विश्व हिन्दू कांग्रेस के उद्घाटन कार्यक्रम में वीएचपी के सर्वोच्च नेता अशोक सिंघल ने विवादित बयान दे दिया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में 800 साल बाद स्वाभिमानी हिन्दुओं की सरकार बनी है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हिन्दू अस्तित्व सबसे पुराना है। भागवत ने कहा, 'हिन्दू से नया रास्ता मिलेगा। हिन्दू मतलब अनेकता में एकता है।' उन्होंने कहा कि दुनिया को सिखाने का सही वक्त है क्योंकि 2000 सालों से सही रास्ता नहीं निकला है।
21- 23 नवंबर तक चलनेवाले इस सम्मेलन में 40 देशों के 1500 से अधिक प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। वर्ल्ड हिंदू फाउंडेशन के बैनर तले आयोजित इस सम्मेलन में 45 सत्र होंगे, जिसमें 200 वक्ता अर्थव्यवस्था, शिक्षा, महिला विकास, लोकतांत्रिक विचारधारा जैसे विषयों पर विचार रखेंगे। चर्चा में सात भिन्न-भिन्न मंच भाग लेंगे। इन मंचों में विश्व हिन्दू आर्थिक मंच द्वारा हिन्दू आर्थिक सम्मलेन, हिन्दू शिक्षा बोर्ड द्वारा हिन्दू शैक्षिक सम्मेलन, हिंदू छात्र-युवा नेटवर्क द्वारा हिन्दू युवा सम्मेलन, हिन्दू मीडिया मंच द्वारा हिन्दू मीडिया सम्मलेन, हिन्दू महिला मंच द्वारा हिन्दू महिला सम्मलेन, हिन्दू संगठन, मंदिरों और संघों द्वारा हिन्दू संगठनात्मक सम्मलेन और विश्व हिन्दू लोकतान्त्रिक मंच द्वारा हिंदू राजनीतिक सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है।
समारोह को अन्य लोगों के अलावा आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा, मोहन भागवत, सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी, वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण, गिनी के वित्त मंत्री डा. अश्नी सिंह, प्रख्यात वैज्ञानिक जी माधवन नायर, डॉ. विजय भटकर, शिक्षाविद प्रो. एस बी मजुमदार, फिल्म डायरेक्टर प्रियदर्शन भी संबोधित करेंगे। विश्व हिन्दू कांग्रेस के प्रवक्ता सुशील पंडित ने कहा कि विश्व हिन्दू महासम्मेलन 23 नवंबर तक चलेगा जो हम सब साथ मिलकर चलें, हम सब साथ मिलकर सोचें की अवधारणा पर आधारित है। इसका मकसद आध्यात्मिक और भौतिक विरासत के पुनर्निर्माण के लिए एकाग्रता से काम करने की जरूरत को बताना और अलग-अलग चुनौतियों के बारे में विचार-विमर्श और सू़त्रबद्ध तरीके से समाधान तैयार करना है।
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