कांग्रेस तथा जद.यू. के बाद माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने भी भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन लाने के लिए अध्यादेश का सहारा लेने पर भाजपा सरकार की कड़ी आलोचना की है और कहा है कि सरकार ने कारपोरेट तथा बिल्डर माफिया के हितों की रक्षा के लिए यह कदम उठाया है। गौरतलब है कि कल अध्यादेश को मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलने पर कांग्रेस तथा जद.यू. ने भी इसका कड़ा विरोध किया था। माकपा पोलित ब्यूरो द्वारा आज यहां जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि सरकार ने यह अध्यादेश लाकर किसानों तथा भू.मालिकों के अधिकारों को छीन लिया है।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि भाजपा सरकार का यह फैसला कोयला खदानों के निजीकरण तथा बीमा क्षेत्र में एफ डी आई बढ़ाने की कवायद का ही हिस्सा है। माकपा ने कहा है कि भाजपा नीत राजग सरकार संसद की अवहेलना कर अध्यादेशों के जरिए सरकार चलाना चाहती है और अपनी अधिनायकवादी प्रवृतियों को प्रर्दशित कर रही है। पार्टी ने सभी लोकतांत्रिक शक्तियों से मोदी सरकार की इस गैर.लोकतांत्रिक तथा अधिनायकवादी कार्रवाई का विरोध करने के लिए आगे आने तथा एकजुट होने की अपील की है।
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