उत्तराखंड की विस्तृत खबर (08 अक्टूबर) - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 8 अक्तूबर 2014

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (08 अक्टूबर)

तहसील बना दी, एसडीएम के पद 10 वर्ष बाद भी सृजित नहीं
  • कालसी और त्यूणी तहसीलों के लिए नहीं है एसडीएम का पद सृजित 
  • चकराता के उपजिलाधिकारी के भरोसे ही हैं यह दोनों तहसीलें भी 
  • एसडीएम का पद सृजित न होने से लोगों को नहीं मिल पा रहा लाभ 

देहरादून, 8 अक्टूवर (राजेन्द्र जोशी)। देहरादून जिले की कालसी और त्यूणी तहसीलों में 10 वर्षों बाद भी एसडीएम के पद स्वीकृत नहीं हो पाए हैं। यह दोनों तहसीलें चकराता के एसडीएम के भरोसे हैं। चकराता का एसडीएम भी कभी कभार ही तहसील मुख्यालय में बैठता है। कालसी और त्यूणी तहसीलों के लिए उपजिलाधिकारियों के पद सृजित न होने से इन तहसील क्षेत्र के लोगों को अलग तहसील बनाए जाने का कोई ज्यादा लाभ नहीं मिल पा रहा है। जौनसार-बावर क्षेत्र के अंतर्गत दो ब्लॉक व तीन तहसीलें हैं। पहले संपूर्ण जौनसार-बावर क्षेत्र चकराता तहसील के अंतर्गत आता था। इस तहसील में पहले आईएएस स्तर के एसडीएम की तैनाती होती थी। उत्तराखंड राज्य बनने के बाद वर्ष 2004 में चकराता तहसील क्षेत्र को बांटकर कालसी और त्यूणी तहसीलें सृजित की गईं। त्यूणी तहसील क्षेत्र के अंतर्गत 80 राजस्व गांव आते हैं जबकि कालसी तहसील के अंतर्गत 169 राजस्व गांव हैं। चकराता तहसील के अंतर्गत 109 राजस्व गांव आते हैं। 2004 में कालसी और त्यूणी तहसीलें सृजित होने के बावजूद अभी तक इन दोनों तहसीलों के लिए एसडीएम के पद सृजित नहीं हो पाए हंै। कालसी और त्यूणी तहसीलों में केवल तहसीलदार ही बैठते हैं। इन दोनों तहसीलों के एसडीएम का जिम्मा भी चकराता के एसडीएम के पास ही है। एसडीएम से पड़ने वाले कामों के लिए लोगों को कई किमी दूर चकराता आना पड़ता है। चकराता का एसडीएम भी नियमित रूप से चकराता में नहीं बैठता है, जिस कारण लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। चकराता का एसडीएम रात्रि को वहां नहीं ठहरता, एसडीएम देहरादून में ठहरता है। चकराता का एसडीएम भी ज्यादातर देहरादून में ही बैठता है। आखिर जब सरकार 10 वर्षों बाद भी कालसी और त्यूणी तहसीलों के लिए एसडीएम के पद सृजित नहीं कर पाई है तो इन तहसीलों को बनाया क्यों गया। एसडीएम के पद सृजित न होने से लोगों को इन तहसीलों का लाभ नहीं मिल पा रहा है। क्षेत्रवासी पिछले लंबे समय से इन दोनों तहसीलों के लिए एसडीएम के पद सृजित करने की मांग करते आ रहे हैं लेकिन अभी तक एसडीएम के पद सृजित नहीं हो पाए हैं। इन दोनों तहसीलों के लिए एसडीएम के पद सृजन का मामला शासन स्तर पर लंबित पड़ा है। 

प्रदेश में चारों ओर अराजकता का माहौलः भट्ट 
  • कर्मचारियों के लिए पैसा नहीं और चहेतों को रेवडि़यों की तरह लालबत्ती बांट रही सरकार 

देहरादून, 8 अक्टूवर,(निस)। नेता प्रतिपक्ष उत्तराखण्ड विधानसभा अजय भट्ट ने कहा कि प्रदेश सरकार ने प्रदेश में चारों ओर अराजकता का माहौल उत्पन्न कर दिया है। प्रदेश में चारों ओर हड़ताल और धरना-प्रदर्शन के अलावा कुछ भी देखने को नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि पहाड़ों में पटवारियों ने पुलिस कार्य छोड़ दिया है, पहाड़ों की सुरक्षा व्यवस्था राम भरोसे चल रही है किन्तु सरकार को कोई भी चिंता नहीं है। वहीं दूसरी ओर मिनिस्ट्रिीयल कर्मचारियों की हड़ताल को 1 महीना होने जा रहा है आज तक उनसे वार्ता नहीं की गयी है, सरकार की हठधर्मिता के कारण जहां प्रदेश का विकास चैपट हो गया है, वहीं दूसरी ओर प्रदेश की जनता को आये दिन के काम-काज कराने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि बेरोजगारों को रोजगार देने एवं कर्मचारियों की हड़ताल समाप्त कराने में उनकी मांगों को मानने के लिए सरकार के पास धन का अभाव है किन्तु अपने चहेतों को रेवडि़यों की तरह लालबत्ती बाॅटकर सरकारी खजाने पर करोड़ों रूपये का चूना लगाने में उसे धनाभाव नजर नहीं आता है। श्री भट्ट ने कहा कि आये दिन सत्ता पक्ष का कोई न कोई विधायक धरने पर बैठ जाते हैं और उन्हें मंत्री स्तर की सुख सुविधायें दिये जाने में सरकार प्रदेश के सरकारी खजाने की थोड़ी भी चिंता नहीं करती है। उन्होंने कहा कि सरकार के भीतर यदि थोड़ी भी नैतिकता बची है तो शीघ्र ही बी0पी0एड0 प्रशिक्षितों की तथा कर्मचारियों की मांगों को माना जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सत्ता पक्ष के विधायकों से लेकर सभी कार्यकर्ताओं को लालबत्ती से नवाजा जा रहा है और प्रदेश की जनता की गाढ़ी कमाई को पानी की तरह बहाया जा रहा है जिसका जवाब जनता समय आने पर कांग्रेस को जरूर देगी। श्री भट्ट ने कहा कि सरकार खनन, शराब और भू-माफियाओं के दबाव में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि आखिर किन कारणों से चंद समय में ही हरिद्वार के एसएसपी दाते को उनके पद से हटाया गया इसका जवाब सरकार के पास भी नहीं है, क्योंकि उन्हें खनन माफियाओं के दबाव में हटाया गया है।  

17 अक्टूबर को धरना-प्रदर्शन करेगी आंगनवाडी कार्यकत्रियां

देहरादून, 8 अक्टूवर,(निस)। आंगनबाड़ी कर्मचारी बाल विकास का सम्पूर्ण काम करने के साथ तमाम तरह के सर्वे सम्पादित करती हैं। परंतु वे न्यूनतम वेतन तक से वंचित है। असल में उत्तराखण्ड बनने के बाद महिला कामगारों की जितनी उपेक्षा हुई है उतनी किसी की भी नहीं हुई। एक्टू से सम्बद्ध उत्तराखंड आंगनबाड़ी कर्मचारी यूनियन की राज्य कमेटी की बैठक को सम्बोधित करते हुए एक्टू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजा बहुगुणा ने यह बात कही। कार रोड, बिन्दुखत्ता में दीपक बोस भवन में हुई बैठक में एक्टू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजा बहुगुणा ने कहा कि देश भर के मजदूरों में मोदी सरकार के श्रम सुधारों के खिलाफ गुस्सा बढ़ रहा हैं। देश की तमाम वामपंथी ट्रेड यूनियन्स इस गुस्से की अगुवाई करते हुए पूरे देश में 5 दिसम्बर को विशाल धरने-प्रदर्शन आयोजित करेंगी जिसमें श्रम सुधारों को वापस लेने की मांग की जायेगी। आंगनबाड़ी कर्मचारी यूनियन की अध्यक्ष दीपा पांडेय ने कहा कि हमें मानदेय नहीं वेतन चाहिये। इसके लिए लड़ाई तेज करनी होगी। जिसके लिये बड़ी एकता की जरूरत है। संगठन की एकता और संघर्ष ही वो कुंजी है जिसमें हम अपनी लड़ाई जीत सकते हैं। एक्टू के प्रदेश महामंत्री केके बोरा ने कहा कि सिडकुल से लेकर आंगनबाड़ी कर्मियों तक श्रमिकों के श्रम का खुला शोषण जारी है। राज्य सरकार श्रम अधिकारों को लेकर जुबानी जमा खर्च करने के अलावा कुछ नहीं कर रही है और मुनाफा कुछ चंद हाथों तक सीमित किया जा रहा है। बैठक में फैसला लिया गया कि आगामी 17 अक्टूबर को राज्य सरकार सेें आंगनबाड़ी कर्मियों को राज्य कर्मचारी घोषित किये जाने, न्यूनतम वेतन देने, समान काम का समान वेतन देने, मिनी आंगनबाड़ी को भी पूर्ण आंगनबाड़ी का दर्जा देने , आंगनबाड़ी केन्द्रों का निर्माण करने, ग्रीष्मकालीन व शीतकालीन अवकाश आदि मांगों पर ब्लाक-जिला मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन किया जायेगा। 9 नवम्बर को महिला कामगारों की एक वर्कशाप हल्द्वानी में करने का भी फैसला लिया गया। बैठक में उत्तराखण्ड आंगनबाड़ी कर्मचारी यूनियन के महामंत्री कैलाश पाण्डेय के अलावा हीरा भट्ट, सरोज पंत, मंजू बोरा, उषा पंत, हंसा कन्याल, सरोज मोनी, भागीरथी भट्ट, जानकी जोशी, गोविन्दी पंत, विमला बिष्ट, रूबी भारद्वाज आदि मुख्य रूप से मौजूद थे। 

बैडमिंटन खेल राज्यपाल ने किया चैम्पियनशिप का शुभारंभ

देहरादून, 8 अक्टूवर,(निस)। उत्तराखण्ड के राज्यपाल डा0 अजीज कुरैशी ने आज देहरादून के पुलिस लाइन में पी.ए.सी. बैण्ड की धुनों के बीच 4 दिवसीय ‘7वीं आॅल इण्डिया पुलिस बैडमिंटन चैम्पियनशिप 2014‘ की विधिवत घोषणा के साथ ही बैडमिंटन खेल कर प्रतियोगिता का औपचारिक शुभारंभ किया। इस अवसर पर राज्यपाल ने नागरिकों को सुरक्षित तथा शान्तिपूर्ण वातावरण प्रदान करने के लिए देश भर के पुलिस बलों की उल्लेखनीय भूमिका की भरपूर सराहना करते हुए कहा कि होली, दीपावली व ईद जैसे प्रमुख त्यौहारों व निजी कार्यो की परवाह किए बिना 24 घंटे मुस्तैदी से अपने ड्यूटी पर हाजिर रहकर जनसामान्य को हर तरह से सुरक्षित होने का एहसास दिलाने वाली पुलिस फोर्स पर भारत को गर्व है। पुलिस कर्मियों द्वारा समाज में शांति व सुरक्षा की स्थापना के लिए दी जाने वाली सेवाओं के सापेक्ष उनको मिलने वाली सुविधाओं को अपर्याप्त बताते हुए राज्यपाल ने कहा कि पुलिस कर्मियों को उनकी सेवाओं का वाजिफ हक मिलना ही चाहिए। उन्होनें विशेष रूप से उत्तराखण्ड के परिपेक्ष्य में अनुशंसा करते हुए कहा कि पुलिस कर्मियों की क्षमताओं का मानवीय दृष्टि से सदुपयोग करने के लिए उनकी ड्यूटी का समय निर्धारित होना चाहिए ताकि कार्याधिक्य के दवाब में उनके मन में शोषण जैसी कोई भी प्रतिकूल भावनांए न पनप सकें। राज्यपाल ने खेल सम्बंधी गतिविधियों को निरन्तर प्रोत्साहित किए जाने पर बल देते हुए यह भी कहा कि बेरोजगार खेल प्रतिभाओं को पुलिस में नौकरी/रोजगार मिलने के सर्वाधिक अवसर प्राप्त होते हैं। उत्तराखण्ड पुलिस को दूसरी बार इस प्रतियोगिता की मेजबानी का अवसर मिलने पर राज्यपाल ने प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होनें विभिन्न राज्यों से आये 28 टीमों के प्रतिभागियों को शुभकामनांए देते हुए विश्वास व्यक्त किया कि यह प्रतियोगिता सच्ची खेल भावना से खेली जायेगी। उद्घाटन समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में गृहमंत्री प्रीतम सिंह तथा प्रमुख सचिव गृह एम.एच.खान के अलावा पुलिस के अनेक वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। पुलिस महानिदेशक डी.एस.सिद्धू द्वारा राज्यपाल एवं गृह मंत्री को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। प्रतियोगिता के आयोजक पुलिस उपमहानिरीक्षक पी.ए.सी. श्री अमित सिन्हा द्वारा अतिथियों का आभार व्यक्त किया गया। इससे पूर्व डी.आई.जी. गढ़वाल मण्डल संजय गुंज्याल ने सभी प्रतिभागियों को खेल भावना से खेलने की शपथ दिलाई। सूच्य है कि प्रतिभागियों में आई.टी.बी.पी, आर.पी.एफ, आई.बी, सी.आर.पी.एफ, एस.एस.बी, बी.एस.एफ, एन.एस.जी, सी.बी.आई, सहित 8 केन्द्रीय पुलिस संगठनों के अतिरिक्त आन्ध्र प्रदेश, अरूणाचल, आसाम, बिहार, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल, जम्मू-कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मिजोरम, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, दादरा-नगर-हवेली, तेलंगना तथा उत्तराखण्ड पुलिस बल के कुल 150 प्रतिभागी शामिल है।

रैली को किया रवाना

देहरादून, 8 अक्टूवर,(निस)। उत्तराखण्ड के माननीय पर्यटन मंत्री दिनेश धनै ने आज सुबह क्राॅस रोड माॅल, देहरादून से टिहरी एडवेंचर रैली को झंडा दिखा कर रवाना किया। रैली में पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, यूपी, उत्तराखण्ड से करीब लगभग 40 राइडर्स ने हिस्सा लिया। इस मौके पर श्री धनै ने कहा कि इस रैली द्वारा हम यह सन्देश विश्व में देना चाहते है कि उत्तराखण्ड पूर्णतः सुरक्षित है और राज्य में सहासिक पर्यटन के नये-नये स्थान विकसित किये जा रहे है। जिससे राज्य में पर्यटन रोजगार की सम्भावना बढे। इसी क्रम में 42 किलो मीटर लम्बी टिहरी झील को साहसिक पर्यटन के केन्द्र के रूप में विकसित किया जा रहा है, जहां दो दिवसीय (9 अक्टूबर एवं 10 अक्टूबर, 2014) एडवेंचर टूरिज्म फेस्टिवल आयोजित होने जा रहा है। यह रैली राज्य में सहासिक पर्यटन को बढावा देने की एक महत्वपूर्ण पहल है एवं आगे भी ऐसे कार्यक्रम आयोजित कराये जाते रहेगें। इस अवसर पर शैलेश बगौली, डा. आनन्द श्रीवास्तव, ऐ.के. द्विवेदी, वी.एस. चैहान मुख्य रूप से मौजूद थे। 

प्रदेश में महिला विशेषज्ञ डाक्टरों के 190 पद पड़े हैं रिक्त 

देहरादून, 8 अक्टूवर,(निस)। राज्य में महिला विशेषज्ञ डाक्टरों की जबरदस्त कमी बनी हुई है। महिला विशेषज्ञ डाक्टरों के स्वीकृत 250 पदों में से 190 पद रिक्त पड़े हुए हैं। महिला विशेषज्ञ डाक्टरों की कमी के चलते सरकारी हाॅस्पिटलों में गभर्वती महिलाओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। एक ओर सरकार संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने की बात कर रही है, वहीं महिला विशेषज्ञ चिकित्सकों के रिक्त पदों को सरकार द्वारा पिछले लंबे समय से नहीं भरा गया है। अधिकांश अस्पतालों में महिला विशेषज्ञ चिकित्सकों के पद रिक्त पड़े हुए हैं। महिला विशेषज्ञ चिकित्सकों के पद रिक्त पड़े होने के कारण गर्भवती महिलाओं को निजी अस्पतालो का रूख करना पड़ता है। निजी चिकित्सालयों में फीस अधिक होने के कारण विशेषकर गरीब परिवारों की गर्भवती महिलाओं को आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। प्रदेश में महिला विशेषज्ञ डाक्टरों के 250 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से कि केवल 60 महिला विशेषज्ञ चिकित्सक ही कार्यरत हैं। महिला विशेषज्ञ चिकित्सकों के 190 पद पिछले काफी समय से रिक्त पड़े हैं। सरकारी अस्पतालों में महिला विशेषज्ञ चिकित्सकों के पद रिक्त पड़े होने का फायदा निजी चिकित्सालय उठा रहे हैं। निजी चिकित्सालयों द्वारा मरीजों से मनमानी फीस वसूली जा रही है।    

श्रद्धाजंलि सभा में शामिल हुए कांग्रेस सह प्रभारी व अध्यक्ष

kishore upadhyay
देहरादून, 8 अक्टूवर,(निस)। उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रे्रस सह प्रभारी संजय कपूर एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता तथा पूर्व वित्त एवं पेट्रोलियम मंत्री स्व0 ब्रहमद्त्त की श्रद्धांजलि सभा में उन्हें पार्टी की ओर से श्रद्धा सुमन अर्पित किये। अपने आज के उत्तरकाशी दौरे को स्थगित करते हुए श्री उपाध्याय एवं संजय कपूर स्व0 ब्रहमदत्त के पैत्रिक आवास विकासनगर पहुंचे तथा वहां पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में शामिल हुए। प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के साथ दौरे में शामिल प्रदेश कांग्रेस के मुख्य समन्वयक जोत ंिसह बिष्ट तथा विधायक एवं संसदीय सचिव विजय पाल सजवाण भी स्व0 ब्रहमदत्त को श्रद्धांजलि देने पहुंचे। स्व0 ब्रहमदत्त को श्रद्धांजलि देने के उपरान्त श्री उपाध्याय एवं अन्य कांग्रेसजन अपने दौरा स्थल के लिए रवाना हो गये। शोकसभा में बोलते हुए श्री उपाध्याय ने कहा कि श्रद्धेय ब्रहमदत्त के देहावसान से कांग्रेस ही नहीं अपितु पूरे प्रदेश को क्षति हुई है। उत्तर प्रदेश तथा केन्द्र सरकार में मंत्री रहते हुए क्षेत्र के विकास में उनके योगदान को कभी भुलाया नही ंजा सकता। स्व0 ब्रहमदत्त जी विभिन्न विषयों के ज्ञाता थे विधान परिषद सदस्य से लेकर टिहरी सांसद एवं केन्द्र में वित्त व पेट्रोलियम मंत्री के रूप में देश के विकास में उन्होंने अविस्मरणीय योगदान दिया है जिसके लिए वे सदैव याद किये जाते रहेंगे। प्रयार्ववरण संवर्द्धन के क्षेत्र में उनके द्वारा दिये गये अभूतपूर्व योगदान से न केवल घर-घर कुकिंग गैस पहुंची बल्कि वनो का संरक्षण तथा माताओं एवं बहनों के जीवन में खुशियों का समावेश हुआ। उनका असमय जाना कांग्रेस एवं उत्तराखण्ड राज्य की अपूर्णीय क्षति है। 

दिल्ली-यमुनोत्री नेशनल हाइवे की हालत ठीक नहीं 

देहरादून, 8 अक्टूवर,(निस)। दिल्ली-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-496 की हालत ठीक नहीं है। मार्ग पर के रखरखाव की ओर विभाग द्वारा ध्यान न दिए जाने से मार्ग बदहाल हो चुका है। कई स्थानों पर हाइवे की पेंटिंग उखड़ चुकी है और गड्ढे बने हुए हैं, जबकि कई स्थानों पर दीवारें क्षतिग्रस्त हो रखी हैं। मार्ग खस्ताहाल होने से इस पर आए दिनों वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं। विभाग मार्ग के रखरखाव के प्रति उदासीन बना हुआ है। दिल्ली-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग खंड बड़कोट के अधीन आता है। यह राजमार्ग क्षेत्र का अत्यन्त महत्वपूर्ण मार्ग है। इस मार्ग से अनेक यात्री चारधाम को भी जाते हैं। इसके साथ ही लखवाड क्षेत्र सहित कई गांवों को जाने वाले संपर्क मार्ग भी इससे जुड़े हैं। दर्जनों गांवों की यातायात व्यवस्था मुहैया कराने वाले हाइवे की वर्तमान में हालत बहुत खराब है। यह मार्ग कालसी से लेकर जुड्डो तक जगह-जगह से क्षतिग्रस्त है। कई जगह मलबा गिरने से वाहनों का निकलना मुश्किल हो जाता है, किनारों पर सुरक्षा दीवार न होने के कारण अकसर दुर्घटना का खतरा बना रहता है। हाइवे की बदहाली के कारण बड़कोट, नौगांव, पुरोला को जाने वाले वाहन कालसी-बैराटखाई मोटर मार्ग से गुजर रहे हैं। इस कारण चालकों को 30 से 40 किमी की अतिरिक्त दूरी नापनी पड़ रही है। इससे यात्रियों का किराया अधिक लग रहा है और अधिक समय भी खर्च हो रहा है। दिल्ली-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग से गुजरात, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, उत्तरप्रदेश आदि राज्यों के यात्री चारधाम यात्रा को आते हैं। दिल्ली-यमुनोत्री हाइवे की बोसान बैंड के पास हालत ऐसी है कि किसी भी दिन कोई हादसा हो सकता है। क्षेत्र के एकमात्र दिल्ली-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सफर करना खतरे से खाली नहीं है। विभागीय अधिकारियों के सुध न लेने के कारण हाइवे दिन प्रतिदिन बदहाल होता जा रहा है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि कई बार मार्ग की हालत सुधारने की मांग करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। हाइवे काली मंदिर कालसी से शुरू होता है। विभागीय उपेक्षा व रखरखाव के अभाव में यह मार्ग इतना जर्जर हो चुका है कि इस पर सफर करना खतरे से खाली नहीं है। जगह-जगह मलबा, पत्थर आने व कई जगह से मार्ग धंसने से इस मार्ग पर छोटे वाहन बड़े जोखिम से गुजर रहे हैं। मार्ग पर गड्ढे बने होने से कई दोपहिया वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं। हाइवे के बौसान बैंड के पास भूस्खलन में पूरी सड़क ही कट चुकी है। थोड़ा सा मार्ग बचा होने पर यहां जोखिम लेकर छोटे वाहन निकाले जा रहे हैं।

29 अवरुद्ध मोटर मार्गों को नहीं खोल पाया लोक निर्माण विभाग 

देहरादून, 8 अक्टूवर,(निस)। प्रदेश के विभिन्न जनपदों में 29 मोटर मार्ग अब भी अवरुद्ध पड़े हुए हैं। मोटर मार्गों के अवरुद्ध पड़े होने से क्षेत्रवासियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। यह मोटर मार्ग आपदा के दौरान क्षतिग्रस्त हो गए थे, जो कि अभी तक नहीं खुल पाए हैं। रुद्रप्रयाग जिले में 2 ग्रामीण मोटर मार्ग अवरूद्ध हैं, जबकि चमोली जिले में 5 ग्रामीण मोटर मार्ग अवरूद्व हैं। हरिद्वार जनपद के अन्तर्गत 1 ग्रामीण मोटर मार्ग अवरूद्ध हैं। उत्तरकाशी जनपद में 2 ग्रामीण मोटर मार्ग अवरूद्ध हंै। नैनीताल में 2 ग्रामीण मोटर मार्ग अवरूद्ध पड़े हैं। बागेश्वर जिले में 2 ग्रामीण मोटर मार्ग अवरूद्ध हैं। अल्मोड़ा जिले में 3 ग्रामीण मोटर मार्ग अवरूद्ध हैं। टिहरी जिले में 5 ग्रामीण मोटर मार्ग अवरूद्ध हैं। पिथौरागढ़ जिले में लोक निर्माण विभाग, एडीबी एवं पीएमजीएसवाई के अन्तर्गत सर्वाधिक 8 मोटर मार्ग मलबा आने से अवरूद्व पड़े हंै। यह मोटर मार्ग आपदा के दौरान अवरुद्ध हो गए थे, जो कि अभी तक यातायात के लिए नहीं खोले जा सकें हैं। इन मोटर मार्गों में जगह-जगह पर मलबा आ रखा है। कुछ स्थानों पर दीवारें क्षतिग्रस्त पड़ी हुई हैं। मार्गों के बंद पड़े होने से लोगों को कई किमी की पैदल दूरी तय करनी पड़ रही है। विभाग अवरु़द्ध मोटर मार्गों को खोलने को लेकर उदासीन बना हुआ है। विभाग कई महीनों बाद भी इन अवरुद्ध मोटर मार्गों को नहीं खोल पाया है।  

रेल के चपेट में आने से तीन की मौत

देहरादून, 8 अक्टूवर,(निस)। बुधवार सुबह के समय टेªन की चपेट में आकर एक ही परिवार के तीन लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहंुची लेकिन तब तक मृतकों के परिजन उनके शवों को उठाकर अपने साथ ले गये। सभी मृतक सहारनपुर जनपद के बताये गये हैं। मिली जानकारी के अनुसार आज सुबह करीब साढे दस बजे रेलवे फाटक बंद था तभी मुगलखेड़ा निवासी इकबाल (30) पुत्र इल्हाम अपनी पत्नि व मां मुना (60) तथा पुत्री रबिया (3) अपनी ससुराल पुहाना एक अकीका (जसूटन) के कार्यक्रम में भाग लेेने के लिए जा रहे थे। फाटक बंद होने के कारण रुड़की की ओर से एक टेªन जैसे ही क्रॅासिंग पार हुई तभी उक्त युवक अपनी पत्नि व मोटरसाईकिल के साथ रेलवे लाईन पास कर गया लेकिन उसकी बूढ़ी मां छोटी बच्चों को गोद में लिये थे वह लाईन पर गिर गई और उसे उठाने के लिए इकबाल जैसे ही उनके पास आया कि सहारनपुर की ओर से आ रही 9105 अहमदाबाद मेल की चपेट में आ गये और तीनों की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। इस घटना से वहां कोहराम मच गया। मृतकों के साथ अन्य रिश्तेदार भी गाड़ी से चल रहे थे। आनन-फानन में उन्होंने सभी शवों को एक टैम्पू में रखवा लिया और पुलिस के पहंुचने से पहले ही वह मुगलखेड़ा के लिए रवाना हो गये। इकबालपुर पुलिस सूचना मिलने पर मौके पर पहंुची लेकिन उन्हें क्राॅसिंग पर कुछ नहींे मिल पाया। पुलिस ने इस बाबत आस-पास जानकारी भी की लेकिन कोई सफलता नहीं मिल पाई। बताया गया है कि सूचना पर जीआरपी रुड़की भी मौके पर पहंुची वह भी बैरंग लौट गई। इस घटना से गांव में कोहराम मचा हुआ है और मृतक की ससुराल के लोग भी मुगलखेड़ा पहंुच रहे हैं। सनद रहे कि फाटक बंद होने पर लोग अक्सर उसके नीचे से निकलते हैं इस कारण अचानक टैªक पर दुर्घटना हो जाती है। इसके लिए रेलवे विभाग द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाये जा रहे हैं। जिसके कारण लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ती है। आज भी अचानक हुए इस घटनाक्रम से आस-पास के गांव में काफी मातम है।

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