असम के मुख्यमंत्री तरूण गोगोई ने आज स्वीकार किया कि पहले सूचना प्राप्त होने के बावजूद नेशनल डेमाके्र टिक फ्रंटऑफ बोडोलैंड.एनडीएफबी.के नरसंहार को नहीं रोक पाना राज्य और केन्द्र की सुरक्षा एजेंसियों की संयुक्त असफलता है। श्री गोगोई ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि राज्य की सुरक्षा एजेंसियों को इसके बारे में सूचना 23 दिसंबर को दोपहर 12 बजे की करीब मिल गयी थी.जबकि केन्द्रीय सुरक्षा एजेंसियों को यह सूचना हमसे तीन घंटे बाद मिली। उन्होंने कहा कि सूचना होने पर भी इस नरसंहार को नहीं रोक पाना राज्य और केंद्रीय एजेंसियों की संयुक्त असफलता है।उन्होंने माना कि निश्चित तौर पर कमियां रहीं और राज्य सरकार स्थिति के सामान्य होते ही असफलता के कारणों की जांच करेगी। श्री गोगोई ने भारतीय जनता पार्टी .भाजपा. के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि इस घटना में क्या केन्द्र की कोई जिम्मेदारी नहीं है। उन्होंने घटना को राजनीतिक रंग देने के लिए भाजपा की आलोचना करते हुए कहा कि भाजपा ने लोगों के मन में गलत अवधारणा पैदा किया है और वह इसे साफ करने के लिए ही प्रतिक्रिया दे रहे हैं। उन्होंने भाजपा पर लोकसभा चुनाव में एन.डी.एफ.बी. की मदद लेने का आरोप लगाया और कहा कि भाजपा के एक सांसद पर मदद के लिए उग्रवादी नेताों से मिलने के आरोपों की जांच भी चल रही है। उन्होंने बताया कि केंद्र की सरकार असफलता के लिए राज्य की सरकार को न सिर्फ जिम्मेदार ठहरा रही है बल्कि अन्य तरीकों से राज्य के हितों के खिलाफ काम कर रही है।
श्री गोगई ने पश्चिम बंगाल की सरकार पर भी आरोप लगाया कि वह असम के अधिकारियों को पडोसी राज्य में शरण लिए विस्थापितों से मिलने नहीं दे रही है। उन्होंने बताया कि असम के अधिकारी अलीपुरदुआर में रह रहे असम के विस्थापितों से मिलने और उन्हें वापस लाने के लिए गये थे मगर अलीपुरदुआर के उप.आयुक्त ने उन्हें विस्थापितों से मिलने नहीं दिया। उन्होंने बताया कि असम के मुख्य सचिव जितेश खोसला इस मामले पर पश्चिम बंगाल के अपने समकक्ष से बात करेंगे और जरूरत पडने पर वह पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बात करेंगे। ज्ञातव्य है कि एन.डी.एफ.बी. के नरसंहार में 79 लोग मारे गये थे और करीब 2.11 लाख लोग पडोसी राज्यों के शरणार्थी शिविरों में विस्थापित हो गये हैं। लगभग 700 विस्थापित पश्चिम बंगाल के विभिन्न शिविरों में रह रहे हैं। सुश्री बनर्जी ने वहां का दौरा करने के बाद प्रभावितों को मदद और सुरक्षा का आश्वासन भी दिया था।
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