केदारनाथ के पुनर्निर्माण और पुनर्विकास के मुद्दे पर पीछे हटी भाजपा: शिल्पी
- मुख्यमंत्री हरीश रावत ने दीपावली पर आपदा पीडि़तों के आंसू पांेछने का काम किया
- मुख्यमंत्री हरीश रावत ने केदारनाथ में कैबिनेट बैठक आयोजित कर इतिहास रचा है: शिल्पी
देहरादून, 20 अक्टूवर(निस)। कांग्रेस नेता शिल्पी अरोड़ा ने कहा है कि केदारनाथ के पुनर्निर्माण और पुनर्विकास के मुद्दे पर भाजपा पीछे हट रही है। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भाजपा नेताओं को केदारनाथ चलने का आमंत्रण दिया था, ताकि केदारनाथ के पुनर्निर्माण और पुनर्विकास की दिशा में राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों में यदि कोई कमी रह गई है, तो विपक्ष के नेता भी अपना सुझाव दे सके। लेकिन भाजपा के नेता रचनात्मक काम में रूचि न रखते हुए केवल सस्ती लोकप्रियता के लिए बयानबाजी करने में विश्वास करती है। केदारनाथ जनभावनाओं से जुड़ा हुआ मुददा है और इसमें प्रत्येक व्यक्ति के सुझाव का स्वागत है, फिर चाहे वह किसी राजनीतिक दल से ही क्यो न हो। भाजपा केदारनाथ में होने वाली कैबिनेट बैठक को फिजूलखर्ची बता रही है, जबकि यह जनभावनाओं के अनुरूप बैठक हो रही है। मुख्यमंत्री हरीश रावत जिस कर्मठता से कार्य कर रहे है और विकास योजनाओं को संचालित कर रहे है, उससे भाजपा के पचा नही पा रहे है। केदारनाथ बैठक में मुख्यमंत्री श्री रावत ने जो निर्णय लिये है, वह मील के पत्थर साबित होंगे। हरीश रावत जी ने केदारनाथ में कैबिनेट बैठक आयोजित कर इतिहास रचा है।
सीएम आवास कूच रहे बीपीएड प्रशिक्षित गिरफ्तार
गिरफ्तारी के दौरान प्रशिक्षितों और पुलिस के बीच हुई तीखी नोक-झोंक
देहरादून, 20 अक्टूवर(निस)। मुख्यमंत्री आवास कूच कर रहे बीपीएड-एमपीएड प्रशिक्षित बेरोजगारों को सोमवार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी से पूर्व बीपीएड प्रशिक्षितों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जमकर प्रदर्शन किया। गिरफ्तारी के दौरान बीपीएड प्रशिक्षितों और पुलिस के बीच तीखी नोक-झोंक हुई। आंदोलनरत बीपीएड प्रशिक्षित सोमवार को परेड मैदान में धरना स्थल पर एकत्रित हुए और मुख्यमंत्री आवास कूच किया। मुख्यमंत्री आवास कूच के दौरान अभिषेक टावर के पास पुलिस ने बीपीएड प्रशिक्षितों के जुलूस को रोक दिया। रोके जाने पर बीपीएड प्रशिक्षित भड़क गए और मुख्यमंत्री के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। गिरफ्तारी के दौरान बीपीएड प्रशिक्षितों और पुलिस के बीच तीखी नोक-झोंक हुई। पुलिस बीपीएड प्रशिक्षितों को गिरफ्तार कर चार वाहनों में भरकर ले गई, जिन्हें कि सायं को रिहा किया गया। बीपीएड-एमपीएड प्रशिक्षित बेरोजगार राजकीय विद्यालयों में व्यायाम शिक्षकों के पद सृजित करने और उन्हें नियुक्ति दिए जाने की मांग को लेकर पिछले लंबे समय से आंदोलनरत हैं। कई बार विभागीय सचिव और मंत्री से वार्ता हो चुकी है, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। जुलूस का नेतृत्व संगठन के प्रदेश अध्यक्ष सुंदर धोनी कर रहे थे। प्रदर्शकारियों में देवेंद्र कोरंगा, राकेश सिंह, राजीव सिंह, मुकेश सिंह, सुरेंद्र कुमार आदि शामिल रहे।
केदारनाथ में कैबिनेट की बैठक महज सरकार का स्टंटः खंडूड़ी
- -कहा, आपदा पीडि़तो को मुआवजा तक नहीं दे पाई सरकार
- -आपदाग्रस्त क्षेत्रों में सड़कों की हालत नहीं सुधार पाई सरकार
देहरादून, 20 अक्टूवर(निस)। पूर्व मुख्यमंत्री और गढ़वाल सांसद भुवन चंद्र खंडूड़ी ने केदारनाथ में कैबिनेट की बैठक आयोजित करने को स्टंट करार दिया। उन्होंने कहा कि सरकार केदारनाथ में कैबिनेट बैठक के नाम पर तमाशा कर रही है, क्षेत्र के आपदा प्रभावितों को तो सरकार मुआवजा दे नहीं पा रही है और हवाई यात्रा कर केदारनाथ में कैबिनेट बैठक आयोजित कर रही है। बलवीर रोड स्थित भाजपा के प्रदेश मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में श्री खंडूड़ी ने सरकार द्वारा केदारनाथ में कैबिनेट की बैठक बुलाए जाने की आलोचना की। उन्होंने कहा कि केदारनाथ में कैबिनेट की बैठक बुलाया जाना और सर्वदलीय बैठक बुलाना महज स्टंट है। इससे आपदा प्रभावित केदारघाटी के लोगों का भला होने वाला नहीं है। जो निर्णय केदारनाथ में कैबिनेट की बैठक में लिए गए वह देहरादून में भी लिए जा सकते थे। केदारनाथ में कैबिनेट की बैठक बुलाए जाने का कोई औचित्य नहीं था। केदारघाटी के कई आपदा पीडि़तों को सरकार अब तक मुआवजा नहीं दे पाई है। सड़कों की हालत नहीं सुधर पाई।
मुआवजा न मिलने के कारण लोग मौत को गले लगा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार शीतकालीन चारधाम यात्रा शुरु करने की बात कर रही है जो कि धार्मिक दृष्टि से ठीक नहीं है। यह यात्रा पर्यटन की दृष्टि से तो ठीक है लेकिन सरकार को इसमें धार्मिक पक्ष को भी ध्यान में रखना चाहिए। शीतकालीन यात्रा को चारधाम यात्रा का नाम नहीं दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि 10-15 साल पहले भी सालभर यात्रा चली थी लेकिन यह केवल पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए चली थी। उन्होंने कहा कि वे सात दिवसीय गढ़वाल संसदीय क्षेत्र के दौरे पर थे, इस दौरान उन्होंने विभिन्न जिलों का भ्रमण कर जनसमस्याएं सुनीं। उन्होंने कहा कि सड़कों की हालत ठीक नहीं हो पाई है। सरकार राजमार्गों का कार्य बीआरओ से छीनकर लोक निर्माण विभाग को दिए जा रही है, जो कि ठीक नहीं है। सरकार को बीआरओ और लोक निर्माण विभाग के बीच झगड़ा नहीं कराना चाहिए। बीआरओ को समय पर धनराशि रिलीज नहीं की गई। उन्होंने कहा कि लोक निर्माण विभाग के पास मैन पावर की कमी है, ऐसे में वह किस प्रकार से समय पर राजमार्गों का सुधारीकरण कर पाएगा। श्री खंडूड़ी ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में स्कूलों में शिक्षक और अस्पतालों में डाक्टर नहीं है, इस ओर सरकार द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है। उनके मुख्यमंत्रित्व कार्यकाल के दौरान जो ट्रांसफर एक्ट राज्य में लागू किया गया था, उसे सरकार ने निरस्त कर दिया है। यदि यह ट्रांसफर एक्ट लागू होता तो राज्य में ऐसी अव्यवस्था न होती। शिरोबगड़ और लामबगड़ में सड़क की हालत बदतर है। उन्होंने कहा कि शरोबगड़ बाइपास बन सकता है। संसदीय क्षेत्र के भ्रमण के दौरान जो समस्याएं लोगों ने उनके सामने रखीं और उन्होंने देखी, उससे उन्होंने मुख्यमंत्री को अवगत करा दिया है, सीएम से समस्याओं के निराकरण की मांग की गई है। पत्रकार वार्ता के दौरान भाजपा के प्रदेश महामंत्री प्रकाश पंत, ज्ञान सिंह नेगी, बृजभूषण गैराला, उमेश अग्रवाल, अभिमन्यु कुमार मौजूद रहे।
विधानसभा अध्यक्ष का स्वदेश लौटने पर किया स्वागत
देहरादून, 20 अक्टूवर(निस)। उत्तराखण्ड विधानसभा अध्यक्ष गोविन्द सिंह कुंजवाल दो सप्ताह के अपने विदेश दौरे के बाद आज दून लौटे, दून पहुंचने पर श्री कुंजवाल का विधानसभा के अधिकारियों, कर्मचारियों के अलावा हरिद्वार से पहुंचे वरिष्ठ कांगे्रस नेता व पर्व प्रधानाचार्य रामकिशन धीमान, जिला पंचायत सदस्य दिनेश कुंजवाल, रमेश शर्मा, राजेन्द्र सिंह मेहरा, महेन्द्र विष्ट, बलवन्त सिंह मेहरा, सुरेन्द्र बर्गली सहित कई सामाजिक राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया। ज्ञातव्य है श्री कुंजवाल ने गत 4 से 10 अक्टूबर तक कैमरून में काॅमनवेल्थ पार्लियामेन्ट्री एसोसिएसन द्वारा आयोजित 60 वें सम्मेलन प्रतिभाग किया तथा 9 अक्टूबर को 21 वी सदी में सुशासन, पारदर्शिता एवं उत्तरदायिता सम्पूर्ण कामनवेल्थ में आज भी आश्वयक है विषय पर सीपीए सदस्य व उत्तराखण्ड विधानसभा अध्यक्ष श्री कुंजवाल ने मुख्य अतिथि के रूप में तीन घण्टे व्याख्यान दिया जिसे सम्मेलन में पहुंचे सौ से अधिक देशों के प्रतिनिधियों द्वारा काफी सराहा गया। कैमरून सम्मेलन के बाद श्री कुजवाल जर्मनी, फ्रांस व ग्रीस आदि देशों के भ्रमण पर गये। जहाॅं उन्होंने वहाॅं की विधायी कार्यप्रणाली सहित कई विषयों की जानकारी हासिल की तथा अपने देश के विधायी कार्य प्रणाली से अवगत कराया। श्री कुंजवाल को भारत से सीपीए का एक मात्र सदस्य चुना गया है। श्री कुंजवाल ने बताया इस सम्मेलन में भारत से विधानसभा अध्यक्षों व अधिकारियों सहित कुल 56 लोगों ने प्रतिभाग किया।
केदारनाथ धाम के वैभव को पुनः लौटाना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता: मुख्यमंत्री
केदारनाथ/देहरादून 20 अक्टूबर,(निस)। सरस्वती व मंदाकिनी नदियों का रि-चैनलाईजेशन किया जा रहा है। केदारनाथ मंदिर की सुरक्षा के लिए मंदिर के पीछे की ओर तीन सुरक्षा दीवारें बनाई जायेंगी। सुरक्षा दीवार निर्माण में ऊंचाई वाले स्थानों में कार्य करने की विशेषज्ञता रखने वाले अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों की सेवायें ली जायेगी, ताकि सुरक्षा दीवार का निर्माण इस क्षमता का हो जो भविष्य में इस प्रकार की आपदाओं को झेलने में सक्षम हो। केदारपुरी के विकास का सम्पूर्ण कार्य जी.एस.आई. के सुझावों के आधार पर किया जायेगा, इसके अंतर्गत जो निर्माण कार्य नेहरू इंस्टिट्यूट आॅफ माउंटेनियरिंग (निम) द्वारा किये जा रहे हैं, उस से ही कराये जायेंगे। मंदिर के पीछे हैलीपैड को योग केंद्र के रूप में विकसित किया जायेगा, साथ ही इसे आपातकालीन हैली पैड के रूप में भी इस्तेमाल किया जायेगा। आपदा से पूर्णतः क्षतिग्रस्त भवनों को हटाया जायेगा, साथ ही अन्य क्षतिग्रस्त भवनों के सम्बन्ध में हक-हकूकधारियों से बातचीत कर रास्ता निकाला जायेगा। केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद होने के बाद भी केदारपुरी में विकास का कार्य तीव्र गति से किया जायेगा, वर्तमान स्थिति को देखते हुए विकास कार्यों को 15 जनवरी तक चलाये जाने की सम्भावना है। केदारपुरी में बिजली, टेलीफोन, आदि के तारों को भूमिगत किया जायेगा। मंदिर के पीछे कोई भी निर्माण कार्य नहीं किया जायेगा, जबकि मंदिर के अगल-बगल व सामने गलियारे के लिए पर्याप्त खुली जगह छोड़ी जायेगी। सोमवार को केदारनाथ धाम में कैबिनेट बैठक आयोजित की गयी। जिसमें कैबिनेट में समाज कल्याण व परिवहन मंत्री सुरेन्द्र राकेश, जो अस्वस्थता के कारण उपस्थित नहीं हो सके को छोडकर मंत्रिमण्डल के सभी सदस्य उपस्थित थे। कैबिनेट में केदारपुरी के विकास पर विस्तार से चर्चा हुई। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मंत्रिमण्डल के सम्मुख केदारपुरी के विकास कार्यों का खाका रखा। मंत्रिमण्डल ने एक स्वर में कहा कि केदारनाथ धाम के वैभव को पुनः लौटाना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे पास पर्याप्त भूमि उपलब्ध है तथा तीर्थ-पुरोहितों व हक-हकूकधारियों के हितों को सुरक्षित रखने के लिए जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग को भूमि बंदोबस्त आयुक्त बनाया गया है। बैठक में मंत्रिमण्डल द्वारा तर्पण घाट व स्मृति स्थल को विकसित करने पर भी सहमति व्यक्त की गई। त्रिजुगीनारायण-चैमासी वैकल्पिक मार्ग पर यात्रियों की सुविधा के लिए व्यवसायिक स्थान विकसित किये जायेंगे। मंत्रिमण्डल ने चारधाम यात्रा की तर्ज पर चारधाम प्रवासों पर भी शीतकाल में चारधाम यात्रा को शुरू करने पर सहमति दी है। मंत्रिमंडल ने इस यात्रा में मदमहेश्वर यात्रा को भी जोड़ने का निर्णय लिया है। कैबिनेट बैठक में खेल विभाग द्वारा तैयार खेल पुरस्कार योजना पर भी मंत्रिमण्डल ने स्वीकृति दी। मंत्रिमण्डल ने उत्तराखण्ड का गंगा एक्शन प्लान तैयार करने पर भी सहमति व्यक्त करते हुए निर्णय लिया कि राज्य में स्वच्छता योजना पर विचार-विमर्श के लिए बदरीनाथ या देवप्रयाग या उत्तरकाशी में से किसी एक स्थल पर कैबिनेट बैठक की जायेगी। कैबिनेट मीटिंग के बाद केदारनाथ स्थित सत्संग भवन में सर्वदलीय बैठक आयोजित की गई। सर्वदलीय बैठक में बसपा के सरबत करीम अंसारी, सी.पी.आई. आई. के समर भंडारी, समाजवादी पार्टी के डाॅ. एस. एन. सच्चान, उत्तराखण्ड क्रांति दल के बी.डी. रतूड़ी, सीपीआई(एम) के सुरेन्द्र सिंह सजवाण, आदि उपस्थित थे। बैठक में उपस्थित सभी लोगों ने मुख्यमंत्री को केदारनाथ के विकास के लिए तैयार की गई योजना के लिए बधाई देते हुए सभी दलों को विश्वास में लेकर कार्य करने की सराहना की। सर्वदलीय बैठक में मुख्यमंत्री श्री रावत ने बताया कि राज्य सरकार गौरीकुण्ड तक मोटर मार्ग को बेहतर करने के साथ ही उससे आगे पैदल मार्ग को चैड़ा व सुविधायुक्त बनाने के लिए कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने बताया कि यात्रा मार्ग पर रोपवे, आदि की भी सुविधायें होंगी। सरकार पूरा प्रयास कर रही है कि लम्बे पैदल मार्ग को 12 से 14 किमी किया जा सके। यात्रियों की सुविधा के लिए गौरीकुण्ड, भीमबली, तल्ली लैंचोली व मल्ली लैंचोली में बाजार विकसित किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि केदारनाथ धाम में सुरक्षा दीवार व डेªनेज सिस्टम विकसित किया जा रहा है। केदारनाथ मंदिर की सुरक्षा के लिए मंदिर के पीछे की ओर तीन सुरक्षा दीवारें बनाई जायेंगी, जिसमें उच्चस्तरीय ऊंचाईं वाले स्थानों में कार्य करने की विशेषज्ञता रखने वाले अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों की सेवायें ली जायेंगी। इससे पहले मुख्यमंत्री ने केदारनाथ में चल रहे विकास कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने उपस्थित अधिकारियों से किये जा रहे विकास कार्यों के सम्बन्ध में गहन चर्चा भी की। मुख्यमंत्री ने केदारनाथ धाम में भगवान केदार के दर्शन भी किये। इस असवर पर मुख्यमंत्री ने तीर्थ पुरोहितों, हक-हकूक धारियों एवं उपस्थित अन्य लोगों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं को सुना और उनकी समस्याओं के निराकरण के लिए अधिकारियों को निर्देश दिये। केदारनाथ धाम के पुनर्वास के लिए किये जा रहे कार्यों के लिए तीर्थ पुरोहितों व हक-हकूक धारियों ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।
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