अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने विश्वास जताया है कि अमेरिका आतंकी समूह इस्लामिक स्टेट को उसके इरादों में कामयाब नहीं होने देगा लेकिन इसके साथ ही उन्होंने यह भी माना है इराक और सीरिया में ‘मुश्किल’ सैन्य संघर्ष लंबा चलेगा। ओबामा ने कहा कि हमारे सहयोगियों के साथ मिलकर किए जा रहे हमारे हमले जारी हैं। यह एक मुश्किल अभियान है। जैसे कि मैंने शुरूआत से ही संकेत दिए थे कि इसका हल रातोंरात नहीं निकलने वाला। पेंटागन में शीर्ष सैन्य अधिकारियों के साथ मौजूद ओबामा ने कहा कि अच्छी खबर यह है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऐसी व्यापक सहमति बन रही है कि इस्लामिक स्टेट दुनिया की शांति के लिए एक खतरा है और ‘उनके क्रूर बर्ताव से निपटा जाना जरूरी है।’
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि हम आश्वस्त हैं कि हम इराकी सरकार के साथ साझेदारी में प्रगति जारी रखेंगे क्योंकि अंतत: यह महत्वपूर्ण होगा कि हमारी मदद से वे खुद अपने देश की सुरक्षा कर पाएं और क्षेत्र में दीर्घकालीन समृद्धि के लिए जरूरी राजनैतिक समाधान ढूंढें। अमेरिकी नेतृत्व में किए जाने वाले हवाई हमलों के बावजूद इराक एवं सीरिया में कब्जाए गए अधिकांश क्षेत्र में नियंत्रण बरकरार रखने वाले आईएस को नष्ट करने का संकल्प ओबामा ने लिया है। इसके साथ ही उन्होंने अमेरिका के जमीनी रक्षा बलों को इस युद्ध से बाहर रखने का भी संकल्प लिया है। आईएसआईएस और आईएसआईएल नामों से भी पहचाने जाने वाला यह आतंकी समूह सीरिया में पश्चिमी देशों के चार बंधकों के सिर काटकर और इसे वीडियो के माध्यम से प्रसारित करके अपनी क्रूरता का प्रदर्शन कर चुका है।
ओबामा ने आईएस के खतरे पर अपने राष्ट्रीय सुरक्षा दल के साथ एक बैठक भी की। पेंटागन में बैठक के दौरान ओबामा को इराक एवं सीरिया में अमेरिका एवं उसके अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों द्वारा चलाए जा रहे सैन्य अभियानों की जानकारी दी गई। व्हाइट हाउस ने कहा कि उन्हें दोनों देशों की सुरक्षा और राजनैतिक हालातों की भी जानकारी दी गई। व्हाइट हाउस ने कहा कि ओबामा ने आईएस से लड़ने के लिए इराक द्वारा किए जा रहे अपने सुरक्षा बलों के पुर्नगठन के प्रयासों में सहयोग के महत्व पर भी चर्चा की। व्हाइट हाउस ने कहा कि उन्होंने सीरिया में आईएसआईएल से निपटने के अभियान में सीरियाई विपक्ष को सहयोग बढ़ाने के महत्व पर भी चर्चा की। राष्ट्रीय सुरक्षा दल के साथ बैठक एवं बयान से पहले ओबामा ने राष्ट्रीय सुरक्षा एवं वैश्विक मुद्दों के विभिन्न पक्षों पर अपने सैन्य कमांडरों के साथ बैठक की थी। इन मुद्दों में इबोला वायरस और अमेरिकी पेसिफिक कमांड में विभिन्न परिवर्तनों पर चर्चा की।
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