एम्स के सीवीओ संजीव चतुर्वेदी को पद से हटाये जाने के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डॉ. हर्षवर्धन से फोन पर चर्चा की और उनसे विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। सूत्रों के अनुसार इस मामले में प्रधानमंत्री को भी पूरी जानकारी नहीं दी गई है। कई तथ्यों को छिपाया गया है। हेल्थ सेक्रेटरी ने लिखा है कि संजीव की नियुक्ति को एम्स की जीबी और आईबी से अप्रूवल नहीं थी जबकि उन्होंने 23 मई को अपनी फाइल पर लिखा है कि संजीव की नियुक्ति को जीबी की 144वीं मीटिंग नवंबर 2010 और आईबी की 144वीं मीटिंग जनवरी 2012 में अप्रूवल मिल चुका है।
रिपोर्ट में पीएमओ को अधूरी जानकारी दी गई है जिसमें यह भी कहा गया है कि संजीव को एम्स के सीवीओ के अतिरिक्त प्रभार से मुक्त किया गया है, जबकि इंस्टिट्यूट द्वारा 7 जुलाई 2012 को जारी नियुक्ति लेटर में स्पष्ट लिखा है कि सीवीओ का कार्यभार ही उनका मुख्य काम होगा और बाकी काम अतिरिक्त प्रभार होगा।
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