स्वयंभू संत रामपाल पर राजद्रोह का मामला दर्ज - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 19 नवंबर 2014

स्वयंभू संत रामपाल पर राजद्रोह का मामला दर्ज

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स्वयंभू संत रामपाल पर समर्पण के लिए दबाव बनाने की खातिर हरियाणा पुलिस ने रामपाल तथा उनके कई समर्थकों के खिलाफ राजद्रोह तथा अन्य गंभीर आरोपों में मामले दर्ज किए हैं और साथ ही उनके साथ किसी प्रकार के समझौते से इंकार किया है। आश्रम में कल पुलिस और रामपाल समर्थकों के बीच सशस्त्र संघर्ष हुआ था। हरियाणा के पुलिस महानिदेशक एस एन वशिष्ठ ने आज बताया कि अदालत की अवमानना के मामले में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में पेशी के लिए रामपाल को गिरफ्तार किए जाने तक पुलिस अपना अभियान जारी रखेगी। उन्होंने बताया कि आश्रम प्रशासन ने चार महिलाओं के शव तथा एक बच्चों सहित दो बीमार व्यक्तियों को सौंपा। बीमार लोगों की भी बाद में अस्पताल में मौत हो गयी। इन लोगों की मौत के कारणों की जांच की जाएगी।

वशिष्ठ ने चंडीगढ़ में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि समझौते की कोई संभावना नहीं है, ऐसी कोई योजना तक नहीं है। वह गंभीर अपराधों के आरोपी हैं। मेरा उन्हें सुझाव है कि उन्हें कानून के समक्ष समर्पण कर देना चाहिए। पुलिस ने बीती रात रामपाल, आश्रम के प्रवक्ता राज कपूर, एक अन्य महत्वपूर्ण पदाधिकारी पुरुषोत्तम दास तथा कई अन्य अनुयायियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं में नए मामले दर्ज किए।

रामपाल के खिलाफ धारा 121 (भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने, या युद्ध छेड़ने का प्रयास, या युद्ध छेड़ने के लिए भड़काने का प्रयास), 121 ए (राज्य के खिलाफ कुछ विशेष अपराधों को अंजाम देने के लिए साजिश रचना) और 122 (भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के मकसद से हथियार आदि एकत्र करना) के तहत मामले दर्ज किए गए हैं। इसके अतिरिक्त आरोपियों के खिलाफ धारा 123 (युद्ध छेड़ने की मंशा को छिपाने) और हत्या का प्रयास, मारपीट तथा शस्त्र अधिनियम सहित विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

कल पुलिस और रामपाल समर्थकों के बीच आश्रम में छिड़े संघर्ष के बाद ताजा मामले दर्ज किए गए। समर्थकों पर आरोप है कि उन्होंने कथित रूप से गोलीबारी की और पेट्रोल बम फेंके। रामपाल पहले ही हत्या के एक मामले में आरोपी हैं। इस सप्ताह के शुरू में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने सरकार को अदालत की अवमानना के मामले में रामपाल को पेश करने के लिए शुक्रवार तक का समय दिया था। इसके बाद से प्रशासन सतलोक आश्रम के भीतर और बाहर उनके अनुयायियों से वहां से चले जाने और अदालत के आदेश के पालन में मदद करने को कह रहा था।

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