बिहार : सत्याग्रह करने वालों की सुधि नहीं ली जाती गांधी और जेपी के कार्यक्षेत्र में - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 21 नवंबर 2014

बिहार : सत्याग्रह करने वालों की सुधि नहीं ली जाती गांधी और जेपी के कार्यक्षेत्र में

  • कहां है स्वास्थ्य मंत्री?

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पटना। स्वास्थ्य विभाग के अन्तर्गत मलेरिया एवं कालाजार विभाग के द्वारा पटना जिले के नागरिकों को मलेरिया एवं कालाजार से बचाने के लिए 1585 मौसमी डी.डी.टी.छिड़काव कर्मियों को दैनिक मजदूरी पर बहाल 1985 में किया गया। बतौर दस रूपए में दैनिक मजदूरी करने वालों की तकदीर खराब है।बहाल दैनिक मजदूरों को स्थायीकरण करने का सिलसिला शुरू हुआ। जो 26 वर्षों से आजतक जारी है।  

आप सरकारी दफ्तरों के अंदर चिट्ठी खेल खेलते नहीं देखे हैं। आपके समक्ष सरकारी महकम्मे के खेल को सामने रखने का साहस कर रहा हूं।सर्वप्रथम स्वास्थ्य सेवाएं के निदेशक प्रमुख ने पत्रांक 368 दिनांक 08/05/88 से शुरू किया।स्वास्थ्य सचिव,बिहार,पटना के पत्रांक 4007 दिनांक 27/12/1991 ने लिखा। इसको आधार बनाकर पटना उच्च न्यायालय में सी.डब्ल्यू.जे.सी. नम्बर 7543/99 में जनहित याचिका दायर की गयी। माननीय न्यायालय के विद्वान न्यायधीशों ने प्रस्ताव पारितकर स्पष्ट किया कि इनको राज्य में रिक्त चतुर्थवर्गीय पदों पर समायोजन कर लें। यह जिम्मेवारी जिले के जिलाधिकारी को और राज्य में मुख्य मलेरिया पदाधिकारी को दिया गया। जो 26 साल के बाद भी पूरा नहीं हो सका। 

माननीय पटना उच्च न्यायालय के आदेश के पश्चात चिट्ठियों का घोड़ा दौड़ाया जाने लगा। मुख्य मलेरिया पदाधिकारी,बिहार,पटना ने पत्रांक 496 दिनांक 04/05/2004 में चिट्ठी लिखे। संकल्प संख्या 489 दिनांक 10/05/2005 में लिखा। सामान्य प्रशासन विभाग पटना ने पत्रांक 2491 दिनांक 30/12/2005 को लिखा। निदेशक प्रमुख, स्वास्थ्य सेवाएं,बिहार, पटना के पत्रांक 1055 दिनांक 27/09/2007 में चिट्टी निकाली। माननीय पटना उच्च न्यायालय के पारित आदेश के अनुपालन में जिलाधिकारी ने स्थापना शाखा पत्रांक 4301 दिनांक 19/11/2007 में चिट्टी निकाली। सामान्य प्रशासन विभाग के पत्रांक संख्या 5627 दिनांक 19/11/2009 लिखा गया। जनता दरबार के पत्रांक । 613 दिनांक 07/04/2011 में लेटर दिया गया। स्थापना उप समाहर्ता, पटना के पत्रांक 2493 दिनांक 23/08/2011 में लिखा मिला। सामान्य प्रशासन विभाग के पत्रांक संख्या 852 दिनांक 22/09/2011 और सामान्य प्रशासन विभाग 4334 दिनांक 21/11/2011 लिखा मिला। 

इसके बाद जिलाधिकारी स्थापना शाखा पत्रांक 4077 दिनांक 04/12/2013 और स्थापना शाखा पत्रांक 126 दिनांक 13/01/2014 एवं जिलाधिकारी स्थापना शाखा 219 दिनांक 17/01/2014 द्वारा मौसमी डी.डी.टी.छिड़काव कर्मियों का वरीयता सूची वर्षवार तैयार कर जिला मलेरिया पदाधिकारी पटना द्वारा डी.डी.टी. छिड़काव कर्मियों का औपबंधिक वरीयता सूची तैयार कर जिला मलेरिया पदाधिकारी पटना द्वारा पत्रांक 36 दिनांक 28/01/2013 एवं संशोधित वरीयता सूची पत्रांक 493 दिनांक 24/07/2014 एवं असैनिक शल्य चिकित्सक सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी पटना द्वारा रोस्टर क्लीयरेंस पत्रांक 7507 दिनांक 02/10/2013 को जिलाधिकारी स्थापना उप समाहर्ता पटना को उपलब्ध कराया गया। 

बिहार मौसमी डी.डी.टी.छिड़काव कर्मचारी यूनियन के बैनर तले मौसमी डी.डी.टी.छिड़काव कर्मी कारगिल चैक पर 10 नवम्बर 2014 से आमरण अनशन पर डटे हैं। दिलीप कुमार, महेश तिवारी, राजेश्वर प्रसाद,शशि शेखर पाठक, नन्दु पासवान,जलीलु रहमान, मो. युसूफ आलम आदि बैठे हैं। बिहार मौसमी डी.डी.टी.छिड़काव कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष संतोष कुमार ने बताया कि माननीय पटना उच्च न्यायालय एवं मुख्य मलेरिया पदाधिकारी पटना के पत्रांक 496 व स्वास्थ्य सचिव बिहार सरकार एवं निेदेशक प्रमुख 1055 पत्रांक दिनांक 21/09/2007 एवं पत्रांक 368 दिनांक 08/05/1988 में आदेश पारित किया गया है। मौसमी कर्मियों का नाम जिला पैनल में दर्ज कर चतुर्थवर्गीय कर्मचारी के रिक्त पद पर समायोजन किया जाना है। 

इसके पहले पटना जिले के जिलाधिकारी अभय कुमार सिंह के समक्ष 16/10/2014 को धरना दिया गया। तब जिलाधिकारी महोदय मिलना भी जरूरी नहीं समझा। 11 दिनों से आमरण अनशन पर बैठे हैं। कोई अधिकारी पीड़ा जानने  नहीं आ रहे हैं। चिकित्सक आते हैं और जांच करके चले जाते हैं। कई साथी पीएमसीएच में भत्र्ती हो गए है। वहां से ठीक होने के बाद फिर अनशन पर बैठ जाते हैं। 



आलोक कुमार
पटना 

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