पटना 08 जून। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने बिहार में इंसेफ्लाइटिष रोग से मरने वाले बच्चों की संख्या में हो रही वृद्धि पर गहरी चिन्ता व्यक्त की है। पिछले कई दिनों से बिहार में इंसेफ्लाइटिष का कहर जारी है। पार्टी ने राज्य और केन्द्र सरकार से मांग की है कि इसके रोकथाम के लिए युद्ध स्तर पर कार्रवाई करे। आज यहां जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में पार्टी के कार्यकारी राज्य सचिव मो॰ जब्बार आलम ने कहा कि अकेले मुजफ्फरपुर जिले में इंसेफ्लाइटिष से 30 ज्यादा बच्चे-बच्चियों की मौत हो चुकी है। इस रोग से बीमार पड़ने वाले बच्चों की संख्या निरन्तर बढ़ती जा रही है। यह खतरनाक रोग अब बिहार के दूसरे जिलों में भी अपना पैर पसार रहा है। गया जिले में भी अब तक इस रोग से दो बच्चों की मौत हो चुकी है। अन्य जिलों को भी इस रोग की चपेट में आ जाने की आषंका है।
श्री आलम ने कहा कि इस बीमारी से मरने वाले बच्चों को समय पर और समुचित इलाज नहीं हुआ। एसकेएमसीएच, मुजफ्फरपुर में तो पीडि़त बच्चों के इलाज के लिए पर्याप्त डाक्टर भी नहीं थे। रोगी बच्चों को निजी अस्पतालों में भी भत्र्ती कराना पड़ा। अगर सही समय पर सही इलाज होता तो अनेक बच्चों की जान बच सकती थी। राज्य में जो स्वास्थ्य केन्द्र हैं वे अक्षम हैं। वहां पर आवष्यक इलाज के लिए पर्याप्त साधन नहीं हैं। रोग पीडि़त बच्चों को बड़े शहरों के अस्पतालों में लाना पड़ता है। अगर स्वास्थ्य केन्द्रों को सभी अवष्यक साधनों के साथ सक्षम बना दिया जाय तो पीडि़तों का इलाज समय पर हो सकेगा और उनकी जान बचायी जा सकती है।
श्री आलम ने कहा कि सरकारी अधिकारी झूठे बयान दे रहे हैं कि मरीजों को स्वास्थ्य केन्द्रों पर नहीं लाया जाता है। बल्कि सीधे बड़े शहरों के अस्पतालों में लाया जाता है। तब तक देर हो चुकी होती है और पीडि़त बच्चे मौत के गाल में समा गये होते हैं। सच्चाई यह है कि स्वास्थ्य केन्द्रों पर इस बीमारी से बचाव एवं इलाज के लिए आवष्यक सुविधा उपलब्ध नहीं है। इसलिए अभिभावक रोगी को वहां नहीं ले जाते हैं और मजबूरी में उन्हें दूर शहरों के अस्पतालों में रोगी को इलाज के लिए ले जाना पड़ता है। मुजफ्फरपुर जिले में 30 से ज्यादा की मौत हो चुकी है। अगर समय पर इलाज होता तो उनमें से कइयों की जान बच जाती है। इन बच्चों की मौत के लिए राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही और कुव्यवस्था जिम्मेवार है।
बयान में कहा गया है कि इंसेफ्लाइटिष तेजी से राज्य के अन्य जिलों में भी फैल रहा है। इसलिए राज्य सरकार और केन्द्र सरकार युद्ध स्तर पर इस रोग के रोकथाम के लिए कारगर कार्रवाई करे और सभी स्वास्थ्य केन्द्र को सभी आवष्यक संसाधनों से लैस करे।
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