विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर (10 अक्टूबर) - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 10 अक्तूबर 2014

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर (10 अक्टूबर)

नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाष सत्यार्थी मूलतः विदिषावासी हैं
  • उन्होंने ऐसा ही अनुपम चमत्कार विदिषा में ही साठ के दषक में भी किया था, जब उस चमत्कार ने उन्हें विष्व स्तर पर व्यापक चर्चित तथा प्रचारित कर दिया था
  • क्या था वो बेमिसाल क्रांतिकारी करिष्मा ?

विदिषा-10 अक्टूबर 2014 (अमिताभ शर्मा)/विष्व के सर्वोच्च सम्मान नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित-अभिनंदित होने का परम चमत्कार करने वाले कैलाष सत्यार्थी मूलतः कस्बाई मानसिकता के विदिषा जिला मुख्यालय के निवासी हैं। वे चाहे लम्बे अरसे पहले नई दिल्ली के निवासी हो गए हों पर उनके खानदान के अनेक परिवार अब भी विदिषा में ही निवासरत हैं। इससे भी बड़ा चमत्कार उन्होंने साठ के दषक में विदिषा में ही किया था, जिसने उन्हें ना केवल विदिषा क्षेत्र अपितु समूचे प्रदेष तथा देष के साथ पूरे विष्व में रातों-रात सुपर ह्यूमन हीरो की तरह चर्चित और प्रचारित कर दिया था। वो निष्चित रूप से अनुपम क्रांतिकारी अप्रतिम चमत्कार ही था। उस चमत्कार के बारे में तत्कालीन जनसंपर्ककर्मी जगदीष शर्मा बताते हुए अभिभूत हो उठे हैं। 
जगदीष शर्मा के अनुसार वो घटना साठ के दषक में अब से दषकों पूर्व तब हुई थी, जब देष को स्वतंत्र हुए कोई डेढ़-दो दषक से अधिक की अवधि बीत चुकी थी। इसके बाद भी देष भर में जाति-पांति और छुआ-छूत का दौर कमोवेष सब दूर पहले की भांति ही जारी था। उस समय आमतौर पर घरों में कच्चे शौचालय ही होते थे और सफाई कामगारों द्वारा इन शौचालयों का मैला सिर पर ढोकर फेंकने ले जाया जाता था। इन कामगारों में भी अधिकांषतः महिलाएं ही सिर पर मैला ढोने का काम करतीं थीं। जाहिर है कि जाति-पांति और छुआ-छूत के उस दौर में भी सफाई कामगारों को ही परम्परानुसार सर्वाधिक अछूत और अस्पृष्य माना जाता था। दूसरी ओर उस समय केन्द्र सहित अधिकांष राज्य सरकारों पर कांग्रेस का एक छत्र राज हुआ करता था। अन्य दल तो नगण्य ही थे। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पे्ररणा से कांग्रेस ने जाति-पांति और छुआ-छूत को दूर करने का संकल्प चाहे लिया था, पर कांग्रेस के सत्तासीन दिग्गज नेता भी कहीं भी संकल्प का अनुसरण नहीं कर रहे थे। कांग्रेसी नेता भी छुआ-छूत और जाति-पांति की पुरानी परम्परा ढो रहे थे। इन्हीं हालात में राष्ट्रीय पर्व (स्वतंत्रता दिवस अथवा गणतंत्र दिवस) ने दस्तक दी। पर्व दिवस के दो-तीन रोज पहले कैलाष सत्यार्थी ने तत्कालीन स्थानीय कांग्रेसी सांसदों, विधायकों, संगठन नेताओं सहित विभिन्न उच्च जातियों के अग्रगण्य व्यक्तियों से संपर्क कर उन्हें एक निमंत्रण दिया। उन्हें राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा के परिसर में उस पर्व दिवस भोजन करने आमंत्रित किया था। साथ ही यह भी कहा था कि वहां भोजन एक सफाई कामगार महिला द्वारा बनाया जाएगा। उन्होंने ऐसा आमंत्रण विदिषावासी पूर्व मुख्यमंत्री बाबू तख्तमल जैन, राज्यसभा सांसद बाबू रामसहाय सक्सेना को भी दिया था। बस, फिर क्या था तमाम कांग्रेस नेता विदिषा में राष्ट्रीय पर्व मनाने के स्थान पर कोई ना कोई बहाना बनाकर विदिषा से बाहर चले गए और जो बाहर नहीं जा सके उन्होंने बीमारी का बहाना बनाकर घर से बाहर निकलने से इन्कार कर दिया था। जाहिर है कि श्री सत्यार्थी का आमंत्रण किसी नेता, गणमान्य व्यक्ति तो दूर की बात, किसी साधारण व्यक्ति ने भी स्वीकार नहीं किया था। आमंत्रण चाहे किसी ने भी स्वीकार नहीं किया था, पर राष्ट्रपिता के प्रतिमा स्थल पर सुबह से ही भारी भीड़ उस बेमिसाल करिष्मे को देखने एकत्र हो गई थी। फिर हुआ ये कि श्री सत्यार्थी और सफाई कामगार महिला पूर्व निर्धारित समय पर प्रतिमा स्थल पहुंच गए, जहां महिला र्ने इंटों का चूल्हा तैयार कर साथ में लाए गए लकड़ी-कण्डों से चूल्हा जलाया और दाल, चावल पकाए। फिर उसने वह भोजन वहीं श्री सत्यार्थी को परोसा, जिसे सत्यार्थी ने सार्वजनिक रूप से प्रेमपूर्वक ग्रहण किया। बस, फिर क्या था, जैसे ही स्थानीय पत्रकारों ने राजधानी भोपाल के समाचार-पत्रों को घटना के समाचार भेजे और अगले रोज समाचार पहले पेज पर प्रधान समाचार के रूप में छपने का परिणाम यह हुआ कि देष के राष्ट्रीय स्तर के समाचार-पत्रों के पत्रकार भी भोपाल और विदिषा पहुंच गए और उन्होंने भी राष्ट्रीय स्तर पर भी वैसा ही प्रमुखतापूर्ण कवरेज किया। इससे अंतर्राष्ट्रीय स्तर के समाचार पत्रों के प्रतिनिधि भी पे्ररित हुए और उन्होंने भी भोपाल तथा विदिषा पहुंचकर अपने-अपने पत्रों में विस्तृत रिपोर्ट प्रकाषित की, जिससे कैलाष सत्यार्थी विष्व स्तरीय सुपर ह्यूमन हीरो बन गए थे। यहां यह भी स्मरणीय है कि हिन्दुओं में सफाई कामगारों को सबसे नीची जाति का और सर्वथा अछूत तथा अस्पृष्य मानने की परम्परा थी, जबकि सत्यार्थी हिन्दुओं की सर्वोच्च जाति ब्राह्मण के थे। किसी ब्राह्मण से इस प्रकार के क्रांतिकारी निर्णय की तो कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था। इसके बाद वे दिल्ली में बसे और बचपन बचाओ आंदोलन को विष्व व्यापी बना दिया। इसी आंदोलन ने उन्हें नोबेल सम्मान प्रदान कराया है, परन्तु इस आंदोलन को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सफल बनाने में विदिषा में साठ के दषक में घटी घटना और उससे उन्हें मिले विष्व व्यापी प्रचार ने सबसे बड़ी भूमिका निभाई।

फायर सेफ्टी प्लान बनाएं-संभागायुक्त श्री सिंह

  • अग्नि दुर्घटना रोकने के लिए सतर्कता एवं सावधानियां बरते 

vidisha news
अग्नि सुरक्षा के प्रति जन जागरूकता अभियान पुलिस अग्निशमन सेवा के द्वारा जिले में किया गया। उनके द्वारा लगातार दो दिन तक कार्यशाला का आयोजन कर परिचर्चा एवं डेमो प्रदर्शन के माध्यम से अग्नि दुर्घटना रोकने के लिए बरती जाने वाली सतर्कता एवं सावधानियां, कही कोई अग्नि दुर्घटना होती है तो किन बातो का विशेष ध्यान रखा जाए ताकि जनहानि को रोका जा सकें इत्यादि की जानकारी इस दौरान विस्तारपूर्वक दी गई। भोपाल संभागायुक्त श्री एसबी सिंह ने विदिशा शहर की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए उन्होंने छोटे-छोटे फायर सेफ्टी प्लान बनाए जाने पर बल दिया। उन्होंने गतवर्ष हुई शहर में आगजनी दुर्घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि पूर्व मंे ही सेफ्टी प्लान तैयार रहता तो अग्नि दुर्घटना में जनहानि को रोका जा सकता था। उन्होंने मोहल्लेवार छोटे-छोटे प्लान तैयार करने की समझाईंश दी। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, अग्निशमन सेवाएं, डाॅ विजय कुमार ने अग्नि दुर्घटनाओं को रोकने हेतु किए जाने वाले प्रबंधन, दुर्घटना के उपरांत किन बातो का विशेष ध्यान रखना चाहिए की बिन्दुवार जानकारी दी। उन्होंने नगरवासियों से कहा कि वे आगजनी दुर्घटना रोकने के लिए सावधानियों का विशेष ध्यान रखें। उन्होंने पूर्व तैयारियों किस प्रकार से की जाए को भी रेखांकित किया। जालोरी गार्डन में आयोजित कार्यशाला में शमशाबाद विधायक श्री सूर्यप्रकाश मीणा, विदिशा विधायक श्री कल्याण सिंह दांगी, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती सुनीता सोनकर, समाजसेवी श्री मुकेश टण्डन, नगरपालिका अध्यक्ष श्रीमती ज्योतिशाह, ग्यारसपुर जनपद पंचायत अध्यक्ष श्री छत्रपाल शर्मा, पूर्व विधायक श्री गुरूचरण सिंह, व्यापार महासंघ के अध्यक्ष श्री देवराज अरोरा, श्री शशांक भार्गव समेत अन्य व्यवसाईगण मौजूद थे।  जिले के विभिन्न विभागों के अधिकारी और अधीनस्थ स्टाफ, समस्त बैंको के प्रतिनिधि, पेट्रोल पम्प के संचालक और स्वंयसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों को इस दौरान आग से सुरक्षा के बचाव, उपायों और सावधानियों की विस्तृत जानकारी दी गई। कार्यक्रम में कलेक्टर श्री एमबी ओझा, पुलिस अधीक्षक श्री धर्मेन्द्र चैधरी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री राय सिंह नरवरिया भी मौजूद थे। पुलिस अग्निशमन सेवा के अधिकारियों द्वारा डेमो के माध्यम से फायर सेफ्टी का प्रदर्शन भी किया गया।

संभागायुक्त द्वारा शैक्षणिक संस्थान एवं छात्रावास का आकस्मिक निरीक्षण

भोपाल संभागायुक्त श्री एसबी सिंह ने शुक्रवार को ग्राम बीलाढाना के स्कूल का और कुरवाई में संचालित आदिम जाति कल्याण विभाग की कन्या छात्रावास का आकस्मिक निरीक्षण किया। इस अवसर पर कलेक्टर श्री एमबी ओझा, पुलिस अधीक्षक श्री धर्मेन्द्र चैधरी समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी साथ मौजूद थे।संभागायुक्त श्री सिंह ने ग्राम बीलाढाना की प्राथमिक, माध्यमिक विद्यालय में पहुंचकर शैक्षणिक गतिविधियों, विद्यार्थियों को दी जाने वाली सुविधाओं का जायजा लिया। यहां उन्होंने शिक्षक श्रीमती विरजीनाबी, श्री अजय सिंह राजपूत और श्री शैलेन्द्र रघुवंशी को शोकाॅज नोटिस जारी करने के निर्देश संबंधित अधिकारी को दिए। संबंधितों के अवकाश आवेदन पूर्व तिथि के पाए जाने पर उक्त कार्यवाही प्रस्तावित की गई है। संभागायुक्त श्री सिंह ने स्कूली विद्यार्थियों से रूबरू होकर अध्यापन कार्यो की गुणवत्ता का जायजा लिया। उन्होंने शिक्षकों से कहा कि बच्चे नियमित स्कूल आएं इसके लिए हर माह पालक समिति की बैठक अनिवार्यतः आयोजित की जाए जिसमें शिक्षक, बालक और उसके पालक परिचर्चा कर शैक्षणिक गुणवत्ताओं में सुधार और विद्यार्थियों के लिए क्रियान्वित योजनाओं का सुगमता से उन्हें लाभ मिल सकें इत्यादि का क्रियान्वयन किया जाए। संभागायुक्त श्री सिंह ने कुरवाई की कन्या छात्रावास का भी आकस्मिक निरीक्षण किया। यहां उन्होंने रसोईघर में पहुंचकर भोजन तैयार कर रही महिलाओं से संवाद स्थापित कर जानकारी प्राप्त की। दसवीं में अध्ययनरत कु निशा चिढ़ार, कु शारदा मालवीय, कु कीर्ति अहिरवार ने छात्रावास में उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं की बिन्दुवार जानकारी दी। इस दौरान संभागायुक्त ने उनसे जानना चाहा कि वे बडे़ होकर क्या बनना चाहती है तो अधिकांश छात्राओं ने पुलिस और डाक्टर बनने की इच्छा जाहिर की। संभागायुक्त ने उनसे कहा कि अच्छी पढ़ाई करने से अपने लक्ष्यों की प्राप्ति की जा सकती है।

क्रास माॅनिटरिंग की व्यवस्था उन्नत करें-संभागायुक्त श्री सिंह

भोपाल संभागायुक्त श्री एसबी सिंह ने शासकीय योजनाओं एवं कार्यक्रमों की समीक्षा कुरवाई के एसडीएम कार्यालय में की। जिसमें उन्होंने खण्ड स्तरीय अमले से कहा कि शासन की जो भी जनकल्याणकारी योजनाएं है उसका लाभ संबंधित हितग्राही को मिल रहा है कि नही, इसका पता लगाने के लिए क्रास माॅनिटरिंग की व्यवस्था उन्नत करें। इस कार्य में तहसील स्तरीय कम्यूनिकेशन प्लान का अधिक से अधिक उपयोग करने की सलाह उन्होंने दी। संभागायुक्त श्री सिंह ने कहा कि बच्चे नियमित स्कूल आए उन्हें मीनू अनुसार मध्यान्ह भोजन मिले। समय-समय पर उनके स्वास्थ्य का परीक्षण कराया जाए इसी प्रकार आंगनबाडी केन्द्रो के माध्यम से दी जाने वाली सुविधाआंे के संबंध में अपेक्षा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि कुपोषित बच्चे चिन्हित है उन पर विशेष ध्यान रखा जाए और यह संख्या आशातीत भविष्य में शून्य हो के सफल प्रयास किए जाए।संभागायुक्त श्री सिंह ने खाद्य विभाग के माध्यम से प्रदाय की जाने वाली पात्रतापर्चियों के संबंध में कहा कि इस बात का भी विशेष ध्यान रखा जाए कि हितग्राही द्वारा अनाज का क्रय किया जा रहा है कि नही और उन्हें मिलने वाला केरोसिन का कोई दुरूपयोग तो नही कर रहा है। तहसील की सभी शासकीय उचित मूल्य दुकानो की क्रास माॅनिटरिंग करने की सलाह उन्होंने दी। श्री सिंह ने कहा कि जिन दुकानों पर राशन, केरोसिन पहुंचाया जा रहा है की जानकारी उस क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों, पटवारी को मैसेज के माध्यम से सूचित किया जाए। जिन ट्रक, टेकरों से परिवहन किया जा रहा है उनमें होमगार्ड के जवान को साथ भेजा जाए। उन्होंने कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी सेे कहा कि जिन दुकानो का उनके द्वारा निरीक्षण किया जा रहा है उसका उल्लेख टूर डायरी में किया जाए।

गुणात्मक सुधार
संभागायुक्त श्री सिंह ने कहा कि जनहितैषी योजनाओं से लाभांवित होने वाले हितग्राहियों में गुणात्मक सुधार परलिक्षित होना चाहिए। कृषि विभाग का ग्रामीण अमला ग्राम पंचायत में किस दिन बैठेगा की जानकारी दीवार पर अंकित कराई जाए।

मिट्टी परीक्षण
संभागायुक्त श्री सिंह ने मिट्टी परीक्षण पर बल देते हुए कहा कि हर किसान के खेत की मिट्टी का परीक्षण कराया जाना सुनिश्चित किया जाए और कार्ड में समुचित जानकारी अंकित की जाए ताकि किसान को इस बात का भलीभांति ज्ञान हो कि उसे खेत में कौन सा खाद डालना जरूरी है। संभागायुक्त ने फसल कटाई के लिए हार्वेस्टर की जगह रीफर का प्रयोग अधिक से अधिक करने की सलाह दी ताकि नरवाई जैसी समस्या से किसान सुगमता से बच सकें और उन्हें अधिक से अधिक मात्रा में भूसा की प्राप्ति हो सकें। बैठक मंे कलेक्टर श्री एमबी ओझा, पुलिस अधीक्षक श्री धर्मेन्द्र चैधरी समेत विभिन्न विभागों के जिलाधिकारी एवं खण्ड स्तरीय अधिकारी मौजूद थे।

मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना तहत आवेदन आमंत्रित, तिरूपति दर्शन हेतु दो सौ तीर्थयात्रिओं का चयन होगा

मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के तहत जिले के तीर्थ यात्री दो नवम्बर को तिरूपति दर्शन हेतु विशेष टेªन से रवाना होगे। इच्छुक तीर्थ यात्री अपने आवेदन 26 अक्टूबर तक नजदीक के तहसील कार्यालय में जमा कर सकते है। जिले को प्राप्त लक्ष्य से अधिक आवेदन प्राप्त होने पर तीर्थयात्रिओं का चयन कम्प्यूटर रेण्डम प्रणाली से किया जाएगा। ऐसे तीर्थ यात्री जो पूर्व में उक्त योजना का लाभ ले चुके है वे आवेदन ना करें। 

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