जम्मू कश्मीर में सरकार गठन को लेकर कवायद तेज हो गई है. इस बाबत पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ता ने राज्य के गवर्नर एनएन वोहरा से मुलाकात की. बैठक के बाद महबूबा मुफ्ती ने कहा कि यह मुलाकात अनौपचारिक थी, पीडीपी सरकार बनाने के जल्दबाजी नहीं करेगी. मामला विकास के एजेंडे का है, ऐसे में स्थिर सरकार देना जरूरी है.
महबूबा मुफ्ती ने कहा, 'यह बैठक अनौपचारिक थी. जम्मू कश्मीर में इस बार बिखरा हुआ जनादेश आया है. जहां कश्मीर में पीडीपी को बहुमत मिला, वहीं जम्मू में बीजेपी को सबसे ज्यादा सीटें आई हैं. पीडीपी सिर्फ सरकार बनाने के पीछे नहीं भाग रही है. हम जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं लेने वाले. मीडिया रिपोर्ट में तो यहां तक कहा जा रहा है कि पीडीपी के पास 55 से ज्यादा विधायकों का समर्थन प्राप्त है. लेकिन हम सरकार बनाने की जल्दी में नहीं है.'
उन्होंने कहा, 'पीडीपी के एजेंडे को आगे ले जाना है. जम्मू कश्मीर में विकास के एजेंडा को चलाना है. इसकी शुरुआत वाजपेयी जी ने की थी. हम उसे आगे ले जाने की बात कर रहे हैं. हम हर हिस्से के विकास के बारे में सोच रहे हैं. यह केंद्रीय पार्टियों के नेतृत्व के लिए भी चुनौतीपूर्ण मौका है. उन्हें जम्मू कश्मीर के लोगों के विश्वास पर खड़े उतरना चाहिए.' खबर है कि प्रदेश में पीडीपी-बीजेपी गठबंधन की सरकार बन सकती है. दोनों दलों के बीच लंबे दौर की बातचीत के बाद गठबंधन का फॉर्मूला तय हो गया है. सूत्रों ने बताया कि बीजेपी मुफ्ती मोहम्मद सईद को मुख्यमंत्री के तौर समर्थन देने को तैयार है.
इस बीच लॉ डिपार्टमेंट ने 12वें विधानसभा के गठन को लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. आपको बता दें कि 11वीं विधानसभा का कार्यकाल 20 जनवरी 2015 को पूरा होने वाला था. सूत्रों ने बताया कि विधानसभा के 87 नए विधायक सरकार गठन के बाद शपथ ग्रहण करेंगे. इस दौरान गवर्नर एनएन वोहरा प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति करेंगे जो विधायकों को शपथ दिलाएंगे.
नए विधानसभा के गठन को लेकर नोटिफिकेशन कार्यकारी मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से फैक्स पर मंजूरी लेने के बाद जारी किया गया. आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर एक्ट के तहत नए विधानसभा के गठन को लेकर लॉ डिपार्टमेंट नोटिफिकेशन जारी करता है, जबकि अन्य राज्यों में इसकी जिम्मेदारी केंद्रीय चुनाव आयोग के पास होती है.
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