कुपोषण-भुखमरी समाज के लिए कलंक: पाटौदिया - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 16 नवंबर 2014

कुपोषण-भुखमरी समाज के लिए कलंक: पाटौदिया

  • पोषण एवं स्वास्थ्य अधिकारों की बेहतरी विरसा मुण्डा जयन्ती पर कार्यशाला आयोजित 

malnutrition-national-shameभदोही। कुपोषण व भूखमरी समाज के लिए अभिशाप है। इससे निपटने के लिए समाज और सरकार को मिलकर काम करना होगा। यह बातें एकमा के पूर्व अध्यक्ष रवि पटौदिया ने कही। वह रविवार को शहीद अदिवासी नायक विरसा मुण्डा की जयन्ती पर धनवन्तिरि चिकित्सालय में आयोजित कार्यशाला में मुण्डा के चित्र पर माल्यार्पण करने के बाद नागरिकों को संबोधित कर रहे थे। कहा, एक ओर जहां देष मे शिषु मत्यु दर 67 प्रति हजार है, वहीं कुपोशण से मृत्यु दर 55 प्रतिषत है। देश मे जहां 43 प्रतिशत बच्चे अतिकुपोषित है। पोषण व स्वास्थ्य अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए चलाये जा रहे एकीक्र्रत बाल विकास कार्यक्रम और जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम की मध्यान्ह भोजन और सार्वजनिक वितरण प्रणाली की जमीनी हकीकत शर्मनाक और दुर्भाग्यपूर्ण है। बच्चो, किशोरियो और महिलाओं के मौलिक अधिकारों का बडे पैमाने पर हनन हो रहा है। उपरोक्त चुनौती के मद्देनजर पोषण व स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर, जवाबदेह व पारदर्शी बनाना होगा। इस मौके पर वीडियो वालेन्टियर्स के राज्य समन्वयक अंशुमान सिंह, गोवा से आए मुजाहिद भाई, सोशल विजन के संजय श्रीवास्तव, विजेन्द्र विश्वात्मा, जन सहयोग मंच की उर्मिला देवी, दुर्गा देवी, गायत्री देवी, सुशीला देवी, शिवशंकर, सुमित्रा देवी, मुन्नी बेगम, बांकेलाल गौतम आदि ने अपनी बातें कही। अंत में जनसहयोग मंच के नन्हेलाल ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

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