- मामला विश्व विद्यालय में छात्र परिसद चुनाव का
- उपद्रवी छात्रों ने कार्यकारी कुलपति और रेक्टर को तो अपना निशाना बनाया ही तोड़फोड़ व पथराव के साथ वाहनों को आग के हवाले कर दी
वाराणसी। शिक्षा के क्षेत्र में भारत ही नहीं पूरी दुनिया में नाम रोशन कर चुका काशी हिंदू विश्वविद्यालय परिसर अरसे बाद एक बार फिर अराजकता की भेट चढ़ता दिखाई दे रहा है। वाइस चांसलर रस्तोगी के कार्यकाल के बाद से फिर बीएचयू अशांत होने लगा है। गुरुवार को बीएचयू परिसर फिर तांड़व का क्षेत्र बन गया। मामला विश्व विद्यालय में छात्र परिसद चुनाव का है। गुरुवार को सायंकाल विश्व विद्यालय के कार्यप्रणाली से नाराज होकर न सिर्फ जमकर हंगामा किया, बल्कि तोड़फोड़ व आगजनी की घटनाएं भी कर डाली। उपद्रवी छात्रों ने कार्यकारी कुलपति राजीव संगल और रेक्टर प्रो. कमलशील को भी अपना निशाना तो बनाया ही परिसर में कई स्थानों तोड़फोड़ व पथराव भी किया। टाटा मैजिक व बाइक सहित कई वाहनों को आग के हवाले कर दी। बिगड़े हालात को संभालने पहुंचे पुलिस वालों को भी छात्रों के पथराव का सामना करना पड़ा। छात्र संघ की मांग लेकर उन्होंने यूनिवर्सिटी प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। हालांकि पुलिस ने लाठी भांजकर आक्रोशित छात्रों को खदेड़ने में सफल रहे। इसके लिए पुलिस वालों को कई राउंड फायरिंग भी करनी पड़ी। पथराव और पुलिस फायरिंग में एक सब इंस्पेक्टर समेत कई छात्रों के घायल होने की खबर है। सुबह से शाम तक चले विरोध प्रदर्शन को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त फोर्स के साथ जिलाधिकारी प्रांजल यादव समेत कई आला अधिकारी परिसर में पहुंचकर हालात का जायजा लिया।
आज सुबह बीएचयू में छात्र परिषद चुनाव के लिए जब नामांकन प्रक्रिया शुरु हुई तो छात्रों ने विरोध किया और छात्रों के अलग-अलग ग्रुप ने विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार से लेकर विभिन्न संकायों और छात्र कल्याण भवन में प्रदर्शन भी किया। सुबह 11 बजे सिंह द्वार पर माहौल उस वक्त गर्म हो गया जब वहां द्वार बंद कर बैठे छात्रों को खदेड़ने के लिए पीएसी ने पथराव कर दिया। परिसर की ओर लौटे छात्रों ने लाठीचार्ज का जवाब पथराव से दिया। यहां लाठीचार्ज और पथराव में लगभग एक दर्जन छात्र घायल हो गए। एक सब इंस्पेक्टर को भी चोटें आईं। उसी दौरान सर सुंदरलाल चिकित्सालय में मरीजों व तीमारदारों की भारी भीड़ जमा थी। उनमें भी अफरातफरी मच गई। लोग इधर-उधर भागने लगे। छात्रों के उग्र रुप को देखते हुए प्रशासन ने सभी प्रवेश द्वार बंद करा दिए। इससे छात्रों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। इसके बाद छात्रों का हुजूम बिड़ला-सी हॉस्टल के सामने जुटा और सामने से गुजर रहे एक मालवाहक वाहन (टाटा मैजिक) को फूंक दिया। वह पूरी तरह जल गया। ड्राइवर किसी तरह जान बचाकर भागा। इसकी सूचना मिलने पर मुख्य द्वार व अन्य स्थानों पर जमा पुलिस भी हॉस्टल की ओर पहुंचकर स्थिति छात्रों को काबू करना चाहा तो छात्रों ने एक बार फिर पथराव शुरू कर दिया। छात्रों को तितरबितर करने के लिए पुलिस ने कई राउंड हवा में गोलियां चलाईं और रबर बुलेट छोड़े। पुलिस की जवाबी कार्रवाई से सहमें छात्र हॉस्टल में अंदर चले गए और वहीं से प्रशासन विरोधी नारेबाजी करने लगे। कुछ देर बाद जिलाधिकारी व अन्य अफसर भी वहां पहुंच गए। उनके निर्देश पर पुलिस के जवान हॉस्टल में घुस गए और कमरों में घुसकर छात्रों की पिटाई शुरू कर दी। पुलिस पिटाई से कई छात्र लहूलुहान हो गए। यहां से बचकर निकले प्रदर्शनकारियों का एक ग्रुप सेंट्रल आफिस पहुंचा और वहां खड़ी एक बाइक में आग लगा दिया। वहां कुलपति कार्यालय में तोड़फोड़ की। कक्ष में बैठे प्रभारी कुलपति और रेक्टर प्रो. कमलशील को भी पीट दिया। सुरक्षा गार्डों की ओर से चलाई गोली से शिवम नामक छात्र घायल हो गया। गोली के उसके पैर में लगी है। उसे पुलिस ने सर सुंदरलाल चिकित्सालय में भर्ती कराया है। इसके अलावा बिड़ला-सी हॉस्टल के पास पुलिस फायरिंग से योगेश नामक छात्र के भी घायल होने की सूचना है। शाम 4-6 बजे के बीच चले उपद्रव के बाद पूरा परिसर पुलिस व अर्द्धसैनिक बलों की छावनी में तब्दील हो गया है।
छात्र परिषद के विरोध में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के सदस्य भी काफी संख्या में मौजूद हैं। कई पूर्व छात्र नेता भी इस आंदोलन में कूद पड़े हैं। इतना ही नहीं, विरोध कर रहे छात्रों ने नामांकन पत्रों को भी फाड़ दिया है। छात्र नेता संजीव सिंह ने बताया कि वे चाहते हैं कि यूनिवर्सिटी में छात्र संघ बने। छात्र परिषद में डीन ऑफ स्टूडेंट के हाथ में सारी चीजें होती हैं। वह यूनिवर्सिटी प्रशासन के मुताबिक, चीजों को देखता है। छात्र परिषद का चुनाव छात्रों के साथ सिर्फ छलावा है। बताते चलें कि छात्र संघ की मांग को लेकर बीएचयू के छात्र लगातार आंदोलन कर रहे हैं। हाल ही में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने आईं थी। बीएचयू छात्रों ने तब उनका रास्ता रोक लिया था। कुछ लड़कियां तो उनकी गाड़ी के आगे लेट गई थी। उन्होंने छात्र संघ चुनाव के संबंध में ईरानी को एक ज्ञापन भी सौंपा था।
(सुरेश गांधी)
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