चुनाव आयोग ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का तीन अक्तूबर का रेडियो प्रसारण चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन नहीं है। एक संक्षिप्त आदेश में चुनाव आयोग ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के कानूनी प्रकोष्ठ के सचिव केसी मित्तल को बताया कि आयोग को प्रसारण की सामग्री में ऐसा कुछ नहीं मिला जिससे आचार संहिता का उल्लंघन होता हो। महाराष्ट्र और हरियाणा में 15 अक्तूबर को होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए 12 सितम्बर से आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू है।
चुनाव आयोग ने कहा कि निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले उसने भाषण का आडियो सुना और उसकी स्क्रिप्ट का अवलोकन किया। ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचने की नई पहल के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार रेडियो के माध्यम से लोगों से संपर्क किया और अपने 'मन की बात कार्यक्रम' के जरिये लोगों से निराशा त्यागने तथा अपने सामथ्र्य, क्षमता और कौशल का उपयोग देश की समृद्धि के लिए करने की अपील की।
कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हरियाणा और महाराष्ट्र में 15 अक्तूबर को होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले ऑल इंडिया रेडियो से 'मन की बात' कार्यक्रम प्रसारित कर सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया था। चुनाव आयोग से इस बारे में की गई शिकायत में कांग्रेस ने कहा था कि इस कार्यक्रम का प्रसारण चुनाव आयोग द्वारा आगामी विधानसभा चुनावों के लिए आचार संहिता लागू किए जाने के बाद जारी किए गए निर्देशों का उल्लंघन है।
पार्टी ने कहा कि चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद दूरदर्शन या आकाशवाणी पर किसी राजनीतिक दल का प्रसारण, प्रसार भारती द्वारा चुनाव आयोग के साथ विचार-विमर्श के बाद उन्हें (राजनीति दल को) आवंटित किए गए समय के अनुसार ही हो सकता है। एआईसीसी के कानूनी प्रकोष्ठ के सचिव केसी मित्तल ने कहा कि राज्य चुनावों में मोदी ही भाजपा के एक मात्र प्रमुख प्रचारक और एक मात्र चेहरा हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मन की बात कार्यक्रम का प्रसारण सरकारी मशीनरी और कर्मचारियों का 'दुरुपयोग' कर सत्ता में बैठी पार्टी (भाजपा) के हितों को आगे बढ़ाने के लिए खास तौर पर तैयार और डिजाइन किए गए चुनाव प्रचार का हिस्सा है।
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