वित्त मंत्री अरूण जेटली ने भारतीय रिर्जव बैंक (आरबीआई) पर ब्याज दरो में कमी करने का दबाव बनाने से इनकार करते हुये आज कहा कि उन्होंने सिर्फ विनिर्माण बढाने के लिए कदम उठाये जाने के सुझाव दिये थे। श्री जेटली ने कल यहां मेक इन इंडिया पर आयोजित कार्यशाला का शुभारंभ करते हुये कहा था कि सिर्फ महंगी पूंजी की वजह से विनिर्माण बुरी तरह प्रभावित हुआ है। वित्त मंत्री के इस बयान को लेकर मीडिया में रिर्जव बैंक को ब्याज दरो में कमी करने का संकेत देने को लेकर आयी खबरो का खंडन करते हुये उन्होंने कहा कि उनके बयान को रिर्जव बैंक पर दबाव बनाने जैसे दिखाया गया है जबकि उनकी मंशा सिर्फ विनिर्माण क्षेत्र की चुनौतियाँ बताना था।
श्री जेटली ने इस संबंध में फेसबुक पर लिखा वास्तव में मैंने अपने पूरे भाषण में एकबार भी रिर्जव बैंक या उसके गवर्नर का नाम नहीं लिया। मैंने सिर्फ ऊंची पूंजी लागत का जिक्र किया था और उसे कम किये जाने की आवश्यकता बतायी थी। जो भी मेक इन इंडिया के तहत भारत को विनिर्माण का हब बनाने की बात करेगा वह इस तरह का सुझाव तो देगा ही। वित्त मंत्री ने अपने भाषण में कहा था कि ऊंची पूंजी लागत की वजह से रिण उठाव सुस्त हो गया है। इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण मंद पड गया है और विनिर्माण महंगी पूंजी सहन करने की स्थिति में नहीं है। उन्होंने फेसबुक पर रिपोर्टिंग विथ एन एजेंडा शीर्षक से लिखा मैने सिर्फ पूंजी लागत कम किये जाने की बात की थी।
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