कालेधन के मुद्दे पर भारत को जी-20 शिखर सम्मेलन में बड़ी सफलता मिली है। जी-20 ने विदेशों में जमा काला धन वापस लाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जोरदार वकालत का समर्थन किया। शिखर सम्मेलन में इसके लिये सरकार की सोच पर ही आगे बढ़ते हुये पारदर्शिता और कर सूचनाओं के खुलासे पर जोर दिया गया। कर सूचनाओं के स्वत: आदान प्रदान के वैश्विक मानदंडों का समर्थन करते हुए मोदी ने रविवार को कर चोरों की पनाहगाह माने जाने वाले देशों समेत सभी देशों से संधियों में की गई प्रतिबद्धताओं के अनुसार, कर उद्देश्यों के लिए सूचनाएं मुहैया कराने को कहा।
मोदी ने जी20 के मंच पर कहा कि कर संबंधी सूचनाओं के स्वत: आदान-प्रदान के नए वैश्विक मानक विदेशों में जमा काले धन के बारे में जानकारी हासिल करने और उसे वापस लाने में कारगर होंगे। जी20 का दुनिया के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 85 प्रतिशत हिस्सा है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि पूंजी और प्रौद्योगिकी की आवाजाही बढ़ने से कर अपवंचना तथा मुनाफा इधर-उधर करने की नई संभावनायें पैदा हुई हैं। दुनिया की 20 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के दो दिन के यहां आयोजित शिखर सम्मेलन के बाद तीन पृष्ठ का वक्तव्य जारी किया गया।
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