अन्तर्राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ .आईएफजे. ने आज बताया कि इस साल के अंत तक बम धमाकों.गोलीबारी आदि में मरने वाले पत्रकारों की संख्या पिछले साल से अधिक है। पिछले साल यह संख्या जहाँ 105 थी वहीं इस साल यह बढ़कर 118 हो गयी। महासंघ ने बताया कि इसके अलावा अन्य 17 पत्रकार दुर्घटना और प्राकृतिक आपदाों का शिकार हो गये। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान पत्रकारों के लिये सबसे खतरनाक देश साबित हुआ। जहाँ 14 पत्रकार मारे गये। इसके बाद सीरिया रहा जहाँ 12 पत्रकारों की मौत हुई। संघ ने बताया कि अफगानिस्तान और फिलीस्तीन में नौ.नौ पत्रकार जकि इराक और यूक्रेन में आठ.आठ पत्रकार मरे।
आई एफ जे ने कहा कि इन आँकड़ों से पता चलता है कि पत्रकारों के खिलाफ हिंसा बढ़ी है और सरकारों को पत्रकारों की सुरक्षा के लिये प्राथमिकता से ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सूचना के स्वतंत्र प्रवाह को रोकने के लिये पत्रकारों को निशाना बनाया गया। आई एफ जे के अध्यक्ष जिम बोउमेल्हा ने कहा कि पत्रकारों के खिलाफ बढ़ती हिंसा के बाद सुरक्षा के मद्देनजर बहुत से मीडिया संगठन अपने रिपोर्टरों को लड़ाई क्षेत्रों में भेजने से डरने लगे हैं।
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