राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) अध्यक्ष शरद पवार ने आज पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद के राजनीतिक हालात के मद्देनजर वे राज्य में मध्यावधि चुनाव के लिए तैयार रहें। महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के अलीबाग में शुरू हुई पार्टी की दो दिवसीय बैठक को संबोधित करते हुए पवार ने कहा, हमें महाराष्ट्र में मध्यावधि चुनाव का सामना करने के लिए तैयार रहना है। उन्होंने कहा, महाराष्ट्र में स्थिर सरकार रखने की जिम्मेदारी राकांपा की नहीं है। उल्लेखनीय है कि जिस दिन महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आए, पवार की पार्टी राकांपा ने भाजपा को बाहर से बिना शर्त समर्थन देने की घोषणा की थी।
उन्होंने आरोप लगाया कि हाल के राज्य विधानसभा चुनावों में दो सीटों पर काबिज होने वाली मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एमआईएम) के उभार के पीछे भाजपा के कुछ तत्व हैं। 288 सदस्यों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में भाजपा के 121, शिवसेना के 63, कांग्रेस के 42 और राकांपा के 41 विधायक हैं।
महाराष्ट्र की अल्पमत सरकार का नेतृत्व कर रहे मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने राकांपा की ओर से बाहरी समर्थन की घोषणा के बाद पिछले हफ्ते विवादस्पद रूप से ध्वनि मत से विश्वास प्रस्ताव हासिल किया। ध्वनिमत से विश्वासमत पारित होने के बाद शिवसेना और कांग्रेस ने उसका कड़ा विरोध किया। दोनों पार्टियों ने ज्ञापन देकर राज्यपाल सी. विद्यासागर राव से मांग की कि वह फडणवीस सरकार को फिर से विश्वास मत हासिल करने के लिए कहें और इसका फैसला मतविभाजन से हो।
राकांपा विधायक दल के नेता एवं पूर्व उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने विश्वास मत के तरीके से असहमति जताई थी। इससे पहले, शरद पवार कह चुके हैं कि वह भाजपा सरकार के पांच साल के कार्यकाल की गारंटी नहीं ले सकते हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें