फिजी में विपक्षी पार्टी सोशल डेमोक्रेटिक लिबरल पार्टी (एसओडीईएलपीए) ने बुधवार को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसद में संबोधन का बहिष्कार किया। हालांकि, प्रधानमंत्री वोरेक बैनिमरामा ने इसे अक्षम्य आचरण करार देते हुए माफी मांगी। मोदी पिछले 33 सालों में फिजी का दौरा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं। मोदी के संबोधन से पहले संसद के विशेष सत्र में बैनिमरामा ने विपक्ष के बहिष्कार के लिए माफी मांगी और कहा, दुर्भाग्यवश विपक्ष ने विरोधस्वरूप इस सत्र का बहिष्कार किया है, जो भूलवश यह मान बैठे हैं कि इस सत्र का बहिष्कार करने से वह इन बैठकों से दूर हो जाएंगे।
उन्होंने कहा, मैं फिजी की जनता की तरफ से इस अक्षम्य व्यवहार के लिए प्रधानमंत्री मोदी से मांफी मांगता हूं, जिसका दोनों देशों के संबंधों से कोई लेना-देना नहीं है। यह सिर्फ यह दिखाता है कि हममें से कुछ लोगों को लोकतंत्र, शासनकला और राष्ट्रवाद से सीखने की जरूरत है। इससे पहले एसओडीईएलपीए की नेता रो तीमुमु केपा ने फिजी के मीडियाकर्मियों से कहा कि वह धन्यवाद ज्ञापन में प्रधानमंत्री द्वारा उनका नाम विपक्ष की नेता के रूप में शामिल नहीं किए जाने से निराश हैं। इसके बाद पार्टी के 15 सदस्यों ने कहा कि मोदी का भाषण सुनने के लिए वे सत्र में शामिल नहीं होंगे।
नेशनल फेडरेशन पार्टी (एनएफपी) ने हालांकि, अपनी विपक्षी साझेदार एसओडीईएलपीए के फैसले को अस्वीकारते हुए बुधवार को सत्र का बहिष्कार करने से इनकार कर दिया। एनएफपी के नेता बिमान प्रसाद ने सरकार से अपने राजनीतिक मतभेदों को भुलाते हुए मोदी का स्वागत किया। फिजी के प्रधानमंत्री ने विपक्ष के बहिष्कार पर बयान जारी कर कहा कि यह फिजी की जनता का अपमान है।
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