भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने आस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरा टेस्ट ड्रा समाप्त होने के तुरंत बाद टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने की चाैंकाने वाली घोषणा कर दी। धोनी ने मेलबोर्न टेस्ट ड्रा होने के बाद प्रेजेंटेशन में किसी तरह का कोई संकेत नहीं दिया था कि वह इस तरह की घोषणा करने जा रहे हैं लेकिन मैच समाप्ति के कुछ देर बाद ही भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड. बीसीसीआई ने एक बयान जारी कर बताया कि धोनी ने खेल के तीनों प्रारूप के शरीर पर बढ़ते दबाव के कारण टेस्ट क्रि केट छोड़ने का फैसला किया है ताकि वह खेल के दो छोटे फार्मेट वनडे औरट्वेंटी 20 पर अपना ध्यान केंदि्रत कर सकें। धोनी अपने संन्यास के कारण अब सिडनी में चौथे टेस्ट से भी बाहर हो गये हैं और उनकी जगह रिद्धिमान साहा को उतारा जाएगा।
धोनी ने आस्ट्रेलिया दौरे में चोट के कारण एडिलेड में पहले टेस्ट में कप्तानी नहीं की थी लेकिन वह बिस्बेन में दूसरे टेस्ट में कप्तानी करने लौटे जो भारत हारकर सीरीज में 0..2 से पिछड़ गया। तीसरा टेस्ट ड्रा रहने के बाद भारत ने आस्ट्रेलिया से बार्डर गावस्कर ट्राफी गंवा दी। भारत ने यह ट्राफी आस्ट्रेलिया से पिछली घरेलू सीरीज में 4..0 की क्लीन स्वीप के साथ कब्जाई थी। बीसीसीआई के सचिव संजय पटेल ने बयान में कहा..धोनी भारत के महानतम कप्तान है और उन्होंने टेस्ट क्रिकेट को तत्काल प्रभाव से छोड़ने का फैसला किया है। वह अब वनडे और ंवटी 20 पर अपना ध्यान केंदि्रत करेंगे। धोनी की जगह अब विराट चौथे टेस्ट में भारत की कप्तानी संभालेंगे जो छह जनवरी से सिडनी में शुरू होगा।
धोनी ने भारत के लिये 90 टेस्ट खेले जिसमें उन्होंने 38.09 के औसत से कुल 4876 रन बनाये। धोनी ने छह शतक और 33 अद्र्धशतक बनाये जबकि विकेट के पीछे उन्होंने टेस्ट मैचों में 256 कैच और 38 स्टम्पिंग सहित कुल 294 शिकार किये। धोनी ने अपना टेस्ट करियर दो दिसंबर 2005 को चेन्नई में श्रीलंका के खिलाफ शुरू किया था और लंबे प्रारूप से उन्होंने 30 दिसंबर 2014 को संन्यास ले लिया। देश में सचिन तेंदुलकर के बाद सबसे अधिक लोकप्रिय खिलाड़ी और खेल के सबसे बड़े ब्रांड धोनी भारत के सफलतम टेस्ट और वनडे कप्तान हैं। धोनी ने सवार्धिक 60 मैचों में भारत की कप्तानी की जिसमें उन्होंने 27 जीते .18 हारे और 15 ड्रा खेले। धोनी के बाद कप्तानी के मामले में सौरभ गांगुली दूसरे नंबर पर है जिन्होंने 49 मैचों में 21 जीते।
विदेशी जमीन पर टेस्ट मैचों में कप्तानी को लेकर पिछले कुछ वर्षों में लगातार आलोचना का शिकार होते रहे जिसके कारण उन्हें टेस्ट कप्तानी से लेकर हटाने की बातें उठनी लगी थी और अब उन्होंने टेस्ट कप्तानी से ही नहीं बल्कि टेस्ट क्रिकेट से भी संन्यास ले लिया है। आस्ट्रेलिया में सीरीज में 0..2 से पिछड़ चुके भारत को अब धोनी के संन्यास के झटके से उबरने में समय लगेगा। धोनी ने मेलबोर्न में तीसरे टेस्ट में विषम परिस्थितियों में पूरे जज्बे के साथ खेलते हुये नाबाद 24 रन बनाकर मैच ड्रा करा दिया। धोनी ने इस मैच के दौरान इस बात की कतई भनक नहीं लगने दी कि उनके दिमाग मे क्या चल रहा है। आखिर टेस्ट ड्रा होने के कुछ देर बाद ही इस दिग्गज बल्लेबाज ने संन्यास की घोषणा कर साल 2014 का सबसे बड़ा धमाका कर दिया।
देश के सबसे करिश्माई कप्तान धोनी ने सभी प्रकार के फार्मेट मे शीर्ष स्थान हासिल किये थे। उन्होंने दिसंबर 2009 से लेकर 18 महीनों तक भारत को टेस्ट रैंकिंग में नंबर एक बनाए रखा था। उनकी कप्तानी में भारत ने 2007 मेंट्वेंटी 20 विश्वकप .2011 में एकदिवसीय विश्वकप और 2013 में आईसीसी चैंपियंस ट्राफी जीती थी। बीसीसीआई ने बयान में कहा.. धोनी भारत के महानतम टेस्ट कप्तानों में एक है जिनके नेतृत्व में भारत टेस्ट रैंकिंग में नंबर एक टीम बना। बीसीसीआई ने धोनी के टेस्ट क्रिकेट के संन्यास लेने के फैसले का सम्मान करते हुये टेस्ट क्रिकेट में उनके अभूतपूर्व योगदान और देश को गौरव दिलाने की सराहना की है और उन्हें अपनी शुभकामनाएं दी है।.
धोनी ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया है लेकिन वह इस सीरीज के बाद आस्ट्रेलिया में मेजबान टीम और इंग्लैंड के साथ होने वाली त्रिकोणीय एकदिवसीय सीरीज में टीम इंडिया की कप्तानी संभालेंगे। इस सीरीज के बाद वह फरवरी मार्च में आस्ट्रेलिया.न्यूजीलैंड में होने वाले एकदिवसीय विश्वकप में अपने खिताब का बचाव करने उतरेंगे।
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