बिहार की राजधानी पटना में दशहरा उत्सव के बाद मची भगदड़ मामले में मंगलवार से शुरू हुई जन सुनवाई बुधवार को पूरी हो गई. जन सुनवाई के दूसरे दिन मामले की जांच कर रहे गृह सचिव आमिर सुबहानी और अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) गुप्तेश्वर पांडेय ने 16 प्रत्यक्षदर्शियों और पीड़ित परिवारों के बयान लिए.
दूसरी ओर, पटना समाहरणालय में हो रही जन सुनवाई में पहुंचे पीड़ित को जांच रिपोर्ट पर भरोसा नहीं है. जन सुनवाई में पहुंचे लोगों का कहना है कि सरकार कुछ करे न करे, लेकिन ऐसी व्यवस्था जरूर कर दे कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो. गृह सचिव सुबहानी ने कहा कि जन सुनवाई के दो दिनों में 67 पीड़ित परिवारों और प्रत्यक्षदर्शियों ने अपने-अपने बयान दर्ज कराए.
पहले दिन 51 लोगों ने बयान दर्ज कराए थे. बयान की वीडियोग्राफी भी कराई गई है, वहीं जांच रिपोर्ट सौंपने के विषय में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट जल्द ही सरकार को सौंप दी जाएगी. लेकिन वे कोई निर्धारित तिथि नहीं बता पाए. गौरतलब है कि बीते शुक्रवार को गांधी मैदान में दशहरा के मौके पर रावण दहन के बाद मची भगदड़ में 33 लोगों की मौत हो गई थी और 29 से ज्यादा घायल हो गए. घायलों का इलाज पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में चल रहा है. इसके बाद राज्य सरकार ने गृह सचिव और अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) की दो सदस्यीय जांच टीम का गठन कर पूरे मामले की जांच के निर्देश दिए थे.
घटना के दूसरे दिन ही दोनों अधिकारियों ने राम गुलाम चौक और गांधी मैदान का जयाजा लिया था और पीएमसीएच पहुंच कर घायलों और पीड़ित परिवारों से पूछताछ की थी. पिछले रविवार को राज्य सरकार ने मामले में पटना के आयुक्त, पुलिस उप महानिरीक्षक, जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक का भी तबादला कर दिया.
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