चीनी उत्पादों का कब्जा बरकरार। सोने-चांदी के सिक्कों से लेकर चांदी के नोट भी हैं बाजार में। बर्तनों का बाजार भी बने है आकर्षण केन्द्र, मल्टीयूजर बर्तनों के अलावा हाईटेक बर्तनों की खूब हो रही खरीदारी तमाम स्वयंसेवी संगठनों के बहिष्कार व अपील के बावजूद बाजारों में चीनी उत्पादों का कब्जा इस बार भी बरकरार है। खास बात यह है कि उपभोक्ता से इसके उत्पादों में काफी रुची दिखाने के साथ ही खरीददारी भी कर रहे है। चांद सितारों की तरह की तरह घर को सजाने की उम्मीदें पाले लोग मिट्टी के दीये के साथ ही इलेक्टिक लाइटों की भी खरीददारी कर रहे है। बाजार में लोगों को लुभाने के लिए कई तरह की आकर्षकलाइटें मौजूद है। एलईडी लाइट का कुछ ज्यादा ही क्रेज दिखने को मिल रहा है। बर्तनों की भी दुकानें सज चुकी हैं। दुकानें आज से ही जगमग रोशनी से नहा रहे हैं। माना जा रहा है कि मंगलवार को धनतेरस के मौके पर बिक्री में तेजी आयेगी। ग्राहकों को लुभाने के लिए चांदी की मूर्तियों से लेकर सोने-चांदी के सिक्कों के अलावा भी विभिन्न उत्पाद पेश किए गए हैं। सस्ता होने की वजह से फैंसी लाइटों को लोग पसंद कर रहे है। माइनस प्वाइंट इनकी यह है कि कोई गारंटी नहीं होती। इतना ही नहीं होम एप्लायंस व इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद कारोबारी भी धनतेरस की बुकिंग में काफी व्यस्त दिखे। बाजारों में भारी संख्या में लोग खरीदारी करने पहुंचे। इस दौरान पटाखे, रोशनी की लडि़यों, सजावटी सामानों, इलेक्ट्रॉनिक्स और गारमेंट की दुकानों पर ग्राहकों की भारी भीड़ नजर आई।
बाजार में इस बार एलईडी लइट का बोलबाला, जिसमें एलईडी स्टीप, एलईडी रोप लाइट, एलईडी मूविंग लाइट, राॅकेट लाइट के अलावा स्वास्तिक, ओम, शुभ लाभ, हैप्पी दीपावली आदि लिखी लाइटे भी बिक रही है। इस बार डीजे लाइट भी काफी पसंद की जा रही है। इस लाइट को आंगन हाॅल के बीच में लगा दिया जाता है, जिसे आॅन करने पर तरह-तरह के रंगों की लाइट किरणें बिखेरती है। बाजार में रिमोट से कंटोल होने वाली लाइटे भी उपलब्ध कराई गयी है। इस रिमोट से न सिर्फ लाइट को आॅन-आॅफ किया जा सकता है बल्कि लाइट के रंग भी बदल सकते है। रिमोट पर ही रंग का बटन होता है। ये मुख्य रुप से चार या पांच रंग के होते है। इसके अलावा अपने आप बदलने के लिए मिक्स रंग वाला बटन भी होता है। घर के बाहर सजावट की लाइट के साथ बेडरुम व डाइनिंग रुम के लिए भी लाइट उपलब्ध है। रुम के लिए लोग फाॅल्स सिलिंग में या अपने फर्नीचर के पीछे इन्हें लगवा रहे है। इससे रुम को अलग लूक मिल रहा है। डाइनिंग रुम के लिए भी अलग तरह की लाइटें है। लोग हल्के फैंसी झूमर भी खरीद रहे है। इनकी इन लाइटों की कीमत 40 से 800 रुपये रुपये तक है।
धनतेरस के मौके पर बिक्री में बढ़ोतरी की आस में बैठे आभूषण कारोबारियों ने सोने-चांदी के सिक्कों से लेकर चांदी के नोट भी लांच किए हैं। इस मौके पर विशेष रूप से गणोश-लक्ष्मी, शिव-पार्वती की चांदी की मूर्तियां पेश की गई हैं। धनतेरस के दौरान भारी संख्या में लोग निवेश के लिहाज से भी आभूषण की खरीदारी करते हैं, इसे ध्यान में रखते हुए सोने के हल्के आभूषण भी बाजार में उतारे गए हैं। आभूषण कारोबारियों के मुताबिक पिछले साल के त्योहारी मौसम की तुलना में इस बार कारोबार में काफी सुस्ती है, इसके बावजूद अक्टूबर बेहतर रहा है। ऐसे में उम्मीद है कि धनतेरस पर भारी संख्या में लोग खरीदारी के लिए पहुंचेंगे। इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद के कारोबारी भी धनतेरस के लिए एडवांस बुकिंग में लगे हुए हैं। इस मौके पर विभिन्न उत्पादों पर 20 से 25 फीसद तक की छूट भी उपलब्ध कराई जा रही है। बाजार में दस ग्राम और 20 ग्राम के सोने और चांदी के सिक्के पेश किए गए हैं। इसके अलावा चांदी की मूर्तियां भी मौजूद हैं। सोने-चांदी के सिक्कों के साथ चांदी के 500 और 1000 रुपये के नोट भी लांच किए हैं जो लोगों को काफी पसंद आ रहे हैं। इस मौके पर लोग रिवाज पूरा करने के लिए तो खरीदारी करते ही हैं साथ ही उनका उद्देश्य निवेश का भी होता है। पटाखा दुकानों में काफी भीड़ रही। बच्चों के चहेते सीरियल स्पाइडर मैन के पिक्चर वाले रॉकेट की धूम मची है। सबसे ज्यादा डिमांड कई रंगों वाली चकरगिन्नी, अनार, रॉकेट की थी। वहीं आसमान में जाकर कई रंगों दिखाने वाले पटाखे अधिक बिक रहे थे। दीपावली पर जलाने के लिए कई तरह की डिजाइनर कैंडिल बिक रही हैं। दुकानों में लालटेन के अंदर शंख वाली कैंडिल लोगों को खूब पसंद आ रही है। इसके अलावा दीपावली पर बाजारों में मोबाइल फोन, टेबलेट, लैपटॉप समेत तमाम गैजेट भी लोग खूब खरीद रहे हैं।
मार्केट में बर्तनों की रेट लिस्ट भी बन कर तैयार हो गई है। कारोबारियों के मुताबिक टील के बर्तन में डम सेट, कूकर, इटली स्टैंड लोगों की पसंद बनी हुई है। कांसा व पीतल के बर्तन भी बिक रहे है। इंडक्शन चूल्हें भी लोग खरीद रहे है। पूजा के बर्तनों में लोटा-थाली व दीया आदि भी बिक रही है। दो पहिया से लेकर चार पहिया वाहनों की डिमांड दिपावली और धनतेरस पर नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है। धनतेरस के शुभ मौके पर नई गाडि़यों की जमकर खरीदारी के चलते शोरूम मालिकों ने भी हर मॉडल में विभिन्न रंगों एवं डिजाइन की गाडि़यां स्टॉक में मंगवा ली हैं। ताकि धनतेरस के दिन किसी भी ग्राहक की इच्छा अधूरी न रह जाए। बाजारों की दुकानें बर्तनों, बंदनवारों और जगमग रोशनी वाली लाइटों से पट गईं है। बाजार बस धनतेरस पर ग्राहकों की राह तक रहे हैं। वहीं दीपावली से पहले का आखिरी रविवार होने के चलते बाजारों में भीड़ से रौनक बढ़ गई है। बाजारों में जमकर भीड़ जुटी और दीपावली की तैयारियों को लेकर खूब खरीददारी हुई। धनतेरस से दीवाली के बीच तीन दिन सभी दुकानों एवं वाणिज्य अधिष्ठानों को खुले रहने की अनुमति प्रदान की है। बताया कि 26 अक्तूबर को साप्ताहिक बंदी का दिन निश्चित किया गया है। विभिन्न बाजारों में रौनक दिखी। इस दौरान लोगों को जगह-जगह पार्किंग और जाम की समस्या से भी दो-चार होना पड़ा।
दीवाली के दिन इस दिन घर को रोशन करने के लिए आकर्षक लाइटों एवं दीयों की खरीद की जाती है। मिट्टी के दीयों के अलावा मोम के सुंदर दीये भी लोगों को अपनी ओर खींच रहे हैं। फुटपाथ या गली मोहल्लों में लगाई गईं दुकानें भी इस तरह सजाई गई हैं कि राह चलते लोग रुकने को मजबूर हो जाएं। यह तो निश्चित है कि दीवाली पर लोग दिल खोलकर खर्च करेंगे। इस बार दीवाली में आधुनिकता हावी हुई है। बात करें भगवान की मूर्तियों की, महालक्ष्मी और भगवान श्रीगणोश जी की इलेक्ट्रॉनिक्स मूर्तियों से बाजार गुलजार हो रहा है। इसके अतिरिक्त श्री गायत्री मंत्र का उच्चारण करती मूर्तियां, ओम नमरू शिवाय का जाप करती मूर्तियां एवं महालक्ष्मी कथा का उल्लेख करती मूर्तियां बाजार में शोभायमान हैं। बाजार में सजी तांबे की मूर्तियां भी लोगों को अपनी ओर खींच रही हैं। दीपों के बिना दीवाली का पर्व अधूरा है। शहर के हर चैक-चैराहे में मिट्टी के दीप सज चुके हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार में प्लास्टिक के दीप की खूब मांग हैं। लोगों को आकर्षित करने के लिए दुकानों पर खरीदारी करने पर छूट मिलने लग गई है। लोग भी इन दुकानों पर दीवाली में एक दूसरे को देने के लिए उपहार खरीदते नजर आ रहे हैं। अपनों को उपहार देने के लिए बाजार में क्राकरी की भारी वैरायटी है। बजट के अनुसार बाजार में 150 रुपये से लेकर 5000 रुपये तक की कीमत के क्राकरी वाले उपहार उपलब्ध हैं।
(सुरेश गांधी)
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