आतंकी गतिविधियां बढ़ने और गणतंत्र दिवस के मौके पर अमेरिका के प्रेजिडेंट बाराक ओबामा के भारत दौरे के मद्देनजर मंगलवार को सुरक्षा इंतजाम की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय मीटिंग की गई। गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अगुआई में हुई इस मीटिंग में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर, सभी सेना प्रमुख और नैशनल सिक्यॉरिटी अडवाइजर अजीत डोभाल भी शामिल हुए। मीटिंग के बाद सेनाध्यक्ष दलबीर सिंह सुहाग ने महज इतना कहा कि इस मीटिंग में देश की सुरक्षा स्थिति पर चर्चा की गई। सूत्रों के अनुसार , मीटिंग में पाकिस्तान-चीन सीमा पर हालात, असम में हाल में हुई हिंसा और रविवार को बेंगलुरु में एक रेस्टोरेंट के बाहर हुए ब्लास्ट की घटनाओं के मद्देनजर मौजूदा सुरक्षा हालात की समीक्षा की गई।
भारत ने भूटान और म्यांमार से उनके यहां पनाह लिए भारतीय उग्रवादी गुटों को वहां से बाहर करने के लिए पहले ही संपर्क किया है। सूत्रों के मुताबिक, गणतंत्र दिवस के दौरान उठाए जाने वाले सुरक्षा कदमों के बारे में भी विस्तार से चर्चा की गई। मालूम हो कि पहले ही पूरे देश में जनवरी भर हाई अलर्ट घोषित किया गया है। आशंका जाहिर की गई है कि आतंकी बड़े शहरों में अपने नापाक मंसूबों को अंजाम देने की साजिश रच रहे हैं।
इस बीच नैशनल सिक्यॉरिटी अडवाइजर अजीत डोभाल ने कैबिनेट सेक्रेटरी अजीत सेठ को चिट्ठी लिखकर कहा कि देशहित में अहम सूचनाएं बाहर लीक नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि गोपनीय सूचनाएं बाहर आने से गंभीर नतीजे सामने आते हैं।
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