हिसार के संत रामपाल ने सोमवार को कोर्ट में पेश होने से इनकार कर दिया है। आज रामपाल के सरेंडर करने का आखिरी दिन है और आज सुबह रामपाल की ओर से आए एक बयान में कहा गया है कि उनकी सेहत ठीक नहीं है और वे आज कोर्ट में पेश नहीं होंगे। संत रामपाल के प्रवक्ता ने कहा है कि बाबा की तबीयत खराब हो गई है और उन्हें इलाज के लिए अज्ञात स्थान पर ले जाया गया है। रामपाल के मामले में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट से हरियाणा सरकार और पुलिस को कड़ी फटकार पड़ी है। कोर्ट अब दोपहर ढाई बजे मामले की सुनवाई करेगी। आज मामले की सुनवाई शुरू होने पर हरियाणा के डीजीपी ने कोर्ट से कहा कि उन्हें रामपाल को कोर्ट में पेश करने के लिए कुछ और वक्त चाहिए।
इसके जवाब में कोर्ट ने कहा कि कोई व्यक्ति इस तरह से सामांतर सत्ता नहीं चला सकता है और कार्रवाई न करने पर आम लोगों के बीच गलत संदेश जाएगा। आश्रम के प्रवक्ता राज कपूर ने कहा, 'वह (रामपाल) यात्रा करने की स्थिति में नहीं हैं क्योंकि वह बीमार हैं। हम चिकित्सा प्रमाणपत्र देंगे जो उच्च न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा।' उन्होंने कहा कि अदालत से वे और समय तथा रामपाल की स्थिति सुधरने तक दूसरी तारीख की मांग करेंगे।
कपूर ने यह भी कहा कि बीती रात डॉक्टरों के पांच सदस्यीय बोर्ड ने रामपाल की स्वास्थ्य जांच की जिसमें तीन डॉक्टर राज्य स्वास्थ्य विभाग के और दो डॉक्टर निजी अस्पताल से थे जो दिल्ली और लुधियाना से यहां आए हैं। उन्होंने कहा, 'संत रामपाल जी को पूर्ण आराम की सलाह दी गई है।' उन्होंने कहा कि वह वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये पेश हो सकते हैं। अब सबकी नज़र इस बात पर है कि क्या पुलिस रामपाल को गिरफ़्तार करती है। पिछले कुछ दिनों से रामपाल के आश्रम को पुलिस ने घेरा हुआ है। वहीं, रामपाल के हज़ारों समर्थक आश्रम के बाहर जुटे हुए हैं। इसमें बड़ी संख्या महिलाओं की भी हैं।
रामपाल समर्थक उसे किसी कीमत पर गिरफ़्तार नहीं होने देना चाहते हैं। रामपाल के समर्थक आश्रम की दीवारों, छतों और उसके बाहर लाठी−डंडों से लैस हैं। ऐसे में पुलिस को रामपाल की गिरफ़्तारी में परेशानी हो सकती है। पुलिस की ओर से बड़ी संख्या में महिला दस्ते को भी तैनात किया गया है। कोर्ट की अवमानना के मामले में रामपाल के खिलाफ गैर−ज़मानती वारंट जारी है। उसे 17 नवंबर तक कोर्ट में पेश किया जाना है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें