प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पाकिस्तान से लगती सीमा पर सब कुछ जल्द ही ठीक हो जाएगा। वहीं सरकार ने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान की ओर से की जा रही पूरी तरह से बिना उकसावे की गोलाबारी का भारत मुंहतोड़ जवाब दे रहा है और यह तब तक जारी रहेगा जब कि दूसरा पक्ष यह बंद नहीं कर देता। शीर्ष सरकारी सूत्रों ने कहा कि वार्ता तभी हो सकती है जब पाकिस्तान गंभीरता दिखाए। सूत्रों ने साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि भारत संयुक्त राष्ट्र सहित किसी भी तीसरे पक्ष का हस्तक्षेप स्वीकार नहीं करेगा जिससे पाकिस्तान ने सम्पर्क किया है। वायुसेना दिवस के मौके पर वायुसेना प्रमुख अरूप राहा की ओर से आयोजित जलपान में शामिल मोदी से जब पाकिस्तान की ओर से किए जा रहे संघर्षविराम उल्लंघनों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जल्द ही सब कुछ ठीक हो जाएगा।
मोदी ने इस बारे में और कुछ नहीं कहा लेकिन शीर्ष सरकारी सूत्रों ने कहा कि भारत पाकिस्तान की दबाव वाली कूटनीति के आगे घुटने नहीं टेकेगा और पाकिस्तान की गोलाबारी का करारा जवाब देगा। सूत्रों ने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान की पूरी तरह से बिना उकसावे की कार्रवाई का भारत मुंहतोड़ जवाब दे रहा है। सूत्रों ने पाकिस्तानी मीडिया की खबरों को उद्धत किया और कहा कि गत दो दिनों के दौरान उस ओर 35 लोग मारे गए हैं। इनमें से 20 कल मारे गए थे जबकि 15 उससे एक दिन पहले मारे गए थे। सूत्रों ने साथ ही यह भी कहा कि इस मृतक संख्या की कोई भी स्वतंत्र पुष्टि नहीं हुई है। सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान को रुकना चाहिए। हम केवल अपनी संप्रभुता की रक्षा कर रहे हैं। सूत्रों ने कहा कि हमने उकसावे की कार्रवाई नहीं की और हम अपनी कार्रवाई में कमी नहीं करेंगे।
यह उल्लेख किए जाने पर कि यह लंबे समय तक चलने वाला मामला हो सकता है, सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान यदि नहीं रुका तो भारत लंबी कार्रवाई के लिए तैयार है। भारत का मानना है कि पाकिस्तान ने यह कार्रवाई मामले को गरम करने और बार बार मुंह की खाने के बाद कश्मीर मुद्दे को केंद्र बिंदु में लाने के लिए किया है। सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान ने मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में उठाने का प्रयास किया था जिसमें वह सफल नहीं हुआ और संभव है कि वह अब स्थिति को बढ़ा रहा है ताकि विश्व समुदाय का ध्यान आकृष्ट कर सके।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और सेना प्रमुख दलबीर सिंह सुहाग ने भी प्रधानमंत्री को जम्मू कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा से लगे क्षेत्र की वर्तमान सुरक्षा स्थिति के बारे में जानकारी दी।
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