूं और चेहरा पढकर भविष्य जानने का मुझे कुछ कौशल प्राप्त है. अगले 10 दिनों में आपको लक्ष्मी दर्शन का मौका मिलेगा. विशेष लोगों को विदेशी, सामान्य लोगों को देशी ब्रांड मिलेगा. उन्होंने कहा, महंगाई के इन दिनों में एक चीज ध्यान में रखिए, जो मन में आए खाइए और जो इच्छा हो पीजिए. आपको जो कुछ मिले रख लीजिए. यह ऐसा वक्त है जब गैरकानूनी तरीके से जमा किया गया धन गरीबों के पास जाता है. इसलिए लक्ष्मी को ना नहीं कहें. लेकिन वोट देते समय जरुर सोचें. आपका वोट महाराष्ट्र के विकास के लिए होना चाहिए. चुनाव आयोग ने उनके बयान की सीडी की प्रतियों के साथ उनके मराठी भाषण के संबद्ध अंश का अंग्रेजी अनुवाद भेजा है. चुनाव आयोग ने कहा कि लातूर के जिला चुनाव अधिकारी ने उन्हें सूचना दी है कि गडकरी ने निलेंगा विधानसभा क्षेत्र में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कथित तौर पर मतदाताओं को रिझाने के लिए ये बयान दिए कि यदि उन्हें कोई रिश्वत की पेशकश करें तो ले लें और फिर यह फैसला करें कि किसे वोट देना है.
आयोग ने कहा है कि उनका बयान रिश्वत लेने के लिए उकसाने और इसे बढावा देने का चुनावी अपराध होगा क्योंकि इसमें खाने, पीने या मनोरंजन की पेशकश शामिल है. गडकरी ने पत्रकारों से कथित तौर पर यह कह कर एक और विवाद पैदा कर दिया कि चुनावी मौसम में उन्हें कांग्रेस और राकांपा से जो कुछ (रकम) मिले उसे रख लें. उन्होंने शनिवार को तटीय कोंकण के सावंतवाडी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए यह कहा था. उन्होंने कहा, अगले 10-12 दिनों में आप पत्रकारों को लक्ष्मी दर्शन होंगे. भाजपा नेता ने कहा, चाहे वे संवाददाता हों या संपादक, संवाददाताओं, अखबारों और उनके मालिकों के लिए अलग-अलग पैकेज हैं. उन्होंने कहा, दिवाली आ गई है. मेरा एक अनुरोध है, आपको जो कुछ भी मिले उसे रख लें. जो कुछ भी आप खा सकते हैं खाएं. हालांकि, राज्य सचिवालय एवं विधानमंडल पत्रकार एसोसिएशन ने गडकरी की टिप्पणी की आलोचना की है. मंत्रालय विधानमंडल वर्तहार संघ के अध्यक्ष प्रवीण पुरो ने यहां कहा, गडकरी की टिप्पणी काफी आपत्तिजनक है.
महाराष्ट्र में 15 अक्तूबर को विधानसभा चुनाव होने हैं. गडकरी ने कथित तौर पर लोगों से कहा कि महिलाओं को साडियां मिलेंगी जबकि युवकों को शर्ट-पैंट. आयोग ने गडकरी को आदर्श आचार संहिता के पैरा एक के उप पैरा चार की भी याद दिलायी, जिसमें कहा गया है कि पार्टियां और उम्मीदवार ऐसी सभी गतिविधियों से दूर रहेंगे जो चुनाव कानून के तहत अपराध और 'भ्रष्ट आचरण' में आता है, जैसे कि मतदाताओं को धन की पेशकश करना.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें