सीतामढ़ी। इन दिनों संपर्क यात्रा पर हैं पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार।आगामी आम चुनाव 2015 के मद्देनजर ठंड के समय में पसीना बहा रहे हैं। वोट लिया और खिंसक गया, कुर्सी से जाकर चिपक गया। इस तरह से करने वाले विधायक और मंत्री का कोपभाजन बन रहे हैं।‘घर’ मजबूत करने निकले हैं तो अपने लोगों के किए जा रहे हमले को सह रहे हैं। इस लिए अपने दल जदयू के ही कार्यकर्ताओं को चुनचुनकर कर बैठक कर रहे हैं। बैठक में आने वालों को सचेत रहने का आह्वान कर रहे हैं। उनको अपवाह फैंलाने वाले बीजेपी पर ध्यान देने पर बल दे रहे हैं। पीएम नरेन्द्र मोदी वादा किए और अब उसे पूरा नहीं कर रहे हैं। कार्यकर्ताओं के कटघरे में पीएम मोदी को खड़ा कर रहे हैं।हाईटेक का सहारा ले रहे हैं। पीएम के आॅडियों सुनाकर और उनके वीडियों दिखाकर कार्यकर्ताओं को समझा रहे हैं। आप लोग सुन लीजिए, पीएम साहब बोले थे कि कालाधन की बरामदी होगी। उसके बाद प्रत्येक गरीब को 15 लाख रूपए देंगे। 6 माह के बाद भी रकम मिली नहीं।
अबतक खाते में नहीं पहुंचा पैसा। कम से कम ‘बोहनी’ही करवा देते।इसी तरह कहकर लोगों को ठगा जाएगा। मौके पर वादाखिलाफी करने वालों को जवाबी हमला करने का गुर सीखाते चल रहे हैं। वहीं 1 हजार करोड़ लगाकर राजमार्ग बनाया गया। उस राशि को भी केन्द्र सरकार वापस नहीं कर रही है। विशेष राज्य का दर्जा देने की बात करने वाले पीएम विशेष राज्य का दर्जा देने में भी राजनीति करने लगे हैं। विशेष राज्य का दर्जा के संदर्भ में कहा जा रहा है कि जो राशि दी गयी है उसे राज्य सरकार खर्च नहीं कर पाती है। यह सब भरमाने की बात है। इन्दिरा आवास योजना की राशि में कटौती कर दी गयी। मजदूरों से रोजगार छिन लिए है। यह सब होता रहेगा। इस पर नियत्रंण करने की जरूरत है। यह नियत्रंण बिहार ही कर सकता है। इस लिए आने वाले चुनाव महत्वपूर्ण है। अ्रगर आप चुक जाएंगे। तो सब कुछ बर्बाद हो जाएगा।
आलोक कुमार
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