हुदहुद के बाद अब नीलोफर चक्रवात का असर दिखने लगा है. अरब सागर में उठा समुद्री तूफान नीलोफर अगले 24 घंटे के अन्दर देश के पश्चिमी किनारे तक पहुंच जाएगा. अभी यह मुंबई से 1270 किमी दूर अरब सागर में है. मौसम विभाग के अनुसार यह गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान और मध्यप्रदेश को प्रभावित कर सकता है. गुजरात सरकार ने कांडला बंदरगाह के लिए अलर्ट जारी कर दिया है.
अगले 24 घंटे के दौरान नीलोफर के और भयंकर रूप में तेज होने पर गुजरात के तटीय जिलों में 30 अक्टूबर से छिटपुट स्थानों खूब बारिश होने की आशंका है. भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने रविवार को एक बयान में कहा कि अरब सागर के पश्चिम मध्य और उसके आसपास दक्षिण पश्चिमी इलाके से चक्रवातीय तूफान नीलोफर आंशिक रूप से उत्तर की ओर बढ़ा और रविवार शाम साढ़े पांच बजे गुजरात के नलिया से दक्षिण पश्चिम दिशा में 1240 किलोमीटर की दूरी, पाकिस्तान के कराची से दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में 1300 किलोमीटर की दूरी पर और ओमान के सलाह से दक्षिण-पूर्व में 900 किलोमीटर की दूरी पर केंद्रित था.
नीलोफर अगले 24 घंटे के दौरान भयंकर चक्रवाती तूफान के रूप में और तेज होगा. साथ ही यह अगले 48 घंटे के दौरान उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ेगा. फिर वह उत्तरपूर्व की ओर मुड़ जाएगा और 31 अक्टूबर की सुबह तक उत्तरी गुजरात व समीप में पाकिस्तान के तटीय इलाकों में पहुंचेगा.
मौसम विभाग ने कहा, 'इस चक्रवात के प्रभाव से सौराष्ट्र व कच्छ के तटीय जिलों में 30 अक्टूबर सुबह से छिटपुट स्थानों पर भारी वर्षा होने लगेगी.' उसने कहा कि 30 की सुबह से गुजरात तट और उससे दूर समुद्र में 45-65 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवा बहेगी. समुद्र की दशा खराब से काफी खराब रहेगी. विभाग ने मछुआरों को सलाह दी है कि वे तट से लौट आएं.
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