सिविल डिफेन्स आपदा प्रबंधन और बचाव प्रशिक्षण - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 19 नवंबर 2014

सिविल डिफेन्स आपदा प्रबंधन और बचाव प्रशिक्षण

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भोपाल। भारत सरकार गृह मंत्रालय सिविल डिफेन्स आपदा प्रबंधन -नागरिक सुरक्षा का सात दिवसीय प्रशिक्षण  होमगार्ड लाइन जहांगीराबाद में दिया जा रहा हे ! जिसमे आग, बाढ़, आतंकवादी हमले और भूकंप के समय घबराने की बजाय एक कमाण्डो की तरह का काम करने की ट्रेनिंग दी जा रही हे ! प्रकृतिक या मैनमेड किसी भी तरह की आपदा से खुद और दूसरों को बचाने के लिए विपरीत परिस्थितियों के लिए शहर के लोगों को आर्मी की तरह तैयार करने के लिए विस्तार से बताया गया।

सिविल डिफेंस इंस्ट्रक्टर कंपनी कमेंडेन्ट एसडी पिल्लई ने बताया कि, वर्कशॉप के दौरान बाढ़ के समय में खुद और अपने पड़ोसियों को बचाने, किसी भी तरह की आपदा में फर्स्ट एड देने और घरेलू समान से राहत कार्य की उपयोगी वस्तुएं बनाने का प्रशिक्षण कार्यशाला के दौरान दिया जाता है।उन्होंने कहा कि महिलाओं को प्राथमिक सहायता व आग से बचाव की जानकारी होनी चाहिए। ताकि वे सुरक्षित रह सकें। प्रशिक्षण में  हड्डी के टूटने पर प्राथमिक सहायता, घाव व इसके प्रकार, मरहम पट्टी, दम घुटने की स्थिति में कृत्रिम सांस, जलना, झुलसना, आग से बचाव के उपाय की जानकारी दी। उन्होंने घायलों को स्ट्रेचर पर एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने की सैद्धांतिक व व्यवहारिक जानकारी अग्निशमन यंत्रों के जरिए दी ! टीम के पदाधिकारियों ने प्राथमिक चिकित्सा, बाढ़ में बचाव, नाव संचालन, लाइफ जैकेट के उपयोग, रस्सी से बचाव, सर्प दंश का इलाज, हाथ पांव टूटने पर प्राथमिक उपचार, रक्त स्राव रोकने आदि पर प्रशिक्षण दिया गया। इसके पश्चात ऊंचाई पर फंसे लोगों को निकालने, बचाव में प्रयुक्त विभिन्न उपकरणों के संचालन, भूकंप आदि में बचाव के लिए कैमरा, केमिकल दुर्घटना में बचाव आदि का प्रदर्शन कर खुद भी बचें और सबको बचाने जानकारी दी गई  !  झुको-ढको-पकड़ो वर्कशॉप में बताया कि, यदि कभी हवाई हमला हो तो पूरे क्षेत्र में ब्लैकआउट कर देना चाहिए, ताकि आतंकवादियों को ऊपर से देखने पर नीचे पूरा अंधेरा दिखे और यह पता ही न चले कि नीचे कोई शहर या या खाली मैदान ! प्रशिक्षण के दौरान बताया गया कि, 1971 में हुए हवाई हमलों के दौरान भी ऐसा ही किया गया था। 

इसी तरह भूकम्प आए, तो सीढ़ियों से तुरंत बाहर खुले स्थान पर पहुंचे और यदि इतना समय नहीं है तो घर में रखी मेज, टेबल या बेड के नीचे छुप जाएं और इसे पकड़ कर रखें। भूकम्प के समय बचने का मूल मंत्र है 'झुको-ढको-पकड़ो'। पिल्लई ने बताया कि, मेज या बेड न होने पर आप दीवार के किनारे या बीम के नीचे भी खड़े रह सकते हैं, इससे भी आप छत या दीवार गिरने की स्थिति में सुरक्षित रहेंगे। पिल्लई ने बताया कि, वर्तमान में बन रहे कांच के बड़े-बड़े मॉल और कॉर्पोरेट बिल्डिंग्स के पास भूकम्प के समय में बिलकुल खड़े न हों, क्योंकि यह कांच की कई मंजिला इमारतें भूकम्प में सबसे पहले गिरती हैं। जैसे  अग्नि दुर्घटना ,एक्सीडेंट ,भूकम्प ,दंगे , बाढ़ आपदा, फायर सर्विस, आपदा प्रबंधन, एवं रसायन आपदा, से बचाव संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी दुर्घटना या अन्य आपदाओं के समय उपयोग किए जाने वाले साधनों और तरीकों का प्रदर्शन किया गया सबसे उपयोगी बचाव कार्य में उपयोगी नॉट्स एवं हिचेस का प्रयोग करना सिखाया गया !

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