एनआईए ने जो चार्जशीट पुदुचेरी की स्पेशल कोर्ट में दाखिल की है, उसमें कहा है कि तमिलनाडु लिबरेशन आर्मी संगठन से जुड़े 6 लोगों ने 29 जनवरी को नारायणस्वामी को और 25 फरवरी को पी चिदंबरम को मारने की साजिश रची. आरोपी यूपीए द्वारा रिटेल सेक्टर में एफडीआई को मंजूरी देने के फैसले के खिलाफ थे, उन्हें लगता था कि सरकार की इस नीति में नारायणस्वामी और पी. चिदंबरम की अहम भूमिका रही. आरोपियों ने नारायणस्वामी के घर के बाहर उनके कार के नीचे बम लगाया था, जिसे स्थानीय पुलिस ने खोज निकाला और डिफ्यूज कर दिया. कुछ ऐसा ही चिदंबरम के घर शिवंगगा में भी हुआ. आरोपियों ने चिदंबरम की कार में भी बम लगाया था, जिसे डिफ्यूज कर दिया गया.
आपको बता दें कि 2012 में यूपीए ने मल्टी ब्रांड रिटेल में 51 फीसदी एफडीआई को मंजूरी दी थी. एनआईए ने कहा है कि तमिलनाडु लिबरेशन आर्मी के इन 6 कार्यकर्ताओं ने साजिश रचने के लिए कई मीटिंग की. इन बैठकों के दौरान यूपीए की कई नीतियों की अालोचना की गई. चाहे वह तमिल लोगों के प्रति भारत सरकार का रवैया हो या फिर तमिल और भारतीय मछुआरों का मुद्दा, इस संगठन ने हर मुद्दे पर अपनी नाराजगी जाहिर की. नतीजतन यूपीए सरकार ने इन बड़े नेताओं के खिलाफ साजिश रची गई.
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