बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का ध्यान उपवास कर आकृष्ट किया - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 21 नवंबर 2014

बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का ध्यान उपवास कर आकृष्ट किया

  • 15 सूत्री मांग और उसका समाधान पेश किया

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पटना। मुजफ्फरपुर जिले के मुशहरी प्रखंड के लोगों ने आंदोलन मंच निर्माण किया है। मुशहरी प्रखंड से आकर गांधी मैदान कारगिल चैक पर दो दिवसीय अनशन/उपवास किया। मौके पर सूबे के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का ध्यान आकृष्ट कर सरकारी योजनाओं के बाद भी सरकारी योजनओं के क्रियान्वयन में काफी कठिनाई है। इसमें सुधार कर अतिशीघ्र समाधान करवाने का आग्रह किया है।

खाद्य सुरक्षा कानून के तहत राशन कार्ड से वंचितः खाद्य सुरक्षा कानून के तहत वितरित किए गए राशन कार्ड से बड़ी संख्या में गरीब वंचित हैं। राशन कार्ड प्राप्त बड़ी संख्या में लोक राशन से वंचित हैं। अयोग्य लोगों का नाम इस योजना में शामिल हो गया है। अतः पंचायत स्तर पर राशन प्राप्त करने लायक परिवारों को चिन्हित करने, उन्हें राशन कार्ड देकर राशन आवंटन करने एवं उक्त योजना में शामिल अयोग्य परिवारों को योजना से अलग करने की व्यवस्था की जाए। 

ग्रामीण स्वच्छता कार्यक्रमः इस कार्यक्रम के तहत शौचालय निर्माण करना है। परन्तु उक्त योजना का प्रचार-प्रसार जिस रूप में किया जा रहा है एवं इसकी प्रक्रिया जटिल एवं आवंटित राशि का प्रावधान लागत से काफी कम किया गया है। जिस कारण उक्त योजना का क्रियान्वयन में काफी कठिनाई हो रही है। अतः क्षेत्रवार शौचालय निर्माण लागत राशि की समीक्षा कर प्रत्येक परिवार को कम से कम 25000 रूपए उक्त योजना के तहत दी जाए एवं इसकी प्रक्रिया सरल एवं सुलभ बनाई जाए। योजना क्रियान्वयन हेतु एजेंसी की जवाबदेही तय की जाय।

बी.पी.एल.कार्ड से वंचितः आज भी प्रदे़श के सामान्य जाति, पिछड़ी जाति, अति पिछड़ी जाति एवं अल्पसंख्यक समुदाय के गरीब परिवार बी.पी.एल.कार्ड से महरूम हैं। इसके आलोक में सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित हो जाते हैं। इस समय सभी तरह के कल्याण और विकास के कार्यों में बी.पी.पी.कार्ड की मांग की जाती है। अतः बी.पी.एल. सूची से वंचित गरीबों हेतु एक नीति बनाकर उन्हें इंदिरा आवास योजना, वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन अथवा अन्य योजनाओं से लाभ करने हेतु व्यवस्था की जाए।

पीएचईडी में भ्रष्टाचारः शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के नाम पर किसी भी योजना से लगने वाले चापाकल योजना में काफी भ्रष्टाचार है। पीएचईडी विभाग मुफ्त में सरकारी वेतन ले रहे हैं। इस स्थिति का सबसे कुप्रभाव अनुसूचित जाति/अनुसूचित जन जाति पर पड़ रहा है। जिस कारण यह समाज बीमार होकर मृत्यु को प्राप्त कर रहे हैं। अतः गहराई वाले चापाकल लगाने की व्यवस्था करते हुए चापाकल लगाने की जवाबदेही पीएचईडी विभाग को देकर गुणवत्ता हेतु विभाग को जवाबदेही तय की जाए। 

ग्रामीण सड़कों का निर्माणः वर्तमान में ग्रामीण सड़कों का निर्माण, जीर्णोद्धार,पक्कीकरण से जुड़े कार्य में माननीय सांसद, विधायक, विधान पार्षद स्तर के जन प्रतिनिधि की भूमिका बनाई गयी है। परन्तु पंचायती राज व्यवस्था के तहत जिला परिषद सदस्य को विकास हेतु कोई अधिकार नहीं दिया गया है। जो उचित नहीं है। इस पर ध्यान दिया जाना आवश्यक है। अतः माननीय सांसद,विधायक की तरह ही जिला पार्षदगण की अनुशंसा पर विकास कार्य किए जाने की व्यवस्था करते हुए इसके लिए वित्तीय आवंटन किया जाए। 

मनरेगा को सशक्त बनाएः मनरेगा अधिनियम को सशक्त बनाने, इसमें व्याप्त भ्रष्टाचार हटाने हेतु उक्त अधिनियम को कृषि एवं किसान से जोड़ने पर किसान एवं कृषि मजदूर के साथ-साथ राज्य एवं राष्ट्र के समृद्धि की भी संभावना है। अतः अधिनियम के तहत कृषि मजदूर किसान के भूमि पर कृषि कार्य करें एवं उक्त अधिनियम को मजदूरी का पूर्ण भाग या अंश भाग भुगतान किया जाए। इस तरह की नीति बनाकर उसे लागू किया जाए। ग्रामीण क्षेत्रों में है बड़े-बड़े भू-खंड- ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े-बड़े भू-खंड है। इसे चैर कहा जाता है। जल-जमाव होने के कारण कृषि कार्य से वंचित है। अतः वैसे भू-स्थलों को चिन्हित कर जल निकास कराते हुए सरकारी स्तर से सिंचाई हेतु बिजली आधारित नलकूप प्रदान करने की नीति लागू की जाए।

वित रहित शिक्षा नीतिः प्रदेश में वित रहित शिक्षा नीति के कुप्रभाव से पीडि़त लगभग 300 बालिका विद्यालय सरकारीकरण से वंचित है। जबकि विद्यालयों में मैट्रिक स्तर की परीक्षा आयोजित करने की अनुमति प्राप्त है। यह स्थिति काफी शर्मनाक है। अतः महिला शिक्षा को मजबूत एवं जागरूक बनाने हेतु सभी वैसे बालिका विद्यालय जहां मैट्रिक की परीक्षा आयोजित होती है, उसे सरकारीकरण किया जाए।

पुर्नजीवित करने की आवश्यकताः बिहार राज्य खादी ग्रामोद्योग संद्य, खादी आयोग,जिला-खादी संद्य जैसे संस्थाओं की हालत दयनीय है। उक्त संस्थाओं में सरकार के स्तर से हस्तक्षेप कर इसे पुर्नजीवित करने की आवश्यकता है। अतः इस संबंध में एक नीति बनाकर उसे क्रियान्वित किया जाए। 

जर्जर पीएचसीः जिला मुजफ्फरपुर के प्रखंड मुशहरी के प्रखंड मुख्यालय के निकट स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का भवन अति जर्जर एवं पुराना है। उक्त केन्द्र की क्षमता मात्र 6 बेडो की है। अतः उक्त केन्द्र का भवन नया बनाते हुए इसे अस्पताल का रूप देकर इसकी क्षमता बढ़ाई जाए। 

तब 17 लोग मारे गएः इस जिले के प्रखंड मुशहरी के ग्राम पंचायत डुमरी स्थित बुढ़ी गंडक नदी बुधनगरा घाट पर वर्ष 1993 में नाव दुद्र्यटना हुई थी, जिसमें 17 लोग मर गए थे। उस समय के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव एवं क्षेत्रीय विधायक सह पूर्व एवं वर्तमान मंत्री रमई राम ने पुल निर्माण कराने की द्योषणा की थी, परन्तु पुल नहीं बन पाया है। अतः उक्त स्थल पर पुल निर्माण कराई जाए।

लगातार दुद्र्यटना की घटनाः जिला मुजफ्फरपुर के पूरब दरभंगा,समस्तीपुर, बेगूसराय को जोड़ने वाली मुजफ्फरपुर पूसा पथ स्थित है जिस पथ की लम्बाई लगभग 40 किलोमीटर है। इस पथ में प्रतिदिन लाखों व्यक्तियों का आना-जाना होता है। परन्तु सड़क 1 लेन का होने के कारण लगातार दुर्घटना की घटना होते रहती है। अतः मुजफ्फरपुर पूसा पथ का दोहरीकरण करते हुए उसे 2 लेन की सड़क बनायी जाए।

मंत्री जी ने अकूत की संपत्ति अर्जित कर लीः बिहार सरकार के मंत्रिमंडल में लम्बे अवधि से रमई राम मंत्री पद पर आसीन हैं। इस पद पर भ्रष्टाचार द्वारा काफी संपत्ति अर्जित कर ली है। इनके रिश्तेदारों के नाम से संपत्ति है। अतः वर्ष 1990 से लेकर अब तक रमई राम एवं इनकी पुत्री गीता कुमारी एवं दामाद विजय कुमार द्वारा अर्जित संपत्ति की जांच कर उसका प्रकाशन कराया जाए।

अमानवीय व्यवहारः सूबे के मंत्री रमई राम ने अपने मजदूर आनंदू पासवान के साथ किया गया अमानवीय व्यवहार सार्वजनिक जीवन में लोकतंत्र के लिए कलंक एवं मानव अधिकारों का उल्लंघन है। अतः मजदूर आनंदू पासवान के बयान के आधार पर सचिवालय थाना पटना में दर्ज सनहा का प्राथमिकी दर्ज कराकर मंत्री रमई राम के विरूद्ध कार्रवाई किया जाए।

पंचायती राज व्यवस्थाः बिहार में पंचायती राज व्यवस्था के आरक्षित पद मंत्री एवं विधायक प्रतिनिधि पद, सांसद प्रतिनिधि पद के आड़ में खुलेआम भ्रष्टाचार एवं प्रशासनिक पदाधिकारी का दोहन शोषण कर सरकारी राशि का चूना लगाया जाता है। अतः इस तरह के पदों के आड़ में चल रहे दलाल एवं बिचौलिया राज की व्यवस्था पर रोक लगाई जाए। 

मुख्यमंत्री से मांगों पर कार्रवाई करने वालों किया हस्ताक्षरः मुजफ्फरपुर जिला परिषद के सदस्य और अनशनकारी मुक्तेश्वर प्रसाद सिंह ने कहा कि अनशनकारी हस्ताक्षर किए हैं। सर्वश्री उपेन्द्र तिवारी,चन्द्रकेश चैधरी, मो. तैयब अंसारी और राम सकल सिंह हैं। अन्ना आंदोलन के को-आॅडिनेटर डा. रत्नेश चैधरी और भाजपा नेत्री सह पूर्व प्रत्याशी बोचहां विधान सभा सुरक्षित आदि जनहित के समर्थन में हस्ताक्षर किए हैं।





आलोक कुमार
बिहार 

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