भगवान विरसा मुण्डा, वीर तिलका माँझी व महान क्राँतिकारी सिदो कान्हु मुर्मू के खून-पसीने से सीेंचा हुआ राज्य है झारखण्ड। वर्ष 1854-55 से ही आदिवासियों-मूलवासियों ने जल, जंगल, जमीन को बचाने का प्रयास किया है। 70 के दशक से गुरुजी शिबू सोरेन का संधर्ष लगातार जारी है। राज्य बने 14 वर्ष हो गए। अबतक इस राज्य को राजनीतिक प्रयोगशाला की तरह ही देखा गया है। गठबंधन सरकार मजबूत सरकार नहीं होती। कई तरह की समस्याएँ ऐसी सरकार में रहती हैं। किसी मुद्दे पर अकेले फैसला काफी कठिन हो जाता है। इस राज्य को पूर्ण बहुमत की सरकार चाहिए। 80 के दशक में जिस रुतबे के साथ झारखण्ड मुक्ति मोर्चा ने राज्य की राजनीति में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी, एक बार फिर उसी रुतबे के साथ यह पार्टी आज साढ़े तीन करोड़ की आबादी वाले राज्य में खड़ी है। वर्ष 2014 का विधानसभा चुनाव काफी महत्वपूर्ण है यह चुनाव अगले 30-40 वर्षों तक इस राज्य की दशा व दिशा तय करेगा। उप राजधानी दुमका के खिजुरिया स्थित झामुमों कार्यालय परिषर में घर वापसी व मिलन समारोह के दौरान उपरोक्त बातें सूबे के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने दिन मंगलवार (18 नवम्बर 2014) को कही। महेशपुर से झामुमों प्रत्याशी प्रो0 स्टीफन मराण्डी, जरमुण्डी प्रत्याशी हरिनारायण राय, शिकारीपाड़ा विस क्षेत्र प्रत्याशी नलिन सोेरेन, पूर्व विधायक जामा मो0 मोहरिल मुर्मू झामुमों युवा विंग के नेता वसंत सोरेन व अन्य की उपस्थिति में श्री सोरेन ने कहा-लोकसभा चुनाव में झामुमों को उम्मीद से काफी कम सीटें प्राप्त हुई तथापि संताल परगना प्रमण्डल के दो सीटों दुमका व राजमहल पर विजयश्री हासिल कर हमारी पार्टी ने भाजपा की उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
मुख्यमंत्री श्री सोरेन ने कहा इस राज्य में किसी के पास वैसी राजनीतिक ताकत नहीं जो झामुमों के पास है। झारखण्डी अस्मिता, भावनाओं व समरसता के लिये झामुमों कड़ा संघर्ष पार्टी की पहचान है। भाजपा व काॅग्रेस को अकेले चुनाव लड़ने की क्षमता नहीं जबकि झामुमों खुद के दम पर 81 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने को प्रतिबद्ध है। विधानसभा चुनाव-2014 सिर्फ चुनाव नहीं अपितु राज्य की भावनाओं, अस्मिताओं, जनमानस के सपनों को पूरा करने का एक अहम अवसर भी है। भाजपा के एक बड़े कद नेता द्वारा पिछले दिनों झामुमों को लुंज-पुंज वाली पार्टी कहे जाने को आड़े हाथों लेते हुए हेमन्त सोरेन ने कहा इस चुनाव में क्षेत्रीय दल अपनी ताकत के माध्यम से ही भाजपा को अपना वजूद दिखलाऐगें। झामुमों की सीधी लड़ाई भाजपा से ही है, अन्य कोई पार्टी इस रेस में नहीं है। श्री सोरेन ने कहा नागपुर से शाखा वालों को झारखण्ड में भर दिया गया है। हरियाणा, नागपुर, दिल्ली व न जाने कहाँ-कहाँ से भाजपा वालों ने इस चुनाव में पार्टी प्रचार के लिये एक बड़ी फौज को झोंक दिया है।
श्री सोरेन ने कहा इस राज्य के आदिवासियों को व्यवसायियों ने ठगने का काम किया है। भारत की आजादी के बाद से अबतक इस राज्य की लाखों एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जा चुका है। ट्राईबल को झारखण्ड से बाहर कैसे किया जाए इसकी रणनीति बनाई जा रही है। इस राज्य में 9-10 वर्ष तक बीजेपी ने राज्य किया है। इन वर्षो में राज्य को भ्रष्टाचार के दलदल में झोंक दिया गया। इस राज्य के नौकरशाह चुनाव लड़ने लगे हैं। श्री सोरेन ने कहा इस राज्य की आधी आबादी महिलाओं को नौकरियों में 50 प्रतिशत का आरक्षण दिया गया है। आने वाले 5 वर्षो में एक भी महिला को सड़क किनारे हडि़या-दारु बेचते हुए नहीं देखा जाऐगा। बीजेपी के इस राज्य से 12 सांसद हैं, 6 ऐसे सांसद हैं जिन्हें अपने क्षेत्र व राज्य से कोई लेना-देना नहीं है। गठबंधन की पीड़ा का बयान करते हुए श्री सोरेन ने कहा सरकार के कई मंत्रियों ने डराने-धमकाने का काम किया किन्तु पूरी निडरता के साथ उन्होनें काम किया। उन्होनें कहा बीजेपी साफ-सुथरी सरकार की दुहाई देती रही है।
हरियाणा की स्थिति देख लीजिए। संत रामपाल तक को कोर्ट प्रस्तुत नहीं किया गया। छत्तीसगढ़ की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा इस राज्य में नसबंदी से कई महिलाओं की मौत हो चुकी है फिर भी भाजपा अपनी इमानदारी व स्वच्छ शासन की दुहाई देती रहती है। भाजपा में भय व्याप्त हो चुका है। झामुमों जिला कमिटी द्वारा आयोजित घर वापसी व मिलन समारोह के दौरान झाविमों युवा मोर्चा के केन्द्रीय सचिव चन्द्रमोहन हाँसदा के नेतृत्व में जामा प्रखण्ड के भुटोकोडि़या, नाचनगडि़या, टेंगधोबा, छैलापाथर, बेदिया। शिकारीपाड़ा प्रखण्ड के मुड़ायआम, गन्द्रकपुर, कुशपहाड़ी, बरमसिया तथा मसलिया प्रखण्ड के धोबना, हरिणबहाल, बड़ा डुमरिया, फुटोजोरी, रांगा, कठलिया व गुमरो के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने झामुमों पर आस्था प्रकट करते हुए पार्टी में खुद को विलय किया तथा पार्टी के लिये काम करने का संकल्प दोहराया।
अमरेन्द्र सुमन (दुमका)
झारखण्ड
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