विवादित बयानों के लिए सुर्खियों में रहने वाले बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने बुधवार को कहा कि यदि केंद्र सरकार प्रदेश के हितों की उपेक्षा करती है तो मोदी कैबिनट में शामिल बिहार को सातों मंत्रियों को राज्य में एंट्री की अनुमति नहीं होगी। मांझी ने कहा कि बिहार की जनता के हितों की रक्षा करना इन मंत्रियों का भी फर्ज है।
मोदी कैबिनेट में बिहार के सात मंत्री हैं। मांझी ने वर्ल्ड टॉइलट डे के मौके पर कहा कि इन सातों भैया को केंद्र के जरिए बिहार में विकास के काम करवाने चाहिए। यदि राज्य सरकार को केंद्र से मदद करवाने में ये सातों भैया नकाम रहते हैं तो इन्हें बिहार में एंट्री की अनुमति नहीं होगी।
हालांकि मुख्यमंत्री ने किसी केंद्रीय मंत्री का निजी तौर पर नाम नहीं लिया। मोदी मंत्रिमंडल में बिहार से राधामोहन सिंह, रवि शंकर प्रसाद, रामविलास पासवान(कैबिनेट मंत्री) राजीव प्रताप रूड़ी(स्वतंत्र प्रभार), उपेंद्र कुशवाहा, रामकृपाल यादव और गिरिराज सिंह हैं। मांझी ने इस दौरान हंसते हुए कहा कि ठोकर खाकर मुख्यमंत्री बन गया हूं कहीं ठोकर खाकर प्रधानमंत्री न जाऊं। खुले में शौच करने के मामले में बिहार अव्वल है। मांझी ने इस तथ्य पर निराशा जाहिर की। सीएम ने कहा कि बिहार सरकार 2019 तक 2 करोड़ टॉइलट बनाने का टारगेट लेकर चल रही है।
मांझी ने कहा, 'यदि केंद्र जरूरी सहायता उपलब्ध कराने में नाकाम रहती है फिर भी हम तय वक्त में कम संसाधन के बावजूद टारगेट हासिल कर लेंगे। पंचायत और अर्बन लोकल बॉडी में कुल 269 चुने हुए प्रतिनिधि हैं। यदि ये एक-एक शौचालय भी बनाते हैं तो हमें मिशन हासिल करने में काफी मदद मिलेगी।
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