हरियाणा के हिसार जिले में बरवाला स्थित सतलोक ओम के रामपाल को पुलिस ने आज देर रात गिरफ्तार कर लिया और इसके साथ ही संत की पुलिस से पिछले कुछ दिनों से चली आ रही लुकाछिपी का भी पटाक्षेप हो गया। हरियाणा पुलिस और केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए ओम में प्रवेश करके संत रामपाल को गिरफ्तार कर लिया और इसके बाद उन्हें एंबुलेंस से कही अज्ञात स्थान के लिए ले जाया गया है। यह माना जा रहा है कि संत रामपाल का मेडिकल कराया जायेगा और उन्हें उसके बाद चंडीगढ़ ले जाया जायेगा।
उल्लेखनीय है कि पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने गत 17नवम्बर को रामपाल के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर हरियाणा सरकार को उसे हर हालत में 21 नवम्बर को अदालत में पेश करने के निर्देश दिये थे। इससे पहले पुलिस और सीआरपीएफ ने रामपाल को गिरफ्तार करने से पूर्व एक एंबुलेंस मंगवाई और इससे ही यह संकेत लगने शुरू हो गये थे कि पुलिस अब कोई बड़ी कार्रवाई करने जा रही है।
बताया जाता है कि रामपाल को गिरफ्तार करने से पूर्व पुलिसके वरिष्ठ अधिकारी और कुछ धार्मिक संगठनों के लोग ओम के अन्दर रामपाल से मिले और उन्हें आत्मसमर्पण करने के लिए कहा और इस दौरान संत रामपाल को यह भी बताया गया कि उनके खिलाफ राष्ट्रद्रोह और हत्या का प्रयास सहित अनेक धाराओ के तहत मामले दर्ज किये गये है। ऐसे में उनका आत्मसमर्पण करना ही सही होगा और यहीं बातचीत रंग लाई और रामपाल गिरफ्तारी देने के लिए तैयार हो गये।
इससे पहले आज दिन भर ओम को रामपाल के अनुयायियों से खाली कराने का आपरेशन जारी रहा और राज्य के पुलिस महानिदेशक एस.एन वशिष्ठ ने सुबह संवाददाता सम्मेलन में ही यह संकेत दे दिये थे कि पुलिस संत रामपाल की गिरफ्तारी के लिए आगे बढ़ने पर बेहद एहतियात बरतेंगी और इस दौरान यह सुनिश्चित किया जायेगा कि ओम के अन्दर निदरेष लोगों की जानमाल की कोई हानि न हो। वशिष्ठ ने यह भी कहा था कि ओम से जब तक सभी लोगों कोबाहर नहीं निकाल लिया जाता तब तक पुलिस संत रामपाल की गिरफ्तारी के लिए कोई बड़ी कार्रवाई नहीं करेगी और इस दौरान उन्होंने भी संत रामपाल से आत्मसमर्पण करने की अपील की थी।
आश्रम में कल पुलिस और रामपाल समर्थकों के बीच सशस्त्र संघर्ष हुआ था। हरियाणा के पुलिस महानिदेशक एस एन वशिष्ठ ने आज बताया कि अदालत की अवमानना के मामले में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में पेशी के लिए रामपाल को गिरफ्तार किए जाने तक पुलिस अपना अभियान जारी रखेगी। उन्होंने बताया कि आश्रम प्रशासन ने चार महिलाओं के शव तथा एक बच्चों सहित दो बीमार व्यक्तियों को सौंपा। बीमार लोगों की भी बाद में अस्पताल में मौत हो गयी। इन लोगों की मौत के कारणों की जांच की जाएगी।
वशिष्ठ ने चंडीगढ़ में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि समझौते की कोई संभावना नहीं है, ऐसी कोई योजना तक नहीं है। वह गंभीर अपराधों के आरोपी हैं। मेरा उन्हें सुझाव है कि उन्हें कानून के समक्ष समर्पण कर देना चाहिए। पुलिस ने बीती रात रामपाल, आश्रम के प्रवक्ता राज कपूर, एक अन्य महत्वपूर्ण पदाधिकारी पुरुषोत्तम दास तथा कई अन्य अनुयायियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं में नए मामले दर्ज किए।
रामपाल के खिलाफ धारा 121 (भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने, या युद्ध छेड़ने का प्रयास, या युद्ध छेड़ने के लिए भड़काने का प्रयास), 121 ए (राज्य के खिलाफ कुछ विशेष अपराधों को अंजाम देने के लिए साजिश रचना) और 122 (भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के मकसद से हथियार आदि एकत्र करना) के तहत मामले दर्ज किए गए हैं। इसके अतिरिक्त आरोपियों के खिलाफ धारा 123 (युद्ध छेड़ने की मंशा को छिपाने) और हत्या का प्रयास, मारपीट तथा शस्त्र अधिनियम सहित विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
कल पुलिस और रामपाल समर्थकों के बीच आश्रम में छिड़े संघर्ष के बाद ताजा मामले दर्ज किए गए। समर्थकों पर आरोप है कि उन्होंने कथित रूप से गोलीबारी की और पेट्रोल बम फेंके। रामपाल पहले ही हत्या के एक मामले में आरोपी हैं। इस सप्ताह के शुरू में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने सरकार को अदालत की अवमानना के मामले में रामपाल को पेश करने के लिए शुक्रवार तक का समय दिया था। इसके बाद से प्रशासन सतलोक आश्रम के भीतर और बाहर उनके अनुयायियों से वहां से चले जाने और अदालत के आदेश के पालन में मदद करने को कह रहा था।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें