आरकेस्ट्रा के नाम पर (किशोरियों) नाबालिगों का यौन शोषण
नरकटियागंज (पच) आरकेस्ट्रा संचालकों के द्वारा नाबालिग बालाओं से खुलेआम व बेखौफ नृत्य के नाम पर शादियों के बारातों में अश्लीलता परोसने का खेल बदस्तुर जारी है। इसका बुरा असर समाज के किशोरवय व युवा पीढी पर सीधे तौर पर पड़ रहा है। बावजूद इसके अश्लीलता के कारोबार से जुड़े लोग, स्थानीय पुलिस प्रशासन के कथित तालमेल से ये सांस्कृतिक प्रदूषण का दौर जारी है। पुलिस विभाग के अधिकारी कार्रवाई करने के बजाय मुकदर्शक बने हुये है। अगर शहर के प्रबुद्धजनों की मानें तो शादी समारोह में बारात के दौरान फूहड़ गीतों पर नाबालिग बालाओं द्वारा नृत्य के नाम पर अश्लीलता परोसने का गंदा धन्धा करना पड़ रहा है। सम्पन्न परिवार के बारातों में आॅरकेस्ट्रा के नाम पर अश्लीलता परोसने से समाज कें कई वर्ग को इस काम को इस कार्य कों सही बताती है। वही इसका बुरा प्रभाव को लेकर जहां महिलायों को शर्मसार होना पडता है। वहीं इसका बुरा असर युवा पिढी के साथ-साथ समाज पर भी पड रहा है। लेकिन स्थानीय पुलिस प्रशासन के अधिकारी नृत्य के नाम पर अश्लीलता परोसने व नाबालिग बालाओं के शोषण की घटनाओं पर अंकुश लगाने की दिशा में कार्रवाई करना उचित्त नहीं समझते। अगर जानकारों की माने तो बंगाल सहित अन्य राज्यों से आरकेस्ट्रा में नृत्य कराने के नाम पर बहला फुसला कर लाया जाता है तथा इनसे जिस्मफरोसी का काम भी करवाया जाता है। आरकेस्ट्रा में नृत्य करने वाली नाबालिग बालाओं के साथ शारीरिक शोषण करने के कई मामले पुलिस के समक्ष भी पहुंचा है लेकिन कार्रवाई के बजाय महज खानापूर्ति कर मामले को रफा दफा कर दिया गया। शहर के धुमनगर चैक, हरदिया चैक, पंडई चैक समेत आस पास के विभिन्न गांवों में सैकडो आरकेस्ट्रा पार्टीयों का संचालन अवैध रूप से बेखौफ व धडल्ले से जारी है तथा आरकेस्ट्रा मे नृत्य कराने के नाम पर नाबालिग बालाओं का शारीरिक शोशण तथा जिस्मफरोसी का खेल भी जारी है।
घटना के लगभग दो वर्ष बाद भी नहीं दर्ज हुई प्राथमिकी
नरकटियागंज(पच) पुलिस की उदासीनता कहे या लापरवाही घटना के एक वर्ष बाद भी मामले की प्राथमिकी दर्ज नहीं की जाती है। सरकार जहाँ घोषणा करती है कि पुलिस जनता के बीच आपसी तालमेल और सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाकर रखे। यहाँ पीडि़त का कहना है कि पुलिस उसके साथ सहयोगात्म रवैया नहीं अपना रही है। गौरतलब है कि अनुमण्डल के गौनाहा प्रखण्ड के लछनौता के एक व्यक्ति की मोबाईल नम्बर 8002395210 पर 25 जनवरी 2013 की शाम एक व्यक्ति ने विधायक नरकटियागंज के नाम पर 5 लाख रूपये की रंगदारी की मांग मोबाईल नम्बर 8294397958 से की अन्यथा उसकी पुत्री को बम से उड़ाने की भी चेतावनी दी। इस मामले में गौनाहा पुलिस के तत्कालीन एसएचओ किरण शंकर ने सत्य बताते हुए शिकारपुर परिक्षेत्र का बताया था। उक्त बाते सूचना के अघिकार के तहत मांगी गयी जानकारी से मिली कि 03 फरवरी 2013 को कैलाश राम अहरार पिपरा निवासी अपने दो पुत्रों व अन्य दो के साथ मंजय के वर्तमान निवास शिकारपुर थाना के नयाटोला स्थित घर का दरवाजा खोलकर घुस आए और धमकाया कि मोबाईल पर धमकी वाला केस नहीं होना चाहिए, उनके लोगों ने मारपीट भी किया और अंगूठी छीन लिया। घटना के उपरान्त मंजयलाल सत्यम ने शिकारपुर पुलिस को इस बाबत मोबाईल पर सूचित कर एक आवेदन दिया और एसडीपीओ संजय कुमार के मोबाईल पर इसकी सूचना भी दी। उक्त आवेदन के उपरान्त तत्कालीन थानाध्यक्ष हिमांशु कुमार सिंह ने सिर्फ यह आश्वासन दिया कि मै गश्ती दल को भेज रहा हूँ अलबत्ता कोई कार्रवाई नहीं किया गया। करीब 70 दिनो तक पुलिस की उदासीनता के बाद मंजयलाल सत्यम ने सूचना का अधिकार के तहत पुलिस अवर निरीक्षक बेतिया से मामले से जुड़ी जानकारी की मांग की तो गौनाहा थानाध्यक्ष (तत्कालीन) किरण शंकर ने जवाब दिया कि मंजयलाल के साथ घटी घटना शिकारपुर थाना क्षेत्र की है और सच है। इस घटना के उपरान्त डीआइजी चम्पारण परिक्षेत्र बेतिया से 12 अप्रील 2013 को सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी गयी कि मंजयलाल के साथ घटित घटना के संबंध में प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं की गयी। उसके बाद उन्होंने पत्रांक 26 दिनांक 22 अप्रील 2013 को बेतिया के पुलिस अधीक्षक से आवेदक को सूचना उपलब्ध काराने का कहा गया। उसके बाद शिकारपुर पुलिस के वर्तमान थानाध्यक्ष रामनरेश पासवान ने 18 जून 2013 को शिकारपुर थाना में बुलाकर यह लिखित ले लिया कि सूचना की कोई आवश्यकता नहीं है। इसके बाद मंजय लाल ने शिकारपुर थाना से निकलकर एसडीपीओ नरकटियागंज और एसपी बेतिया को सरकारी मोबाईल पर सूचना दिया कि उससे शिकारपुर पुलिस ने वर्दी का धौंस दिखाकर जबरन लिखित लिया कि उन्हें सूचना के अधिकार के तहत कोई जानकारी लेने की जरूरत नहीं। दूसरे दिन इस आशय से जुड़ा आवेदन 19 जून 13 को पुलिस अधीक्षक बेतिया को निबंधित पत्र द्वारा दिया। जिसकी प्रतिलिपि डीआजी बेतिया और एसडीपीओ नरकटियागंज को भेजा। पुनः18 जुलाई 2013 को डीआईजी बेतिया से सूचना के अधिकार के तहत उपर्युक्त जानकारी मांगी गयी। उसके आलोक में एसपी बेतिया के ज्ञापांक 54 दिनांक 01 अगस्त 2013 के निर्देश पर अनुमण्डल पुलिस पदाधिकारी नरकटियागंज के कार्यालय के ज्ञापांक 1867 दिनांक 23 अक्टूबर 2013 के अनुसार जाँच अधिकारी के प्रतिवेदन जिसमें आवेदक ने सुलहनामा कर लिया है। उधर मंजय को अपनी बेटी और परिवार की फिक्र है, उसकी बेटी कई माह स्कूल नहीं जा सकी। फिलहाल पीडि़त बताते है कि उन्हें इसी वजह से पुलिस प्रताडि़त करती रही है और उसके दूसरे अन्य मामलों में भी पुलिस उदासीन बनी हुई हैं। जिससे उनका भरोसा पुलिस विभाग से उठता जा रहा है। आखिर कितने दिनों में पुलिस जाँचकर प्राथमिकी दर्ज करेगी।
बिजनेस फैसिलिटेटरों को बैंक अधिकारियों के अलावे संगठन ने दिया धोखा
बेतिया (पच) भारतीय स्टेट बैंक के व्यवसाय प्रवर्तको का मामला गहराता जा रहा है। उल्लेखनीय है कि एक की गलती की सजा बैंक ने सभी प्रवर्तकों को दे दिया, बैंक का कहना है कि वे सभी भ्रष्टाचारी थे। इसकी रिर्पोर्टिंग उपर तक पहुंचाने वालों में 80 प्रतिशत से ज्यादा अधिकारी भ्रष्ट है। इस बाबत व्यवसाय प्रवर्तकों ने बताया कि बैंको में भ्रष्टाचार चरम पर है। भारतीय स्टेट बैंक ने रिजर्व बैंक आॅफ इण्डिया के निर्देशों का भी उलंघन किया है, बिजनेस फैसिलिटेटरों को दिया जाने वाला न्युनतम मानदेय 3500 कभी नहीं दिया। माननीय उच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना कर बैंक अधिकारी यह दर्शाना चाहते हैं कि उनसे बड़ा कोई नहीं रूपये के बूते कोई काम किया जा सकता हैं। ऐसा नहीं कि बैंको में ईमानदार अधिकारी नहीं हैं, भारतीय स्टेट बैंक में अशोक कुमार सिन्हा, राजीव कुमार और शैलेन्द्र कुमार सरीखे बहुतेरे ऐसे अधिकारी ह,ै जिनकी याद लोगो को आती है और उनके कार्याें की सराहना की जाती है। व्यवसाय प्रवर्तकों के काम भी काफी अच्छे चल रहे थे। कमीशन पर काम करने वाले ये व्यवसाय प्रवर्तक भी काफी ईमानदार हुए है, बैंक द्वारा इन्हे कार्य मुक्त किये जाने के बाद भी उनके घर पहुंचकर लोग बैंक सम्बन्धी जानकारी लेते हैं। विडम्बना है कि नरकटियागंज शाखा में कतिपय अधिकारियों की शह पर कार्य करने वाले एक बिचैलिये ने बैंक के तत्कालीक डेवलपमेन्ट बैंकिंग प्रभाग के प्रबंधक को बुरी तरह फँसा डाला ऐसे में बैंक ने क्या किया ? जाहिर हैं प्रबंधन ने अधिकारी का बचाव किया, उनका स्थानान्तरण कर दिया उसके बाद भी बैंक से फर्जी निकासी का काम बदस्तूर जारी रहा। बैंकिंग बिजनेस फैसिलिटेटरों ने बताया कि पूर्व में युनियन के लोगों ने आपसी फूट के कारण न्यायालीय कार्य में शिथिलता बरती और युनियन के चन्दे से प्राप्त रूपये का घालमेल किया। विगत दो माह पूर्व पटना के संजय गाँधी जैविक उद्यान में एक गुप्त बैठक की गयी जिसमें संगठन के शीर्ष नेता नहीं पहुँचे जिसमें सदस्यों के पूछे गये जवाब नहीं मिले और चन्दा से प्राप्त राशि के संबंध में कोई ठोस बात नहीं बताई गयी करीब आठ-दस लाख रूपये में 75 हजार रूपये शेष बताए गये। जबकि कोई केस पटना उच्च न्यायालय में दर्ज नहीं किया जा सका हैं।
संविदाकर्मियांे का स्थानांतरण नियम विरूद्ध, सिविल सर्जन की मंशा पर फिरेगा पानी
नरकटियागंज(अवधेश कुमार शर्मा) नरकटियागंज सरकारी अस्पताल के तीन और लौरिया के एक संविदा आधारित स्वास्थ्यकर्मी का स्थानान्तरण सिविल सर्जन बेतिया ने कर दिया हैं। उल्लेखनीय है कि राज्य स्वास्थ्य समिति के नियमानुसार संविदा पर नियुक्त स्वास्थ्यकर्मियांे का स्थानांतरण नहीं किया जा सकता। बावजूद इसके सिविल सर्जन बेतिया के पत्रांक डीएचएस 717 दिनांक 25 सितम्बर 2014 के अनुसार संविदा के आधार पर नियुक्त स्वास्थ्य प्रबंधक शशांक शेखर(नरकटियागंज), रविशंकर सिंह(लौरिया), प्रखण्ड सामुदायिक उत्प्रेरक रीना मोदी और लेखापाल संजीव कुमार(नरकटियागज) का स्थानांतरण अनियमित ढंग से कर दी गयी है। राज्य स्वास्थ्य समिति बिहार पटना के पत्रांक 11655 दिनांक 20 अगस्त 2009 और पत्रांक 17068 दिनांक 7 मई 2010 के अनुसार निदेशित है कि संविदा के आधार पर नियुक्ति अस्थानांतरणीय है। ऐसे में उपर्युक्त कर्मियांे का स्थानांतरण नियमानुसार नही है। पत्र में स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी परिस्थिति में संविदाकर्मियों का स्थानांतरण नहीं किया जा सकता है। यदि किसी संविदा कर्मी का स्थानांतरण विशेष परिस्थिति में किये जाने की आवश्यकता किसी सिविल सर्जन को पड़ती है तो उन्हे राज्य स्वास्थ्य समिति से अनुमोदन लेने की आवश्यकता पड़ेगी। किन्तु सिविल सर्जन ने संभवतः स्थानांतरण की आड़ में अवैध उगाही का मन बनाकर ऐसा अनियमित कार्य कर डाला है। लेकिन उनके इस कार्य का विभाग में व्यापक विरोध हुआ है। जिसके कारण उनकी मंशा पर पानी फिरता नजर आने लगा है।
शहर में जुआ के अड्डों से करीब 9 गिरफ्तार
नरकटियागंज(पच) स्थानीय शिकारपुर पुलिस ने दो दिनों की छापामारी में अवैध जुआ के अड्डों पर छापामारी किया और करीब 9 जुआडि़यों को धर दबोचा। इस बावत शिकारपुर थानाध्यक्ष आनन्द कुमार सिंह ने बताया कि शहर में जुआ नहीं होने दिया जाएगा। गिरफ्तार लोगों में राजकुमार सोनी, प्रमोद वर्णवाल व समेत करीब नौ है। जिनसे या तो जुर्माना वसूला जाएगा या न्यायालय के हवाले किया जाएगा।
स्वच्छता अभियान में कुण्डिलपुर पंचायत आया आगे
नरकटियागंज(पच) कुण्डिलपुर पंचायत के मुखिया अभय कुमार सिंह के नेतृत्व में कुण्डिलपुर गाँव में सफाई अभियान चलाया गया। कुण्डिलपुर के मुखिया अभय कुमार सिंह ने कहा कि ग्रामीणों के सहयोग के लिए सबके आभारी है। पूरे पंचायत में मुख्य सड़क के किनारे खुले में शौच करने वालों से पंचायत के मुखिया और सफाई करने वालों ने आग्रह किया कि वे राष्ट्रहित में सड़क के किनारे शौच नहीं करे। अपने घर की सफाई कर कचरा को सड़क पर नहीं फेंके। अपने घर व आस पास को स्वच्छ रखे, प्रत्येक घर में कूड़दान बना कर रखे। पंचायत और शहर के प्रशासन को चाहिए कि वे अपने पंचायत और शहर को स्वच्छ बनाए रखने का हर संभव प्रयास करे। उधर कुण्डिलपुर के युवा नेता श्रीकान्त कुमार ने कहा कि वे अपने आस-पास व सड़क की सफाई स्वयं कर रहे है।
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