चुनाव आयोग ने वाड्रा लैंड डील पर अपनी रिपोर्ट दे दी है. चुनाव आयोग ने कहा है कि यह मामला आचार संहिता लागू होने से पहले का है. दरअसल, प्रधानमंत्री ने वाड्रा लैंड डील पर चुनाव आयोग से कार्रवाई की मांग की थी. दरअसल हरियाणा की कांग्रेस सरकार ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा और डीएलएफ के बीच विवादास्पद जमीन सौदे को मंजूरी दे दी थी. मंजूरी की चिट्ठी 16 जुलाई को लिखी गई थी. गौरतलब है कि हरियाणा सरकार के सीनियर आईएएस अशोक खेमका ने इस सौदे को नामंजूर किया था.
यह जमीन गुड़गांव के शिकोहपुर में है. यह डील वाड्रा की कंपनी 'स्काई लाइट हॉस्पिटलिटी' और 'डीएलएफ यूनिवर्सल लिमिटेड' की बीच हुई है. हरियाणा सरकार ने दावा किया है कि खेमका के आदेश वैध नहीं थे. गुड़गांव के डिप्टी कमिशनर शेखर विद्यार्थी ने हरियाणा के चीफ सेक्रेटरी और फाइनेंशियल कमिशनर को 16 जुलाई को लिखी चिट्ठी में कहा था कि जमीन को लेकर हुआ करार सही है और राजस्व रिकॉर्ड के मुताबिक इसका मालिकाना हक डीएलएफ के पास है.इस रिपोर्ट में खेमका के आदेश को अवैध बताया गया था.
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