राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच रिश्तों में तल्खी साफ नजर आने लगी है। लोकसभा चुनाव के बाद जब वसुंधरा राजे ने पहली बार जयपुर में एक जनसभा को संबोधित किया, तो उनके निशाने पर नरेंद्र मोदी थे। राजस्थान की मुख्यमंत्री ने मोदी का नाम लिए बिना कहा, 'कोई व्यक्ति इस गुमान में ना रहे कि उसकी वजह से राजस्थान में लोकसभा की 25 सीटें आई हैं'।
केन्द्र में महज एक राज्यमंत्री बनने से मोदी और वसुंधरा राजे के बीच मनमुटाव की खबरें आती रही हैं। उपचुनाव में चार में से तीन सीटों पर शिकस्त मिली और वसुंधरा राजे तीन दिनों तक दिल्ली में बैठी रहीं। लेकिन चुनावी व्यस्तता की वजह से बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने मिलने का वक्त नहीं दिया। इसके बाद एक ओवरब्रिज के उद्घाटन के मौके पर वसुंधरा राजे ने जुबान खोली, तो हर किसी को लगा निशाना मोदी थे। जहां हर कोई भारी संख्या में सीटें जीतने का श्रेय नरेन्द्र मोदी को दे रहा है। वहीं वसुंधरा को राज्य में चुनावी सफलता का सेहरा मोदी के सिर बंधना रास नहीं आ रहा।
जनसभा को संबोधित करते हुए वसुंधरा ने कहा, 'लोकसभा चुनाव में आपने 25 सांसद भेजे और विधानसभा चुनाव में 163 विधायक आपने जिताए। किसी व्यक्ति को ये गुमान नहीं होना चाहिए कि ये जीत उसकी वजह से मिली है। जनता जिताने निकलती है तो दिल खोलकर और हराने निकलती है तो घर भेज देती है' इसके बाद वसुंधरा ने कहा, 'स्वच्छ भारत अभियान के बारे में पूछताछ के लिए दिल्ली से फोन आया, तो हमने कहा कि ये तो अब कर रहे हैं, हमने तो अपने बजट में इसका प्रावधान किया है। 2003 में ही झाड़ू लगाकर इसकी शुरुआत कर दी। वसुंधरा राजे ने 2 अक्टूबर को सफाई की शुरुआत देरी से एक गांव में की थी। इस वजह से दिल्ली से पूछताछ के लिए मैसेज आ गया। इसके अलावा वसुंधरा की नाराजगी की वजह महाराष्ट्र और हरियाणा चुनाव में प्रचार के लिए घनश्याम तिवाड़ी और रामदास अग्रवाल जैसे नेताओं को बुलाया जाना भी है। वसुंधरा के बयानों के बाद बीजेपी की अंदरुनी राजनीति एक बार फिर गरमा गई है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें