न्यायामूर्ति नानावती आयोग ने 2002 के गुजरात दंगों पर अपनी अंतिम रिपोर्ट मंगलवार को मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल को सौंप दी। न्यायमूर्ति नानावती ने कहा कि हमने रिपोर्ट सौंप दी है जो दो हजार से ज्यादा पृष्ठों की है। हालांकि उन्होंने रिपोर्ट के संबंध में कोई ब्यौरा देने से इंकार कर दिया। आयोग के सदस्य सुप्रीम कोर्ट के अवकाश प्राप्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी टी नानावती और हाई कोर्ट के अवकाश प्राप्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति अक्षय मेहता मुख्यमंत्री के आवास पर गए और उन्हें रिपोर्ट सौंपी। मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
वर्ष 2002 में हुए दंगों के संबंध में आयोग की अंतिम रिपोर्ट 12 साल से ज्यादा समय तक चली लंबी जांच के बाद आई है। दंगों में एक हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे, जिनमें अधिकतर अल्पसंख्यक समुदाय के थे। पिछले महीने, न्यायमूर्ति नानावती ने कहा था कि 25वीं बार विस्तार मांगने की जरूरत नहीं है क्योंकि हमारी अंतिम रिपोर्ट तैयार है। इसकी अब छपाई की जा रही है और आगामी दिनों में यह हमारे सामने आ जाएगी। हम सरकार को जल्दी ही रिपोर्ट सौंप देंगे। जांच आयोग ने गोधरा ट्रेन अग्निकांड के संबंध में अपने निष्कर्षों का एक हिस्सा 2008 में सौंपा था। इसमें यह नतीजा निकाला गया था कि साबरमती आश्रम के एस-6 डिब्बे में गोधरा स्टेशन के पास लगी आग सुनियोजित साजिश थी।
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