महाराष्ट्र के ठाणे जिले की भिवंडी की एक मजिस्ट्रेट अदालत ने मानहानि के एक मामले में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को व्यक्तिगत पेशी से मंगलवार को छूट दे दी। मामला लोकसभा चुनाव से पहले प्रचार के दौरान राहुल के आरएसएस के बारे में अपमानजनक टिप्पणियां करने के आरोप से जुड़ा है। प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट एस वी स्वामी ने राहुल को व्यक्तिगत रूप से पेशी से छूट देने का उनके वकील का अनुरोध स्वीकार कर लिया। वकील ने महाराष्ट्र और हरियाणा में विधानसभा चुनाव की वजह से राहुल के व्यस्त कार्यक्रम का हवाला दिया था।
स्वामी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की भिवंडी शाखा के सचिव राजेश कुंते द्वारा दायर मामले में कांग्रेस नेता को आज अदालत में पेश होने के निर्देश दिए थे। कुंते ने कहा था कि राहुल ने ‘आरएसएस के लोगों पर महात्मा गांधी की हत्या करने’ का आरोप लगाकर ‘इतिहास तोड़ा मरोड़ा’ और संगठन को ‘बदनाम’ किया।
अदालत ने राहुल को अब सात जनवरी को सुनवाई के दौरान व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया है। मजिस्ट्रेट ने अदालत में राहुल की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिये 11 जुलाई को भारतीय दंड संहिता की धारा 500 (मानहानि) के तहत उन्हें पेश होने के बारे में आदेश दिया था। राहुल ने छह मार्च को सोनाले गांव में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कथित तौर पर आरएसएस पर महात्मा गांधी की हत्या करने का आरोप लगाया था।
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