उत्तराखंड की विस्तृत खबर (16 नवम्बर) - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 16 नवंबर 2014

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (16 नवम्बर)

लोकगायक नेगी की आडियो सीडी ‘नंदा ध्याणै बिदै’ का विमोचन किया

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देहरादून, 16 नवम्बर (निस)। प्रसिद्ध लोकगायक नरेन्द्र सिंह नेगी की नई आडियो सी.डी. ‘नंदा ध्याणै बिदै’ का विमोचन रविवार को देहरादून में एक सादे सामारोह में किया गया। प्रसिद्ध पर्वतारोही पद्मश्री लवराज सिंह धर्मसत्तू, जिन्होंने 5 बार ऐवरेस्ट फतह की है, ने सीडी का लोकार्पण किया। नंदा ध्याणै बिदै’ हिमालयन फिल्मस् की नई प्रस्तुति है। जिसमें नरेन्द्र सिंह नेगी ने नंदा देवी राजजात के ऊपर सात नए जागर गीत गाए हैं। इन जागर गीतों का शोध एवं संकलन प्रसिद्ध संस्कृतिकर्मी डाॅ0 नंद किशोर हटवाल ने किया है। लवराज सिंह धर्मसत्तू ने कहा कि नंदा देवी राजजात आध्यात्म और साहसिक पर्यटन का एक अनूठा मिश्रण है। ये अपने आप में अद्भुत यात्रा है। मैं बचपन से ही गोपाल बाबू गोस्वामी एवं नरेन्द्र सिंह नेगी के गीत सुन कर बड़ा हुआ। ये मेरे लिए बड़े सैभाग्य की बात है कि मुझे नेगी जी जैसे जमीन से जुड़े महान कलाकार की कृति का विमोचन का मौका मिला। इस एलबम के ‘जाण कबिलाश’ गीत में राजजात की तैयारी का दृश्य प्रस्तुत किया गया है। जबकि ‘बैठी गैयी नंदा’ गीत में ससुराल जाते समय नंदा का डोली में बैठने का श्रृंगारिक वर्णन है। एलबम में सुतोल के द्योसिंग देवता पर दो गीत हैं। ‘रतब्याणे की’ गीत उत्तराखण्ड में गाये जाने वाले जागरों में सुबह उठने का जागर गीत है। ‘पेटण बैठीग्ये’ गीत में नंदा का मायके से ससुराल जाने का मार्मिक एवं कारूणिक वर्णन है। ‘छ्वोड़ी पयाणू’ गीत में राजजात में होमकुण्ड पहुंचने तक के सभी पड़ाओं तथा बीच के चुनिंदा स्थलों का वर्णन किया गया है। सुप्रसिद्ध संस्कृतिकर्मी डाॅ0 नंद किशोर हटवाल ने कहा कि ये सभी गीत नंदा देवी के जागरों पर आधारित हैं तथा प्रयास किया गया है कि यह धरोहर नई पीढ़ी तक पहुंचे। डाॅ0 हटवाल ने कहा कि इन जागरों को संग्रहीत करने तथा लोकप्रिय माध्यमों से समाज में पुनस्र्थापित करने की आवश्यकता है। यह छोटा सा प्रयास इसी कड़ी का एक हिस्सा है। लोक गायक नरेन्द्र सिंह नेगी ने कहा  कि मैंने दो हजार में नंदादेवी राजजात यात्रा की और उसी वर्ष इस यात्रा पर मेरा एक आडियो कैसेट संगीत प्रेमियों के बीच आया। सन् 2000 के बाद एक दर्जन से अधिक लोगों ने नंदादेवी राजजात के ऊपर आडियो-वीडियो निकाले। मेरे चाहने वालों का लम्बे समय से आग्रह था कि मैं नंदादेवी राजजात पर कुछ नया गाऊं। कुछ समय पहले मैं डाॅ0 नंद किशोर हटवाल द्वारा संकलित जागर गीत देख रहा था। और मुझे लगा कि इन गीतों को गाये जाने की जरूरत है। उत्तराखण्ड के संगीत प्रेमी नरेन्द्र सिंह नेगी के नए एलबम का इंतजार लम्बे समय से कर रहे थे। ‘नंदा ध्याणै बिदै’ तीन साल के लम्बे इंतजार को खत्म करती है। इससे पहले 2011 में नेगी द्वारा रचित ‘अब कथगा खैल्यो’ ने संगीत प्रेमियों के बीच लोकप्रियता हासिल की थी। इस ऐलबम का ‘देरादूण वाला हूं’ गीत लोगों के सर चढ़ कर बोला। ‘नंदा ध्याणै बिदै’ की शूटिंग चल रही है और इसका वीडियो एक डाक्यूमेन्ट्री फिल्म के रूप में दिसम्बर के मध्य तक बाजार में उपलब्ध होगी। यह डाक्यूमेन्ट्री फिल्म नेगी के सात नए नंदा जागर गीतों के साथ शीघ्र आपके हाथों में होगी। इस मौके पर कई संस्कृति साधक व कलाप्रेमी मौजूद थे।

विकास की भेंट चढ गयी प्रदेश में कृषि की 54 लाख हेक्टेयर जम़ीन, खेत-खलिहानों की जगह रातों रात उग रहे हैं कंक्रीट के जंगल

देहरादून, 16 नवम्बर। प्रदेश में कृषि क्षेत्र लगातार सिमटा जा रहा है। उत्तराखण्ड राज्य बनने के समय 2001 में प्रदेश में 7 लाख 70 हजार हैक्टेयर कृषि क्षेत्र था। जो सिमट कर 2012 में 7 लाख 14 हजार हैक्टेयर रह गया है। पर्वतीय क्षेत्रों में प्लायन के कारण कृषि क्षेत्र में जहां लगातार कमीं आ रही है तो वहीं मैदानी क्षेत्रों में खेतों की जगह कंक्रीट के जंगल खड़े हो रहे हैं। विकास की आंधी के कारण प्रदेश में लगातार कृषि क्षेत्र सिमटा जा रहा है। वर्ष 2001 में जहां प्रदेश में कृषि क्षेत्र 7 लाख 70 हजार हेक्टेयर था। जो 2007-08 में 7 लाख 55 हजार हेक्टेयर रह गया। 2008-09 में 7 लाख 53 हजार, 2009-10 में 7 लाख 41 हजार, 2010-11 में 7 लाख 23 हजार और 2011-12 में यह 7 लाख 14 हेक्टेयर रह गया। प्रदेश में हर साल कृषि भूमि में कमी दर्ज की जा रही है, जो कि राज्य के लिए बहुत ही चिंताजनक है। कृषि क्षेत्र सिमटने के साथ ही फसलों का बुवाई क्षेत्र में सिमट रहा है। वर्ष 2011-12 में 6 लाख 61 हजार हेक्टेयर में खरीफ की फसल की बुवाई की गयी थी। जोकि 2012-13 में 5 लाख 30 हजार हेक्टेयर रह गयी। जबकि 2013-14 में यह 4लाख 97 हजार हेक्टेयर ही रह गयी है। घटे कृषि क्षेत्र का मुख्य कारण पर्वतीय क्षेत्रों में पलायन को माना गया है। प्रदेश में 2010-11 के आंकड़ो के अनुसार 912650 जोतों के खेती हो रही थी। जिनमें से 829468 जोतें लुघ एवं सीमान्त कृषकों की हैं जो कुल जोतों का 91 प्रतिशत होता है। लेकिन पर्वतीय क्षेत्रांे में पलायन के कारण हजारों की संख्या में जोतों की किसान गायब हो चुके हैं। प्रदेश में कुल कृषि क्षेत्र का लगभग 56 प्रतिशत भाग पर्वतीय क्षेत्र मे अंतगर्त आता है। पर्वतीय क्षेत्रों में भोगौलिक कारणों से भी कृषि भूमि में कमी आ रही है। बादल फटने, अतिवृष्टि और भू-स्खलन से भी कृषि क्षेत्र प्रभावित हो रहा है। बादल फटने से किसानों की पूरी की पूरी जोत ही खत्म हो जाती है। बादल फटने के कारण जोत की मिट्टी बह जाती है और यह भूमि दोबारा कृषि करने लायक ही नहीं रहती है। जिसके कारण भी पर्वतीय किसान कृषि से मुंह मोड़ रहे हैं। भौगोलिक कारणों से एक बार फसल चैपट हो जाने के कारण किसान की कमर टूट जाती है फिर वह दोबारा खेती करने की हिम्मत नहीं जुटा पाता है और पलायन कर जाता है। वहीं मैदानी क्षेत्रों में औद्योगिकरण और लगातार आसमान छूते ज़मीन के भाव के कारण किसानों को कृषि से मोह भंग कर रहा है।

जोहार महोत्सव में पहुंचे मुख्यमंत्री, बदलते दौर में संस्कृति को संजोये रखना बहुत जरूरी: हरीश रावत

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देहरादून, 16 नवम्बर (निस)। जोहार सांस्कृतिक एवं वेलफेयर सोसाइटी के तत्वाधान में आयोजित पांचवे जोहार महोत्सव के दूसरे दिन के प्रथम सत्र में बतौर मुख्य अतिथि पहुँचे प्रदेश के मुख्यमंत्री हरीश रावत तथा वित्त मंत्री डा. श्रीमती इन्दिरा हृदयेश ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। सांस्कृतिक मंच पर भोटिया समाज के कलाकारों द्वारा अपने पारम्परिक लोक-गीत एवं नृत्य प्रस्तुत किये। मुख्यमंत्री को आयोजकों द्वारा अभिनन्दन पत्र एवं पंचाचूली के चित्र भेंट किये गये।   अपने सम्बोधन में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इस मनोहारी आयोजन के आयोजकों को अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि बदलते दौर में संस्कृति को संजोये रखना बहुत जरूरी है। अपनी संस्कृति को संरक्षित एवं उसे नई पीढ़ी को रूबरू कराना हमारा दायित्व है। हमारी संस्कृति चाहे जो भी हो वह हमें संस्कारवान बनाती है। उन्होनें कहा कि उत्तराखण्ड के ग्लेशयर, दर्रे, और बुग्याल हमारे उत्तराखण्ड ही नहीं अपितु पूरे विश्व की अमानत हैं। हजारों की संख्या में ऐसे पर्यटक हैं जो इनके दीदार करना चाहते हैं, लेकिन दुर्गम स्थलों पर होनें की वजह से पर्यटकों को पहुँचने में कठिनाई होती है। इसका ध्यान रखते हुए उत्तराखण्ड सरकार जहाँ प्रकृति का खजाना बिखरा है। उसका दर्शन लाभ पर्यटकों को कराने के लिए हवाई सेवा शुरू करने जा रही है, ताकि पर्यटक हवाई सेवा के जरिए इन स्थानों तक पहुँच सकें। इससे पर्यटन के साथ ही रोजगार के अवसर भी सर्जित होंगे। इन क्षेत्रों के कुटीर उद्योगों के विकास के लिए सरकार प्रयासरत है। दूर-दराज के इलाकों में बनने वाले पशमिना, थुलमा एवं ऊनी उत्पादों के विपणन के लिए भी सरकार रणनीति तैयार कर रही है। इससे इन क्षेत्रों की महिलाऐं आर्थिक रूप से मजबूत होंगी। मुख्यमंत्री द्वारा जोहार जनमिलन केन्द्र में आधुनिकतम पुस्तकालय व्यवस्था एवं पुस्तकें क्रय करने हेतु पांच लाख की धनराशि किये जाने की घोषणा की। जोहार की धरती में ऐसे बेटे-बेटियां दिये हैं जिन्होनें प्रसाशनिक सेवा के साथ ही अन्य क्षेत्रों में कीर्तिमान स्थापित कर प्रदेश व देश का मान बढ़ाया है। उन्होनें कहा कि उत्तराखण्ड की जोहार और शौका संस्कृति विलुप्त नहीं हो रही है, बल्कि यह विकसित होकर जगह-जगह अंकुरित हो रही है। इस समाज के लोग उत्तराखण्ड के विभिन्न हिस्सों के अलावा लखनऊ, बरेली, व दिल्ली जैसे महानगरों में भी हैं। इस प्रकार इसकी संस्कृतिक का जगह-जगह विस्तार होना शुभ संकेत है। उन्होनंें कहा कि धारचूला, मुनस्यारी के दुर्गम इलाके को पर्यटन पर लाने के लिए सरकार विशेष पर्यटन सर्किट तैयार कर रही है। इस क्षेत्र के लोगोें ने तिब्बत, चीन, नेपाल जैसे देशों में व्यापार कर प्रदेश के आर्थिक विकास में योगदान किया है। इस क्षेत्र की जडी-बूटियां विश्व प्रसिद्ध हैं तथा यहाँ सहासिक पर्यटन के विकास के लिए विशेष संस्थान भी स्थापित किया जा रहा है, जिसकी कमान पांच बार एवरेस्ट पर विजय हासिल करने वाले लवरेज सिंह को सौपें जाने की तैयारी है। उन्होनंे महिलाओं से कहा कि वह दुग्ध का व्यवसाय करें तथा छोटे-छोटे समूह बनाकर दुग्ध उत्पादन करें। प्रदेश सरकार ने पर्वतीय क्षेत्रों में चार रूपये प्रति लीटर प्रोत्साहन के रूप में दिये जाने की भी घोषणा की है। इसके अलावा महिलाऐं परम्परागत कुटीर उद्योगों के क्षेत्र में भी कार्य करें। उन्होनंे कहा कि पिथौरागढ़, धारचूला, मुनस्यारी के युवाओं ने स्वरोजगार के क्षेत्र में अच्छा काम किया है। यदि वे किसी लघु उद्योगों के लिए काम करते हैं तो उन्हें दो साल तक करों में छूट दी जायेगी। श्री रावत ने कहा कि मिलम तक सडक पहुँचाना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता हैं इसके साथ ही टनकपुर से जौलजीवी तक भी सड़क बनाये जाने की कवायद में सरकार जुटी है। उन्होनंे पुलिस महानिरीक्षक गणेश सिंह मर्तोलिया की तारिफ करते हुए कहा कि वे ला एण्ड आर्डर के साथ ही खलियासौन के पास मुनश्यारी नगर बनाने का प्रस्ताव उनके पास लेकर आयें ताकि इसे भी मूर्त रूप दिया जा सके। श्री रावत ने कहा कि पिछले दिनों सम्पन्न हुई हिमालयी कुम्भ नन्दा राजजात यात्रा को सकुशल सम्पन्न कराने में पिथौरागढ़ के लोगों का विशेष योगदान है, जिसके लिए मैं उनका आभार व्यक्त करता हूँ। उन्होनंें कहा कि हल्द्वानी का भोटिया पडाव सबसे पुराना है। उन्होनें जिलाधिकारी दीपक रावत को निर्देश दिये कि इस क्षेत्र में रहने वाले बासिन्दों की नजूल भूमि फ्री होल्ड कराने का प्रस्ताव शासन को उपलब्ध करायें। उन्होनंे कहा कि पर्वतीय क्षेत्र का मोटा आनाज मंडुआ अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पसन्द किया जाता है। मंडुआ के विकास एवं सवर्द्धन एवं बिक्री के लिए सराकर ने उत्तरकाशी एवं पिथौरागढ़ जिलों को मंडुआ जनपद के रूप में घोषित किया है। कार्यक्रम में वित्तमंत्री डा॰ श्रीमती इन्दिरा हृदयेश, अध्यक्ष आपदा प्रबन्धन प्रयाग भट्ट, महेश शर्मा, नारायण पाल, खजान पाण्डे, संध्या डालाकोटी, राजेन्द्र नेगी, राम सिंह कैडा, हेमन्त बगडवाल, इकबाल भारती, केदार पलडिया, राहुल छिमवाल, के अलावा संस्था के अध्यक्ष देवेन्द्र धर्मसत्तू, सचिव भूपेन्द्र सिंह पांगती, संरक्षक डा॰ प्रहलाद सिंह मर्तोलिया, जोहर मिलन केन्द्र के संरक्षक गजेन्द्र सिंह पांगती, जोहार महासंघ के अध्यक्ष दुर्गा सिंह रावत, शौका महिला संघ की अध्यक्षा अनीता पांगती, हरीश धर्मसत्तू, राधा चैधरी, रघुवीर चैधरी, कमल पपनै, जगत सिंह पांगती, देवेन्द्रा ज्योति रावत, ध्रुव सिंह मर्तोलिया, तथा डीआईजी गणेश सिंह मर्तौलिया, जिलाधिकारी दीपक रावत, एसएसपी सैंथिल अबुदई रामकृष्ण, सिटी मजिस्ट्रेट आरडी पालीवाल, एसडीएम हरबीर सिंह, के अलावा बडी संख्या में गणमान्य नागरिक एवं दर्शक मौजूद थे।

19 साल बाद भी पहचान को तरसते पुलिस विभाग के उर्दू अनुवादक, 
  • पदनाम न होने से लटका प्रमोशन, विभाग के कर रहे हैं लिपिकि का काम

देहरादून, 16 नवम्बर (निस)। 19 वर्ष बीत जाने के बाद भी पुलिस विभाग में तैनात उर्दू अनुवाद पद नाम न मिलने से अपनी पहचान को तरस रहे हैं। प्रदेश के जिलों में पुलिस आॅफिसों में तैनात 62 उर्दू अनुवाद पद नाम न होने के कारण आज तक न तो प्रमोशन पा सकें हैं और न ही वेतन मंे बढोत्तरी मिली है। उत्तर प्रदेश में 1994 में सभी थानों मेें उर्दू अनुवादों की भर्ती हुई थी जिससे की उर्दू में भी पीडि़त शिकायत कर सकें। उत्तराखण्ड अलग बनने के बाद से 62 उर्दू अनुवाद प्रदेश के हिस्से में आये लेकिन पद नाम न होने के कारण आज भी यह उर्दू अनुवाद के नाम से ही जाने जाते हैै। प्रदेश बनने के साथ ही इन उर्दू अनुवादकों ने अपना पद नाम सहायक लिपिक देने की मांग की लेकिन प्रदेश को बने 13 साल बीत जाने के बाद भी उर्दू अनुवादकों को पद नाम नही मिल सका है। पुलिस विभाग मेें तैनात होने के कारण ये उर्दू अनुवाद हड़ताल या प्रदर्शन भी नही कर सकते हैं। इसलिए भी इनकी मांग फाईलों में ही धूल फांक रही है। सभी जिलों के पुलिस आॅफिसों में तैनात उर्दू अनुवादों से काम भी लिपिक का ही लिया जा रहा है। लेकिन पद नाम न होने से प्रमोशन मिलने में परेशानी हो रही है। अधिकारी अगर प्रमोशन देना भी चाहे तो किस पद पर प्रमोशन दे यह भी असमजस्य की स्थिति बनी हुई है। उत्तर प्रदेश में इन उर्दू अनुवादों को सहायक लिपिक पद नाम देकर प्रमोशन भी दिया जा चुका है लेकिन उत्तराखण्ड में इनकी कोई सुध लेने वाला नही है। इस सम्बन्ध में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में कैबिनेट दर्जा प्राप्त विधायक फुरकान से बात की गयी तो उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में भी उत्तर प्रदेश की तरह ही उर्दू अनुवादकों पद नाम दिया जाना चाहिए। जिससे की उनका प्रमोशन हो सके। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को इस बारे में अवगत कराकर उर्दू अनुवादकों की मांग का पूरा कराने की कोशिश की जायेगी।

जम्मू कश्मीर आपदा पीडि़तों को केन्द्र ने पहुंचाई भ्रसक मददः योगी आदित्यनाथ 

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देहरादून,16 नवम्बर(निस)। हरिद्वार के पीर प्रेमनाथ धाम आश्रम स्थित शिवमूर्ति गली धार्मिक आयोजन में शिरकत करने पहुंचे गोरखपुर सांसद योगी आदित्यनाथ ने पत्रकारों से समक्ष वार्ता करने के दौरान बताया कि केन्द्र सरकार बेहतर कार्य कर रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विदेशी नितियों में लगातार बदलाव ला रहे हैं। जम्मू कश्मीर आपदा पीडि़तों को राहत पहुंचाने में केन्द्र सरकार ने भरसक प्रयास किये। आपदा प्रभावित क्षेत्रों मंे वृहद स्तर पर राहत सामग्री केन्द्र सरकार की कोशिशों के चलते पहुंचाई गई। एक सवाल के जबाव में उन्होंने कहा काले धन मुद्दे को लेकर केन्द्र सरकार संजीदा है। कई नामों को खोला गया है और कई नामों को अभी खोला जायेगा। लगातार केन्द्र सरकार बेहतर कार्य कर रही है। पेट्रोल डीजल के दामों मंे लगातार कमी आई है। जनता का विश्वास बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सक्षम रूप से सरकार को चला रहे हैं। काले धन मुद्दे को लेकर सरकार बेहतर कार्य कर रही है। भ्रष्टाचार समाप्त हो रहा है। पिछली सरकार के कार्यो पर बोलते हुए उन्होंने कहा कांग्रेस ने लगातार भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया मात्र जनता को कोरे आश्वासन देकर छलने का काम कांग्रेस की केन्द्र सरकार ने किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विदेशी नीतियों मंे व्यापक बदलाव ला रहे हैं। सीमायें सुरक्षित हैं विदेशी आर्कमणों को रोकने के लिये सरकार सक्षम हैं। गंगा के मुद्दे पर बोलते हुए उन्होंने कहा अनेकों लाभकारी योजनायें गंगा के प्रदूषण को दूर करने के लिये लागू करायी जा रही है। गंगा हमारी संस्कृति की पहचान है। गंगा को निर्मल स्वच्छ रखने के लिये हमें स्वयं भी कार्य करने होगें। गंगा के अस्तित्व को बचाने के लिये केन्द्र सरकार व्यापक स्तर पर ठोस नीतियां बना रही है। भाजपा का लगातार जनाधार बढ़ रहा है। अब लोगांे को महंगाई से राहत मिल गई है। भ्रष्टाचारों पर अंकुश लग रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सशक्त रूप मंे देश को चलाने मंे सक्षम दिखाई पड़ रहे है। कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा 10 वर्र्षाे का कार्यकाल निराशाजनक रहा देश में विकास कार्य अवरूद्ध रहे भ्रष्टाचार महंगाई लगातार कांग्रेस के शासनकाल मंे रही। अब जमाखोरों महंगाई पेट्रोल डीजल के दामों मंे लगातार कमी हो रही है। जो कि जनता के लिये राहत की बात है।

यूटिलिटी खाई में गिरी, छह लोगों की मौत, 11 घायल
  • -कालसी क्षेत्र के पुनाह से विकासनगर की ओर आ रही थी यूटिलिटी
  • -गंभीर रूप से घायल चार लोगों को देहरादून रेफर किया गया 

देहरादून, 16 नवम्बर(निस)। कालसी क्षेत्र के पुनाह से विकासनगर की ओर आ रही एक ओवरलोडेड यूटिलिटी के खाई में गिरने से उसमें सवार छह लोगों की मौके पर ही मौत हो गई जबकि 10 लोग घायल हो गए। घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र विकासनगर में भर्ती कराया गया है, जबकि गंभीर रूप से घायल चार लोगों को देहरादून रेफर किया गया है। जानकारी के अनुसार रविवार को सुबह साढ़े आठ बजे के करीब यूटिलिटी संख्या यूके-07के-1994 पुनाह से विकासनगर के लिए चली थी। पुनाह से कुछ ही दूरी पर अचानक यूटिलिटी अनियंत्रित होकर गहरी खाई में जा गिरी। दुर्घटना के वक्त यूटिलिटी में 17 लोग सवार थे। यूटिलिटी के दुर्घटनाग्रस्त होने से उसमें सवार छह लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 11 लोग घायल हो गए। मृतकों में यूटिलिटी चालक बिजऊ निवासी देवी सिंह पुत्र अनंतराम, भालनू निवासी किशन सिंह पुत्र नैन सिंह, काहा निवासी मुन्ना सिंह तोमर पुत्र मोहर सिंह, काहा निवासी शीला देवी पत्नी सरदार सिंह, घोड़ा निवासी अशोकी देवी पत्नी विजयराम, पूरण सिंह पुत्र गुलाब सिंह शामिल हैं। घायलों में सुल्तान सिंह पुत्र मोहर सिंह, उजला देवी पत्नी नरेंद्र,  जेठू दास पुत्र चादून दास, उज्वला पुत्री सरदार सिंह, रीखाराम पुत्र शेर सिंह, मदन सिंह पुत्र धनिराम, तानिया पुत्र जेठू, कुंवर सिंह पुत्र गुमान सिंह, विजय सिंह पुत्र कन्हैया सिंह, चमो देवी पत्नी नारायण सिंह शामिल हैं। घायलों को उपचार के लिए इमरजेंसी सेवा-108 से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र विकासनगर में भर्ती कराया गया है, जहां से कि गंभीर रूप से घायल उज्वला देवी, जेठू दास, रीखा राम व तानिया को को दून चिकित्सालय के लिए रेफर किया गया है। दुर्घटना की सूचना पर आस-पास के ग्रामीण काफी संख्या में मौके पर पहुंचे और खाई से घायलों को निकालने में जुटे, ग्रामीणों द्वारा दुर्घटना की सूचना पुलिस और इमरजेंसी सेवा-108 को दी गई। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने स्थानीय ग्रामीणों की मदद से घायलों और मृतकों के शवों को खाई से बाहर निकाला।  मृतकों का मौके पर ही पोस्टमार्टम कराया गया। पोस्टमार्टम के पश्चात शवों का कालसी में यमुना नदी में सामूहिक रूप से अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस दुर्घटना से क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है। मुख्यमंत्री हरीश रावत और राज्यपाल डा.  अजीज कुरैशी ने इस दुर्घटना पर गहरा दुःख व्यक्त करते हुए ईश्वर से मृतकों की आत्मा की शांति और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की है। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इस सड़क दुर्घटना पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। उन्होंने दिवंगत लोगों की आत्मा की शांति एवं घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की ईश्वर से कामना की है। उन्होंने जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को घायलों का उचित उपचार करने के निर्देश दिये हैं। राज्य आपदाकालीन परिचालन केन्द्र से प्राप्त सूचना के अनुसार यूटीलिटी में 17 लोग सवार थे, जिनमें 6 की मृत्यु हो गई और 11 घायल हो गये है। घायलों को पी0एच0सी0 विकासनगर में भर्ती किया गया है।  

प्रदेश सरकार की कथनी और करनी में भारी अन्तरः अजय भट्ट

देहरादून, 16 नवम्बर(निस)। नेता प्रतिपक्ष उत्तराखण्ड विधानसभा अजय भट्ट ने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार उसी राह पर चल रही है जिस पर उनकी पूर्ववर्ती केन्द्र की कांग्रेस सरकार चल रही थी, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने डीजल और पेट्रोल की कीमतों में कई बार कटौती कर देश की जनता को महंगाई से निजात दिलाने का बीड़ा उठाया है। वहीं प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने प्रदेश में डीजल, इमारती लकड़ी व उपखनिजों की कीमतों पर वैट बढ़ाकर अहसास करा दिया है कि उनकी सरकार जनविरोधी ही है। श्री भट्ट ने कहा कि प्रदेश सरकार ने कैबिनेट में गुपचुप तरीके से विगत दिनों डीजल समेत उपखनिजों पर वैट 5 प्रतिशत से बढ़ाकर सीधे 13.5 प्रतिशत कर दिया इससे आमजन की जेब पर सरकार ने कैंची चलाई जबकि सरकार ने अपनों को लालबत्तियाॅ रेवडि़यों की तरह बाॅटनें में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने अपनों को लालबत्ती के साथ ही कैबिनेट स्तर की तमाम सुख-सुविधाओं से नवाजा है जिसमें महीनें में करोड़ों रूपये का खर्च जनता की कमाई से लुटाया जा रहा है सरकार का ध्यान इस ओर तो नहीं गया किन्तु वैट बढ़ाकर जनता की जेब पर अपनी लालबत्तियों के साथ ही महंगाई से भी कैंची चलाने का पूरा प्रबंध सरकार ने कर दिया। श्री भट्ट ने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार जनविरोधी है सरकार अपनों को खुश करने व अपनी कुर्सी बचाने के लिए जनता पर किसी भी स्तर तक बोझ बढ़ा सकती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आये दिन हड़तालों के कारण आमजन के कोई भी कार्य नहीं हो रहे हैं। श्री भट्ट ने कहा कि सरकार की कथनी और करनी में भारी अन्तर है सरकार आमजन को लुभाने के लिए कई प्रकार के मीठे-मीठे बोल बोलती है और उसमें भी अपना चेहरा चमकाने के लिए करोड़ों रूपये जनता का ही खर्च करती है किन्तु बाद में चुपचाप तरीके से अपने वायदे से ही हाथ पीछे खींच लेती है। उन्होंने कहा कि इसका ताजा उदाहरण गत दिनों माननीय मुख्यमंत्री जी ने कहा था कि केदारनाथ में आपदा प्रभावितों क्षेत्रों में बैंक ऋणदाताओं के दो वर्ष का ब्याज वे मुख्यमंत्री राहत कोष से देंगे, किन्तु सरकार ने अपने इस फैसले से भी चुपचाप तरीके से पलटी मारकर अब दो वर्ष की जगह एक ही वित्तीय वर्ष के लिए बैंकों का ब्याज माफी का निर्णय लिया है। श्री भट्ट ने कहा कि आपदा पीडि़तों के साथ इससे भद्दा मजाक और क्या हो सकता है। उन्होंने कहा कि पहले सरकार आपदा पीडि़तों को अच्छे-अच्छे सपने दिखा रही है और अपना प्रचार कर अब चुपचुप तरीके से उनके कटे में नमक छिड़कने का कार्य कर रही है। श्री भट्ट ने कहा कि जहाॅ आपदा पीडि़तों को आपदा के डेढ़ वर्ष से भी अधिक समय व्यतीत होने के बाद भी आज तक मुआवजा नहीं मिल पाया वहीं सरकार आपदा पीडि़तों को इस तरह छलकर हतोत्साहित करने का कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार के पास यदि गुंजाइस नहीं है तो इस प्रकार के झूठे वायदे करना बंद करे अन्यथा जो पूर्व में कहा है उस वायदे को निभाये। श्री भट्ट ने कहा कि सरकार को प्रदेश की कितनी चिंता है इसका अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि प्रदेश में 13वें वित्त आयोग में राज्य को मिली रू0 1200 करोड़ की धनराशि में से अभी तक का खर्च का ब्यौरा तक सरकार के पास उपलब्ध नहीं है इससे लगभग रू0 800 करोड़ से भी अधिक की धनराशि का लैप्स होना निश्चित है। उन्होंने कहा कि सरकार की लापरवाही के कारण प्रदेश को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा यह सब सरकार की लापरवाही के कारण हुआ है, क्योंकि प्रदेश के बजट और विकास कार्यों की चिंता सरकार को कतई नहीं है सरकार आये दिन अपने घर के झगड़ों को निपटाने और अपनी कुर्सी को सलामत रखने की चिंता में ही दिन बिता रही है, जिससे प्रदेश की जनता को चारों ओर से नुकसान उठाना पड़ रहा है।

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