भाजपा विधायक रामकिशन पटेल ने दिया था इस्तीफा - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

रविवार, 16 नवंबर 2014

भाजपा विधायक रामकिशन पटेल ने दिया था इस्तीफा

bjp-mla-ramkishan-resign
भोपाल । ‘छोटे चुनाव बड़ी झंझट’ लोकसभा, विधानसभा चुनाव हो और उसमें टिकट को लेकर मारामारी की बात गले उतरती है। नगर परिषद, नगर पालिका में अध्यक्ष एवं पार्षद पद दिलाने के लिये विधायकों ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को विधायकी छोडऩे की धमकी ही नहीं इस्तीफा तक दे दिया। अब बात केडर वेस पार्टी यानि भाजपा की आती है। अभी तक मीडिया में यह बात सामने नहीं आई है कि फलां पदाधिकारी ने नाराज होकर या अपने चहेते को पार्षद या नगर परिषद अध्यक्ष पद का टिकट न दिला पाने से संगठन में प्राप्त पद से स्तीफा दे दिया है। सूत्र बताते है कि पार्षद पद पर अभी कई पार्टी कार्यकर्ता विद्रोही रूप अपनाये हुये है और संभावना यही बनी है कि वे अपने जोर आजमाईस अवश्य करेंगे। 

रायसेन जिले के उदयपुरा नगर परिषद के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार का नाम नाटकीय मोड के चलते बदल दिया गया। जानकारी के अनुसार भाजपा संगठन ने उदयपुरा नगर परिषद के अध्यक्ष पद पर बृजगोपाल लोया का नाम फाईनल कर दिया था तथा उन्हें नाम निर्देशन पत्र जमा करने का कह दिया था। बृजगोपाल लोया के साथ क्षेत्रीय विधायक रामकिशन पटेल भाजपा के कार्यकर्ताओं सहित नाम निर्देशन पत्र जमा कराने गये थे। जातिवाद से ग्रसित विधायक रामकिशन पटेल ने पेंतरा बदला और पूर्व नगर परिषद के अध्यक्ष को नगर परिषद अध्यक्ष पद पर देखना चाहते है। उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, संगठन महामंत्री अरविंद मेनन, मंत्री रामपाल सिंह के सामने मांग रखी कि केशव सिंह जो कि पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष थे को टिकट दिया जाये। जातिवाद का सहारा लिया। विधायक रामकिशन पटेल यह भूल गये कि विदिशा सांसद सुषमा स्वराज जाति के आधार पर सांसद नहीं बनी, उन्हें पार्टी का समर्थन था। भाजपा के छोटे से लेकर बड़े कार्यकर्ता उनके साथ थे इसलिये सांसद चुनी गई। 

विधायक रामकिशन पटेल ने जिद पकड़ ली और तीनों नेताओं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, संगठन महामंत्री अरविंद मेनन और मंत्री रामपाल सिंह को धमकी देते हुये विधायक पद से त्यागपत्र मुख्यमंत्री को दे दिया। सूत्र बताते है कि बृजगोपाल लोया ने नेताओं की बात मानते हुये नाम वापिस ले लिया परन्तु संगठन महामंत्री अरविंद मेनन ने विधायक रामकिशन पटेल को कह दिया कि देखते है कितने दिन विधायक रहते हो। 

यह तो हुई केडर वेस भाजपा की बात, अब बात करते है कांग्रेस की। सत्ता में न होते हुये भी रंग तो वही है ‘रस्सी जल गई, बल नहीं गया’ वाली कहावत चरितार्थ होती है। टिकट को लेकर कांग्रेस में भी मारामारी चल रही है और बड़े-बड़े पदाधिकारी टिकट बटवारें को लेकर बड़े-बड़े पद से त्याग पत्र दे रहे हैं। कांग्रेस में विधायक पद से तो नहीं परन्तु संगठन में प्राप्त पद से स्तीफा दे दिया है। कांग्रेस में सबसे पहले स्तीफा देने वालों में पहला नाम है प्रदेश उपाध्यक्ष मानक अग्रवाल का, उन्होंने कहा कि इटारसी के नपा अध्यक्ष टिकट सुरेश पचौरी और शोभा ओझा ने मनमाने तरीके से वितरित किए हैं। पार्टी में पक्षपातपूर्ण तरीके से टिकट दिए जा रहे हैं, जिसके बाद ऐसी पार्टी में रहने का अब कोई मतलब ही नहीं रह जाता। 

इसी तरह प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने कहा कि जब पार्टी पदाधिकारी सुन ही नहीं रहे, तो पद पर रहने का क्या फायदा। पार्टी एक ओर कहती अपराधियों को टिकट नहीं देगी। दूसरी ओर कई उम्मीदवारों और उनके रिश्तेदारों को मैदान में उतार दिया है। जिन पर गंभीर अपराध दर्ज हैं। प्रदेश उपाध्यक्ष प्रेमचंद गुड्डू ने भी आरोप लगाते हुये कहा कि पार्टी में दागियों और सिमी के सरगना सफदर नागौरी के रिश्तेदार को टिकट दिए जा रहे हैं, जबकि योग्य उम्मीदवारों को दरकिनार। इसके बाद भी प्रदेश अध्यक्ष अरूण चौहान चुप बैठे है। 

कोई टिप्पणी नहीं: