केन्द्र सरकार ने विदेशों में काला धन जमा करने वालों के खिलाफ अभियान के तहत डाबर समूह के एक प्रवर्तक प्रदीप बर्मन सहित दो प्रमुख व्यवसायियों तथा गोवा की एक खनिज कंपनी और उसके पांच निदेशकों के नामों की जानकारी सोमवार को उच्चतम न्यायालय को दी। न्यायालय में दाखिल 16 पेज के केन्द्र के हलफनामे में राजकोट स्थित सर्राफा कारोबारी पंकज चिमनलाल लोढ़ीया और गोवा की कंपनी टिंब्लो प्रा लि तथा उसके पांच निदेशकों श्रीमती राधा एस टिंब्लो, चेतन टिंब्लो, रोहन टिंब्लो, श्रीमती अन्ना टिंब्लो और श्रीमती मल्लिका टिंब्लो के नामों का उल्लेख है।
फ्रांस सरकार से मिली सूचना के आधार पर बर्मन के खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू की गई थी जबकि अन्य के मामले दूसरे देशों से मिली सूचना पर आधारित हैं जिनके नामों का जिक्र वित्त मंत्रालय के हलफनामे में नहीं था। इन नामों का खुलासा करने के प्रति टालमटोल रवैया अपनाने के आरोप के साथ राजनीतिक प्रतिद्वन्द्वियों का निशाना बन रही सरकार ने इस हलफनामे में काला धन जमा करने वाले उन व्यक्तियों के नामों का और खुलासा करने का वायदा किया है जो उसकी जांच के दायरे में आए हैं लेकिन साथ ही उसने कहा है कि विदेशी बैंकों में सभी खातों को गैरकानूनी नहीं कहा जा सकता है।
न्यायालय में पहले दायर किए गए हलफनामे के बाद सरकार ने यह अतिरिक्त हलफनामा दाखिल किया है। पहले हलफनामे में सरकार ने कहा था कि विदेशी बैंकों में खाता धारकों के नामों का उस समय तक खुलासा नहीं किया जा सकता जब तक उनके खिलाफ कर चोरी के साक्ष्य नहीं हों और भारत में उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू नहीं की गई हो। शीर्ष अदालत में नामों का खुलासा होने के तुरंत बाद ही डाबर इंडिया प्रमोटर परिवार बर्मन ने कहा कि इस खाते के बारे में सभी कानूनी औपचारिकतायें पूरी की गई हैं। डाबर के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि यह खाता उन्होंने (प्रदीप) ने उस वक्त खोला था जब वह प्रवासी भारतीय थे और उन्हें कानूनी रूप से यह खाता खोलने की अनुमति थी।
प्रवक्ता ने कहा कि हमने सारे कानूनों का पालन किया है और इस खाते के बारे में आवश्यक सारी जानकारी स्वेच्छा से आयकर विभाग को दी गई है और देय कर का समुचित भुगतान किया गया है। लोढ़ीया ने स्विस बैंक में खाता होने से ही इंकार किया है। उन्होंने कहा है, हम पहले ही आयकर विभाग के समक्ष इसकी घोषणा कर चुके हैं और इसमें कुछ भी नहीं है। हमारा कोई भी स्विस खाता नहीं है और मैं सिर्फ यही कह सकता हूं। राधा टिंब्लो ने हलफनामे में उनके नाम का जिक्र होने पर कोई भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि इस पर टिप्पणी करने से पहले वह इसका अध्ययन करेंगी।
डाबर इंडिया की स्थापना करने वाले बर्मन परिवार ने अपने एक सदस्य प्रदीप बर्मन को विदेशी बैंक खाताधारक के तौर पर नामजद किए जाने के बीच कहा है कि संबंधित खाते के मामले में हर तरह की कानूनी शर्तें पूरी की गई हैं। डाबर के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि हम कहना चाहते हैं कि यह खाता तब खोला गया था, जब वह (प्रदीप) प्रवासी भारतीय (एनआरआई) थे और उन्हें यह खाता खोलने की कानूनी छूट थी। प्रवक्ता ने कहा कि हमने हर कानून का अनुपालन किया है और इस खाते से जुड़ी सारी जानकारी स्वैच्छिक तौर पर और कानून के अनुसार आयकर विभाग को दी गई थी और जो भी कर बनता था उसे समुचित रूप से चुकाया गया है। डाबर रोजमर्रा के इस्तेमाल के उत्पाद बनाने वाली घरेलू कंपनी है। प्रदीप बर्मन फिलहाल इसमें किसी पद पर नहीं हैं। वह एक समय डाबर इंडिया के पूर्णकालिक निदेशक थे।
बयान में अफसोस जताया गया है कि कानूनी और गैरकानूनी विदेशी बैंक खातों में भेद नहीं किया गया है। प्रवक्ता ने कहा, अफसोस है कि हर उस व्यक्ति को एक निगाह से देखा जा रहा जिसका विदेशी बैंक में खाता है। उन्होंने कहा कि बर्मन परिवार कंपनी संचालन के उच्चतम मानदंडों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध है और वह सभी स्तरों पर नैतिक व्यवहार को प्रोत्साहित करता है।
काले धन मामले में सरकार की ओर से उच्चतम न्यायालय में आज दायर हलफनामे में डाबर के प्रवर्तक बर्मन परिवार के प्रदीप बर्मन का नाम शामिल होने की खबर के फैलते ही आज दिन में बंबई शेयर बाजार में डाबर इंडिया का शेयर 9 प्रतिशत तक लुढ़क गया। बीएसई में यह 8.98 प्रतिशत की गिरावट के साथ 196.40 रुपये पर तथा नेशनल स्टाक एक्सचेंज (एनएसई) 8.94 फीसदी गिरकर 196.55 रुपये पर चल रहा था। बाद में यह सुधर कर एक बजे के आस पास 3.71 फीसद की कमजोरी के साथ 207.80 रुपये पर चल रहा था।
शहर के सर्राफा कारोबारी पंकज लोढ़िया, जिनका नाम काले धन से जुड़े मामले में केन्द्र द्वारा उच्चतम न्यायालय में दाखिल हलफनामे में है, ने सोमवार को इस बात से इनकार किया कि विदेशी बैंक में उनका कोई खाता है। उन्होंने कहा कि सूची में अपना नाम आने पर वह हैरान हैं। लोढ़िया ने संवाददाताओं से कहा कि स्विस बैंक में मेरा कोई खाता नहीं है। मेरा कोई विदेशी बैंक खाता नहीं है। मुझे इस बारे में मीडिया से पता चला। मैं हैरान हूं। उन्होंने कहा कि मैंने आयकर विभाग को अपनी सारी संपत्ति का ब्यौरा दिया है। यह पूछे जाने पर कि उनका भविष्य का कदम क्या होगा, लोढ़िया ने कहा कि हम सभी अभिकरणों का सहयोग करेंगे और कानूनी प्रक्रिया का पालन करेंगे। लोढ़िया शहर की सर्राफा कारोबार कंपनी श्रीजी ट्रेडिंग कंपनी के मालिक हैं। स्वर्ण व्यापार के लिए देश के सभी बड़े शहरों में इसके कारोबारी संपर्क हैं। कंपनी घरेलू उपभोक्ताओं, आभूषण निर्माताओं, स्वर्णकारों, जौहरियों और अर्ध थोक विक्रेताओं को थोक सर्राफा बिक्री करती है।
कालाधन मामले में आयकर विभाग ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी पूर्व केन्द्रीय मंत्री परनीत कौर को नोटिस दिया है। परनीत कौर संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में विदेशराज्य मंत्री थीं। एक निजी टेलीविजन के साथ बातचीत में परनीत कौर ने आयकर का नोटिस मिलने की बात स्वीकार की है। उन्होंने माना है कि विदेश में कथितरूप से काला धन रखने के मामले में उनके खिलाफ जांच हो रही है। हालांकि उन्होंने इस बात का खंडन किया है कि उनके पास कोई काला धन है।
कौर ने साफ किया कि विदेशों में उनके नाम पर कोई खाता नहीं है। उधर मीडिया में ऐसी रिपोर्टें हैं कि स्विटजरलैंड के बैंकों में अवैध खातों में काला धन जमा कराने वाले जिन भारतीयों की जांच हो रही है। उनमें कांग्रेस के चार नेताओं के भी नाम हैं और परनीत कौर का नाम शामिल है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जांच के दायरे में एक अन्य शख्स उत्तर प्रदेश से पूर्व सांसद हैं तथा महाराष्ट्र के एक बडे राजनीतिक परिवार के दो सदस्यों के नाम भी इसमें शमिल हैं। गौरतलब है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पिछले सप्ताह कहा था कि काला धन रखने वाले खाताधारकों के नामों को जल्द सार्वजनिक किया जाएगा। उन्होंने कहा था कि इन नामों की वजह से कांग्रेस को शर्मिंदगी झेलनी पडेगी। उनके इस बयान पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पीचिदंबरम ने कहा था कि काला धन रखने वालों की सूची के नाम कांग्रेस को कतई शर्मिंदा नहीं करेंगे। उन्होंने कहा था कि कालेधन की सूची में यदि किसी नेता का नाम मिलता है तो यह उसकी अपनी गलती होगी। इससे कांग्रेस पार्टी को नहीं जोडा जा सकता। कांग्रेस ने सोमवार कहा कि सरकार को काला धन जमा करने वालों में से चुनींदा लोगों के नाम उजागर करने की बजाय सभी के नाम बताने चाहिए।
कांग्रेस के प्रवक्ता एवं पूर्व कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि नाम उजागर किये जाने पर हमें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन चुनींदा लोगों के नाम ही बताना ठीक नहीं होगा। उन्होंने कहा कि सरकार को कोई ऐसा कदम नहीं उठाना चाहिए जिससे ऐसा लगे कि वह राजनीति से प्रेरित होकर काम कर रही है। उसे कानून के अनरूप काम करना चाहिए। सरकार ने आज उच्चतम न्यायालय में एक हलफनामा दायर करकाला धन जमा करने वाले तीन लोगों के नाम उजागर किये हैं। इनमें डाबर समूह के पूर्व कार्यकारी निदेशक प्रदीप बर्मन, राजकोट के सर्राफा व्यापारी पंकज चमन लाल लोढिया तथा गोवा की खनन कारोबारी राधा टिम्व्लो का नाम शामिल हैं।
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधे हमला बोलते हुए कहा कि पीएम को चुनावों के दौरान काला धन वापस लाने और सभी गरीब के खातों में उस पैसे से तीन तीन लाख रुपये जमा करवाने के अपने वादे को पूरा करना चाहिए।
आम आदमी पार्टी (आप) ने सरकार पर कालाधन मामले में चुन चुन कर कार्रवाई करने का आरोप लगाते हुए दावा किया है कि अंबानी बंधुओं मुकेश. अनिल उनकी मां कोकिला बेन. जेट एयरवेज के मालिक नरेश कुमार गोयल और यशवर्धन बिडला के भी विदेशी बैंकों में खाते हैं। उच्चतम न्यायालय में आज सरकार की तरफ से कालाधन मामले में तीन लोगों के नाम दिए जाने के बाद यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में आप संयोजक अरविंद केजरीवाल वरिष्ठ नेता और जाने माने वकील प्रशांत भूषण ने आरोप लगाया कि कांग्रेस की तरह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अगुवाई वाली केन्द्र सरकार भी नाम बताने में आनाकानी कर रही है। इस मौके पर आप नेता मनीष सिसौदिया, आशुतोष और संजय सिंह भी मौजूद थे।
केजरीवाल ने कहा कि सरकार ने तीन नाम घोषित किए हैं जबकि विदेशों में कालाधन रखने वालों की सूची में मुकेश धीरुभाई अंबानी, अनिल धीरुभाई अंबानी, रिलायंस समूह की कंपनी मोटेक साफ्टवेयर प्राईवेट लिमिटेड, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, संदीप टंडन, अनु टंडन, कोकिला धीरुभाई अंबानी, नरेश कुमार गोयल, बर्मन परिवार के तीन सदस्य भी हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने जिन तीन नामों का खुलासा किया है उसमें प्रदीप बर्मन का नाम है। आप की तरफ से पहले जारी सूची में भी इनका नाम था । इससे यह बात पुख्ता होती है कि हमने जो पहले खुलासा किया था वह सही था।
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