देवेंद्र फडणवीस को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद के लिए उनकी पार्टी भाजपा द्वारा नामित किए जाने के एक दिन बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भावी कार्ययोजना पर चर्चा करने के लिए बुधवार को पार्टी के शीर्ष नेताओं के साथ बैठक की लेकिन इस बात के संकेत नहीं है कि पार्टी भाजपा की अगुवाई वाली सरकार में फिलहाल शामिल होगी।
एक शीर्ष भाजपा नेता ने कहा कि शिवसेना के साथ कोई बातचीत नहीं चल रही है और शुक्रवार को नयी सरकार के शपथ लेने के बाद ही वार्ता होगी। फड़णवीस के कल भाजपा विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद दोनों ही दल सुलह की मुद्रा में हैं। शिवसेना प्रवक्ता नीलम गोरे ने उद्धव के निवास मातोश्री के बाहर संवाददाताओं से कहा कि पार्टी के अंदर चर्चा चल रही है। उद्धवजी भाजपा की अगुवाई वाले मंत्रिमंडल में शामिल हुआ जाए या नहीं, के विषय पर अंतिम निर्णय लेंगे।
नीलम ने वहां वरिष्ठ नेताओं सुभाष देसाई, अनिल देसाई और विनायक राउत के साथ बैठक में शिरकत की। सुभाष देसाई और अनिल देसाई दिल्ली में भाजपा नेताओं के साथ पर्दे के पीछे चल रही वार्ता में शामिल थे। जब एक शीर्ष केंद्रीय भाजपा नेता से पूछा गया कि क्या शिवसेना के सरकार में शामिल होने के सिलसिले में उसके साथ चर्चा में कोई उपलब्धि हासिल हुई है, उन्होंने कहा कि 31 अक्टूबर को शपथ ग्रहण समारोह हो जाने के बाद ही आगे वार्ता होगी। उन्होंने पहचान उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा कि शिवसेना के साथ कोई बातचीत नहीं चल रही है। हमारा पूरा ध्यान बस 31 अक्टूबर को भव्य और सफल बनाने पर है। हम उसके बाद ही वार्ता कर पायेंगे।
कल दोनों दलों ने सुलह के संकेत दिए थे। शिवसेना प्रवक्ता और सांसद संजय राउत ने कहा, भाजपा और शिवसेना के रक्त समूह एक ही है। उन्होंने मीडिया की इन खबरों का खंडन किया कि शिवसेना दोनों पूर्व भगवा सहयोगियों के बीच एकजुटता के लिए उपमुख्यमंत्री और अहम विभागों की मांग जैसी शर्तें लगा रही है। भाजपा नेतृत्व इस बात पर जोर दे रहा है कि शिवसेना सरकार में शामिल हो जाए लेकिन, बिना किसी शर्त के। पार्टी के महाराष्ट्र मामलों के नवनियुक्त प्रभारी महासचिव जे पी नडडा ने कहा, हम चाहते हैं कि शिवसेना हमारे साथ आए। यह हमारी इच्छा है। शीघ्र ही एक सकारात्मक परिणाम सामने आएगा।
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