- - टिहरी झील साहसिक पर्यटन महोत्सव में सीएम ने लगाई घोषणाओं की झड़ी
- - पर्यटन मंत्री ने कहा 20 हजार लोगों को मिलेगा झील में रोजगार
नई टिहरी से राजेन्द्र जोषी। टिहरी झील साहसिक पर्यटन महोत्सव के दूसरे व अंतिम दिन सीएम हरीष रावत ने घोषणाओं की झड़ी लगायी। सीएम ने टिहरी झील का नाम श्री देव सुमन सागर सहित हिमालय दर्षन योजना षुरू करने, चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डा अगले साल अक्टूबर तक षुरू करने की घोषणा के अलावा प्रतापनगर, टिहरी एवं घनसाली की 26 मांगों को स्वीकृति दी। सीएम ने कहा कि टिहरी झील रोजगार को प्रमुख जरिया बनेगी। उन्होंने कहा कि जो लोग अपना अतीत भूलते हैं वह वर्तमान नहीं बना सकते हैं।
षुक्रवार को महोत्वस के अंतिम दिन झील परिक्षेत्र कोटी कालोनी में सीएम हरीष रावत ने कहा कि टिहरी कुर्बानी का दूसरा नाम है। झील में समाए गांवों के नाम पर चारों ओर बसे काॅर्नर को विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि दस साल बाद टिहरी सबसे बड़ा टूरिस्ट डेस्टीनेषन होगा। उन्होंने कहा कि इस सागर का भरपूर उपयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि पिछली पीढि़यों ने कुर्बानी देकर आने वाले पीढ़ी के लिए रास्ता दिया हैं उन्होंने कहा कि ऋषिकेष-गंगोत्री हाईवे को जल्द ही डबल लेन किया जाएगा जबकि झील परिक्षेत्र में आधारभूत सुविधाओं को तैयार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जब तक प्रभावित गांवों का पुनर्वास नहीं हो जाता तब तक आरएल 830 मीटर तक झील भरने नहीं दी जाएगा। साथ ही विस्थापितों एवं प्रभावितों की समस्याओं को हल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि चुन-चुन कर समस्याओं को हल किया जाएगा। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि सीएम रहते-रहते चांटी-डोबरा पुल बनकर तैयार हो जाएगा। उन्होंने कहा कि पूरे देष में सड़कों का जाल बिछाने वाले प्रतापनगरवासियों के लिए इस पुल का बनना जरूरी है। कोरिया की कंपनी कंसलटेंसी का कार्य कर रही है। इस मौके पर उन्होंने टिहरी के विधायक दिनेष धनै की 14 सूत्रीय, प्रतापनगर की आठ सूत्रीय तथा घनसाली विस की चार सूत्रीय मांगों को पूरा करने की घोशणा भी की। कांगे्रस के प्रदेष अध्यक्ष किषोर उपाध्याय ने कहा कि स्थानीय सहभागिता से ही कार्य संपादित किए जाएं। उन्होंने कहा कि यहां की जमीन को बचाना भी जरूरी है। वायदे के अनुसार विस्थापित एवं प्रभावित परिवारों के एक-एक सदस्य को राज्य सरकार नौकरी दे, टिहरी बांध की झील से बनने वाले 50 फीसदी बिजली टिहरी में खर्च हो। प्रदेष के कृषि व जिले के प्रभारी मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि आपदा की त्रासदी को झेल कर उत्तराखंड आज फिर खड़ा हो गया है। उन्होंने कहा कि टिहरी में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। कार्यक्रम के अध्यक्ष व सूबे के पर्यटन मंत्री दिनेष धनै ने कहा कि टिहरी झील में कार्य चल रहे हैं और आने वाले दो-तीन माह में इसमें कई गतिविधियों षुरू हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि इस झील में 20 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। उन्होंने कहा कि वह कार्य करके दिखाएंगे हालांकि उनके रास्तें में कई अवरोध हैं। इस मौके पर उन्होंने नई टिहरी में परिवहन निगम के डिपो, चंबा-मसूरी फल पट्टी के काष्तकारों को भूमिधरी का अधिकार सहित 14 सूत्रीय मांग पत्र सीएम को दिया। प्रतापनगर के विधायक विक्रम सिंह नेगी व घनसाली के विधायक भीमलाल आर्य ने अपनी-अपनी विस की समस्यायें सीएम को बताई। उन्होंने कहा कि बांध प्रभावित इन दोनों विस की समस्यायें जल्द होनी चाहिए। साथ ही चांटी-डोबरा पुल का कार्य दु्रत गति से हो। इस मौके पर दायित्वधारी कीर्ति सिंह नेगी, रणजीत सिंह रावत, जिला पंचायत अध्यक्ष सोना सजवाण, नगर पालिकाध्यक्ष उमेष चरण गुसांई, चंबा विक्रप पंवार, प्रमुख आनंदी नेगी, विजय गुनसोला, षूरवीर सिंह सजवाण, अपर मुख्य सचिव राकेष षर्मा, पर्यटन सचिव उमाकांत पंवार, अपर सचिव षैलेष बगोली, डीएम युगल किषोर पंत, एसपी मुख्तार मोहसिन, जसपाल चैहान, जोत सिंह बिष्ट, लक्ष्मी भट्ट सहित भारी संख्या में बाहरी प्रदेषों से आए टूर आॅपरेटर्स, ट्रैवल ऐजेंसी के सदस्य, मीडिया के प्रतिनिधि मौजूद थे।
हे भगवान चांटी-डोबरा पुल बनवा दे
-सीएम हरीष रावत ने कार्यक्रम के बीच में जब बांध प्रभावित क्षेत्रोें की समस्याओं के बारे में बोल रहे थे। तभी उन्होंने कहा कि हे भगवान उनके मुख्यमंत्री रहते हुए चांटी-डोबरा पुल बन जाए। पूरे प्रदेष में सड़कों का जाल बिछाने वाले प्रतापनगरवासी सड़क व पुल के लिए परेषान हैं।
सरकारी मशीनरी को दिखाया आईना
- सीएम रावत ने कहा कि झील के विकास में आधारभूत समस्याओं को हल करना होगा। उन्होंने कहा कि सड़क, वायु, जल मार्ग दुरूस्त करने जरूरी हैं। उन्होंने प्रमुख सचिव नागरिक उड्डयन को जब चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे के बारे में पूछा तो, राकेष षर्मा ने जबाव दिया कि मार्च तक यह बनकर तैयार हो जाएगा। तभी सीएम ने चुटकी ली कि मुख्यमंत्री बने हुए उन्हें आठ माह का समय हो गया है। अधिकारी कैसे बेवकूफ बनाते हैं अब समझ में आ गया है। उन्होंने कहा सरकारी भाषा के अनुसार वायदे में छः माह का अतिरिक्त समय जोड़ अक्टूबर 2015 तक यह अड्डा बन जाएगा।
बसंती बिष्ट ने बांधा समा
- महोत्सव के पहले दिन गुरूवार रात्रि को कोटी कालोनी में षानदार सांस्कृति कार्यक्रम प्रस्तुत किए। उन्होंने जागर व लोकगीतों से उपस्थित जन समूह का मनोरंजन किया। संस्कृति विभाग की टीम द्वारा जौनपुर, जौनसार, भाबर, उत्तरकाषी तथा कुमांउनी लोक गीत व लोक नृत्य प्रस्तुत किए गए। इस मौके पर लेजर षो व आतिषबाजी का प्रदर्षन कर टिहरी की झलकियां प्रस्तुत की गई।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें