बाल्यावस्था देखरेख एवं विकास पर दो दिवसीय प्रशिक्षण सम्पन्न - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 18 नवंबर 2014

बाल्यावस्था देखरेख एवं विकास पर दो दिवसीय प्रशिक्षण सम्पन्न

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लखनऊ, 18 नवम्बर। बच्चो में कुपोषण की स्थिति उसके कारण एवं निवारण पर उत्तर प्रदेश फोर्सेस एव ंसेव दी चिल्ड्ेन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजि दो दिवसीय कार्यशाल के दूसरे दिन प्रतिभगिायों को सुगमकर्ता चिराश्री घोष ने विस्तार से बताया । उन्होने बताया कि 6साल की उम्र के बच्चों का 90 प्रतिशत मस्तिष्क  विकसित हो जाता है और इनका विकास तेजी से होता है किन्तु उन्हे अपनी जरुरतो के लिए दूसरो पर निर्भर रहना पड़ता  है  इस लिए हम सबकी जिम्मेदारी बनती है कि हम छोटे बच्चो की परवरिस पर विशेष ध्यान दे। वही कमला ठाकुर ने बताया कि 0- 6 आयु वर्ग मे ब्यक्तित्व की नीव बनती है और इस उम्र के बच्चो में सबसे अघिक खतरे भी होते है।इस लिए बच्चों में कुपोषण एवं सर्वागिंण विकास के लिए प्रत्येक स्तर पर संस्थागत ढाँचा तैयार कर लोगो में जागरुकता फैलाने की जरुरत है। 

बच्चों में पोषण के मुद््दे पर चर्चा करते हुए उत्तर प्रदेश फोर्सेस के राज्य समन्वयक श्री रामायण यादव ने बताया कि प्रदेश में हर तीसरा बच्चा कुपोषण का शिकार है। बच्चों में पोषण की स्थिति को सुनिश्चित करने के लिए उनके प्रथम तीन वर्षों पर ध्यान देना अति आवश्यक है। इस दिशा में कुपोषण से निपटने के लिए सरकार द्वारा पोषण मिशन का गठन किया गया है जो एक कारगर प्रयास है। 

इसी क्रम में बच्चों की बुनियादी आवश्यकताओं पर चर्चा करते हुए प्रशिक्षक श्री राजदेव चतुर्वेदी ने कहा कि 0 से 6 वर्ष की आयु के बच्चे अपनी बात को सबके बीच रखने में अक्षम होते हैं। अतः भारतीय संविधान के तहत बच्चों के लिए बनाये गये कानून में यह उल्ल्खिित है कि इन स्थितियों में हम बड़ों को ही बच्चों की आवाज़ को उठाना होगा। साथ ही उन्होने कहा कि बच्चों में कुपोषण की स्थितियां आम तौर पर देखने को मिलती हैं जो कि बच्चों के मृृत्युदर को बढ़ावा देने का मुख्य कारक है। बच्चों में मृृत्युदर को कम करने के लिए पोषण सुनिश्चित करना जरूरी है।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए श्रीमती प्रति राय ने बताया कि बच्चों के हितों को सुनिश्चित करने के लिए अन्य हितग्राहियों का सहयोग जरूरी व आपेक्षित है। सभी के सहयोग से बच्चों में पोषण को सुनिश्चित करने में मदद मिल सकेगी। इस प्रशिक्षण कार्यशाला में विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों मे सुश्री प्रीति राय, विश्वम्भर भाई, जेयस बादल, सुनीता गुप्ता, मोना सिंह, श्वाती उपाघ्याय, अजहर अली, इसराक,ज्योति राय, सुघीर अवस्थी आदि ने अपने अपने जनपद की समस्याओ को रखा ।

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