संसद का शीतकालीन सत्र 24 नवंबर से शुरू होकर और 23 दिसंबर तक चलेगा। इस दौरान सरकार का विधायी कार्य का बड़ा एजेंडा है। गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडल की ससंदीय मामलों की समिति ने सोमवार को इन तिथियों की सिफारिश राष्ट्रपति से की।
महीने भर चलने वाले संसद के इस सत्र की कुल 22 बैठकें होंगी, जिसमें चार दिन गैर सरकारी कामकाज के लिए निर्धारित किए गए हैं। एक वरिष्ठ मंत्री ने बताया कि राज्यसभा में 59 और लोकसभा में आठ विधेयक लंबित हैं और सरकार इनमें से कम से कम 30 से 35 विधेयकों को आगे बढ़ाने का प्रयास करेगी।
इस साल मई में नरेंद्र मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद संसद का यह दूसरा प्रमुख सत्र है। लोकसभा में सदस्यों के बैठने की व्यवस्था को अंतिम रूप दिए जाने को लेकर लंबे समय से हो रही प्रतीक्षा शीतकालीन सत्र के पहले समाप्त हो जाने की संभावना है। संसद के एक अधिकारी ने कहा, हम उम्मीद करते हैं कि शीतकालीन सत्र के पहले इसे अंतिम रूप दे दिया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि पिछले पांच शीतकालीन सत्रों में औसतन 22 बैठकें हुईं और पुरानी परंपराओं के आधार पर ये तिथियां तय की गई हैं।
वित्त मंत्री अरुण जेटली, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, रसायन एवं उर्वरक मंत्री अनंत कुमार और संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू मंत्रिमंडल की ससंदीय मामलों की समिति के सदस्य हैं। मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी और संसदीय कार्य राज्यमंत्री प्रकाश जावड़ेकर एवं संतोष गंगवार समिति के विशेष आमंत्रित सदस्य हैं।
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