टिहरी झील साहसिक पर्यटन का सबसे महत्वपूर्ण केन्द्र बनेगाः दिनेष धनै
नई टिहरी, 9 अक्टूवर । टिहरी झील साहसिक पर्यटन महोत्सव के तहत पहले दिन देशभर से आए टूर आॅपरेटर्स, टैªवल ऐंजसियों, मीडिया प्रतिनिधियों की गोष्ठी में वक्ताओं ने कहा कि झील में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं, सरकार जिस तरह से कार्य योजना बन रही है आने वाले समय में टिहरी झील साहसिक पर्यटन का सबसे महत्वपूर्ण स्थल होगा। गुरूवार को महोत्सव का शुभारंभ मुख्य अतिथि प्रदेष के शहरी विकास मंत्री प्रीतम सिंह पंवार , पर्यटन मंत्री दिनेष धनै ने दीप प्रज्वलित करके किया। मुख्य अतिथि शहरी विकास मंत्री पंवार ने कहा कि यह एक सराहनीय प्रयास है, आने वाले समय में टिहरी विष्व के मानचित्र पर चमकेगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखं डमें संस्कृति पर्यटन को बढ़ावा देना होगा। कार्यक्रम के अध्यक्षता करते हुए पर्यटन मंत्री दिनेष धनै ने कहा कि झील के विकास में सभी का सहयोग लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि टिहरी झील सहासिक पर्यटन का उभरता हुआ प्रमुख स्थल है। सरकार इस पर ठोस कार्य योजना बना रही है। उन्होंने कहा कि पलायन रोकने के लिए यह झील वरदान साबित होगी। उन्होंने कहा कि टिहरी झील में प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से 20 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। उन्होंने कहा कि डेलीगेट्स के सुझावों को ध्यान में रखा जाएगा। धनै ने कहा कि स्थानीय हितों को ध्यान में रखकर ही कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा कि खांडखाल से नई टिहरी के लिए जल्द ही रोपवे बनकर तैयार हो जाएगा। जल्द ही यहां हेलीकाॅप्टर सेवा शुरू की जाएगी। पर्यटन सचिव डाॅ0 उमाकांत पंवार ने स्लाईड शो के माध्यम से टिहरी झील में विकास की संभावनाएं व सरकार की भावी योजना के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि 45 हजार हेक्टेयर में फैली यह झील ईको टूरिज्म, साहसिक पर्यटन का प्रमुख स्थल होगी। इसमें समुद्री जहाज, हाउस बोट, फ्लोटिंग मरीना, केबल कार, इको टूरिज्म, ग्रामीण पर्यटन, पैरा सेलिंग, जेट स्कीईंग, कनोईंग, माउंटेन बाईकिंग जैसी गतिविधियां होगी। पंवार ने बताया कि झील परिक्षेत्र में मेगा प्रोजेक्ट के तहत 83 करोड़ रूपए के कार्य चल रहे हैं। उन्होंने बताया कि एक बडा बार्ज जिससे बसें, गाडियां आदि को आरपार ले जाया जा सकता है, दिसंबर तक झील में उतर जाएगा। इससे प्रतापनगर व भिलंगना, जाखणीधार के प्रभावित लोगों को फायदा मिलेगा। उन्होंने बताया कि झील के विकास के लिए गठित टिहरी झील विकास प्राधिकरण के तहत कार्य किया जाएगा। उन्होंने बताया कि दो माह के भीतर फ्लोटिंग मरीना शुरू हो जाएगा जबकि 20 अलग-अलग चलते-फिरते होटल भी झील में बनेगा। गोष्ठी के पैनेलिस्ट वाईएस वाही ने बताया कि जिस तरह से कार्य योजना बन रही है यदि धरातल पर उतरी तो कारगर साबित होगी। ऐरो स्पोर्ट्स विषेषज्ञ सतीष पठानिया ने बताया कि स्थानीय लोगों के हितो को ध्यान में रखकर कार्य होना चाहिए। इस मौके पर रवि कुमार, जल-क्रीडा के युसुफ जहीर, हवाई खेल के मनीष जोषी, किरन भट्ट, अपर सचिव शैलेष बगोली, प्रमुख आनंद नेगी, डीएम युगल किषोर पंत, एसपी मोहसिन खान आदि मौजूद थे।
बिना अनुमति के उतरा प्राईवेट हेलीकाॅप्टर, प्रषासन ने किया सीज
नई टिहरी। टिहरी बांध की झील में भले ही पर्यटन गतिविधियो को षुरू करने की गतिविधिया अभी षुरू भी नही हो पाई कि कुछ पर्यटक यहां एक प्राईवेट हेलीकाप्टर से कोटी कालोनी उतर गए। जिलाधिकारी युगल किषोर पंत एवं पुलिस अधीक्षक मुख्तार मोहसिन भी मौके पर ही थे कि हेलीकाप्टर के लैंड करते वक्त हैलीपेड के पास पहुंचे। जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक यह समझे कि प्रदेष सरकार से कोई वीआईपी आ रहे है लेकिन उस पर कुछ पर्यटक बैठे थे। जिनके पास देहरादून से अनुमति थी लेकिन टिहरी हैलीपैड की अनुमति न होने पर तुरंत इस मामले में उपजिलाधिकारी सदर अभिषेक त्रिपाठी को निर्देष दिए गये जिन्होने हैलीकैप्टर को अग्रिम आदेषो तक सीज कर दिया गया है।
हाॅट एअर बैलून फटा, झील में गिरा
नई टिहरी। टिहरी बांध की झील के उपर एक इयर वैलोन अचानक आपरेटरो की लापरवाही से आसमान में उड गया, अच्छा हुआ कि उस पर समय कोई सवार नही हो पाया था, वैलून पर गैस सलैण्डर भी लगा था जो गैस समाप्त होने के बाद ही सलैण्डर सहित वैलून टिहरी बाॅध की झील में जा गिरा। जिससे बडा हादस होने से टल गया।
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