इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के छठे संस्करण में हुए स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी मामले में बीसीसीआई के निर्वासित अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन समेत आठ लोगों के लिप्त होने की बात सामने आई है. सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को मामले की सुनवाई करते हुए चार लोगों के नाम उजागर किए. शुक्रवार को हुई सुनवाई में सर्वोच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति टी. एस. ठाकुर और न्यायमूर्ति एफ. एम. कलिफुल्लाह वाली पीठ ने कहा कि मुद्गल समिति की जांच में श्रीनिवासन, बीसीसीआई के अधिकारी सुंदर रमन, आईपीएल फ्रेंचाइजी राजस्थान रॉयल्स के सह मालिक राज कुंद्रा और चेन्नई सुपर किंग्स के टीम प्रिंसिपल और श्रीनिवासन के दामाद गुरुनाथ मयप्पन सहित कम से कम तीन अन्य खिलाड़ी भी शामिल हैं लेकिन खिलाड़ियों के नाम की घोषणा नहीं की गई है.
शुक्रवार को हुई इन तमाम गतिविधियों के बीच बीसीसीआई ने 20 नवंबर को होने वाले अपने वार्षिक आम सभी की बैठक को अगले चार हफ्ते के लिए पुन: टाल दिया. इससे पहले एक सितंबर को न्यायालय द्वारा श्रीनिवासन को दोबारा उनके पद पर बहाल करने से ठुकराए जाने के बाद भी बीसीसीआई ने एजीएम और चुनाव को टालने का फैसला लिया था. साथ ही सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि श्रीनिवासन, मयप्पन, सुंदर रमन और राज कुंद्रा की मामले में कथित भूमिका के आरोपों को देखते हुए अदालत इन चारों को जांच रिपोर्ट सौंपेगी. इस मामले के मुख्य याचिकाकर्ता बिहार क्रिकेट संघ (सीएबी) के आदित्य वर्मा और बीसीसीआई को भी यह रिपोर्ट दी जाएगी. न्यायालय ने हालांकि कहा कि बंद लिफाफे में दिए खिलाड़ियों के नामों को अभी उजागर नहीं किया जाएगा.
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