देश में बचत को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने आज किसान विकास पत्र को दोबारा लॉन्च कर दिया। गड़बड़ी के कारण 2011 में किसान विकास पत्र को बंद किया गया था। आज लॉन्च हुए किसान विकास पत्र में पैसा 8 साल 4 महीने में दोगुना होगा। यानि आपको मिलेगा 8.7 फीसदी का सालाना रिटर्न। किसान विकास पत्र 1000, 5000, 10000, 50000 रुपये में उपलब्ध होंगे। खास बात ये है कि किसान विकास पत्र में निवेश की कोई सीमा नहीं होगी। किसान विकास पत्र में 2.5 साल का लॉक इन पीरियड होगा और 2.5 साल के बाद ही चक्रवृद्धि ब्याज का फायदा मिलेगा।
सबसे अच्छी बात ये है कि किसान विकास पत्र सर्टिफिकेट सिंगल या ज्वाइंट नाम पर जारी होने का विकल्प होगा। सर्टिफिकेट को दूसरे पोस्ट ऑफिस में ट्रांसफर कराने की सुविधा भी मिलेगी। साथ ही किसान विकास पत्र के आधार पर लोन भी मिल पाएगा। इस स्कीम को दोबारा लॉन्च करने के पीछे सरकार का क्या मकसद है इस पर वित्त मंत्रालय के ज्वाइंट सचिव, रजत भार्गव का कहना है कि किसान विकास पत्र के जरिए सरकार की सेविंग्स रेट बढ़ाने की कोशिश है। वहीं मल्टिपल ट्रांसफर किसान विकास पत्र की खासियत है और इसमें एक्जिट का विकल्प भी है।
रजत भार्गव ने बताया कि किसान विकास पत्र को पोस्ट ऑफिस के अलावा बैंक द्वारा उपलब्ध कराने की कोशिश की जाएगी। और, जल्द से जल्द ई-ट्रेडिंग की सुविधा भी लागू होगी। कैश रखने के मुकाबले ये स्कीम ज्यादा अच्छा विकल्प है। अगले 2 महीनों में नए इस्ट्रूमेंट जल्द ही लॉन्च करेंगे और महिलाओं के लिए विशेष योजना लाने का प्रावधान है। सरकार की छोटी सेविंग्स में भी इंश्योरेंस कवर दिलाने की कोशिश है। हालांकि सरकार इस स्कीम में निवेश पर कोई टैक्स छूट नहीं देगी लेकिन खास बात ये है कि स्कीम में पैसा निवेश करने की कोई ऊपरी सीमा नहीं है। यही नहीं किसान विकास पत्र में कितनी भी रकम निवेश करने पर भी पैन नंबर नहीं देना होगा।
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